Politalks.News/Sansad. संसद के शीतकालीन सत्र की आज पहले दिन की शुरुआत हंगामेदार रही. हालांकि केंद्र सरकार ने इस हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से ‘कृषि क़ानून निरसन विधेयक, 2021’ पास हो गया है. दोनों सदनों में जब ये बिल पेश किया गया तो तो कांग्रेस सहित अन्य दलों ने इस बिल पर चर्चा के लिए स्पीकर के समक्ष प्रस्ताव रखा. लेकिन सूत्रों का कहना है कि सरकार इस कानून पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि,‘सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है. संसद में सवाल भी हो और शांति भी, लेकिन सदन और चेयर का सम्मान होना चाहिए.’
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में आज केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं. हालांकि कानून वापसी के दौरान सदन में जमकर हंगामा भी हुआ. शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रेसवार्ता कर कहा कि, ‘संसद का ये सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है. देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, हिंदुस्तान में चारों दिशाओं में आजादी के अमृत महोत्सव निमित रचनात्मक, सकारात्मक, जनहित, राष्ट्रहित के लिए, सामान्य नागरिक अनेक कार्यक्रम कर रहे हैं.’
यह भी पढ़े: वरुण के निशाने पर योगी सरकार, पेपर निरस्त मामले में पूछा- रसूखदार माफिया पर कब होगी कार्रवाई?
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, ‘संविधान दिवस पर भी नए संकल्प के साथ संविधान की spirit को चरितार्थ करने के लिए हर किसी के दायित्व के संबंध में पूरे देश ने एक संकल्प किया है. देश भी चाहेगा कि भारत की संसद ये सत्र और आने वाले सभी सत्र, आजादी के दीवानों की भावनाओं के अनुकूल देशहित में चर्चाएं करें.’ उन्होंने कहा कि, ‘हम चाहते हैं कि संसद में सरकार की नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए हो, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा के विषय में हम वो आचरण करें, जो आने वाले दिनों में देश की युवा पीढ़ी के काम आए.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘भविष्य में संसद को कैसा चलाया, कितना अच्छा योगदान दिया, कितना सकारात्मक काम हुआ, उस तराजू पर तोला जाए. न कि मापदंड ये होना चाहिए कि किसने कितना जोर लगाकर सत्र को रोका. सरकार हर विषय पर खुली चर्चा के लिए तैयार है. हम ये भी चाहते हैं कि संसद में सवाल भी हों और शांति भी हो.’
यह भी पढ़े: ऐसे ही नहीं हुई कानूनों की वापसी और कम हुए पेट्रोल-डीजल के दाम, यूपी के साथ 2024 का है मास्टरप्लान
बता दें कि संसद का ये शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान कामकाज के कुल 19 दिन होंगे और इसमें करीब 30 बिल संसद में पेश किए जाएंगे, जिनमें से एक ‘कृषि कानून निरसन विधेयक-2021’ लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पास हो गया है. अब इस बिल को राज्यसभा में भेजा जाएगा. बताया जा रहा है कि पिछली बार ‘मानसून सत्र’ की तरह ही ‘शीतकालीन सत्र’ भी विपक्ष के हंगामेदार रहने के आसार हैं.