Politalks.News/Delhi/FarmersProtest: पंजाब हो या फिर हरियाणा, उत्तर प्रदेश हो या फिर राजस्थान देश भर के किसान तीनों कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनरत है. दिल्ली पुलिस द्वारा गाजीपुर बॉर्डर पर की गई कीलबन्दी और कांटेदार तारों से की बैरिकेटिंग कर दी है जिसके बार भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता का सुझाव ठुकरा दिया. गाजीपुर बॉर्डर पर किसानो को राकेश टिकैत ने एक नया नारा दिया है- ‘कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं’. वहीं राज्यसभा सांसद एवं शिवसेना नेता संजय राउत और अरविंद सावंत आज गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे जहाँ उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाक़ात की और राकेश टिकैत को विश्वास दिलाया की हम पूरी ताकत के साथ किसानों के साथ हैं.
दरअसल, यूपी गेट पर 28 नवंबर से चल रहे कृषि कानून विरोधी आंदोलन में सोमवार को आंदोलनकारियों की भारी भीड़ रही. इस मौके पर राकेश टिकैत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 18 माह कृषि कानून स्थगित करने वाले प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. राकेश टिकैत ने कहा है कि तीनों कानून वापस हो और एमएसपी की की गारंटी मिले तभी किसान उठेंगे. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अक्टूबर तक भी खत्म नहीं होगा. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमने सरकार को बता दिया कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा. अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे. बातचीत भी चलती रहेगी. राकेश टिकैत ने कहा कि नौजवानों को बहकाया गया, उनको लाल किले का रास्ता बताया गया कि पंजाब की कौम बदनाम हो. किसान कौम को बदनाम करने की कोशिश की गई है. इस दौरान राकेश टिकैत ने एक नारा दिया ‘कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं’.
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वहीं राकेश टिकैत से मिलने पहुंचे राज्यसभा सांसद और शिवसेना के दिग्गज नेता संजय राउत ने कहा कि हमारे शिवसेना के सभी सांसद यहां आए हैं. हमारी राकेश टिकैत से बात हो गई है और उन्हें जो संदेश देना था हमने दे दिया. हम पूरी ताकत से उनके साथ रहेंगे, केंद्र सरकार को किसानो से ठीक से बात करनी चाहिए, और इस बात में किसी भी तरह की राजनीति नहीं आनी चाहिए.
वहीं, इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि अगर विपक्ष हमारा समर्थन करने के लिए आ रहा है तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. अगर नेता आते हैं तो हम कुछ नहीं कर सकते. आंदोलन को किसानों द्वारा अवरुद्ध नहीं किया गया है, यह पुलिस बैरिकेडिंग के कारण है.
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दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या में इजाफा होने के चलते कड़ी सुरक्षा कर दी गई है. सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया है. किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस की ओर से भी विशेष इंतजाम किए गए हैं.