सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच तारतम्य बिठाने जयपुर पहुंचे गांधी परिवार के खास वेणुगोपाल

एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल का अचानक जयपुर आना बना चर्चा का विषय:

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एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल का अचानक जयपुर आना बना चर्चा का विषय:

अमूमन विशेष परिस्थितियों में आने वाले केसी वेणुगोपाल अचानक पहुंचे जयपुर, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने होटल मेरियट पहुंच कर किया वेणुगोपाल का स्वागत, पार्टी गतिविधियों से कराया वेणुगोपाल को अवगत, अब पहले सचिन पायलट और फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात करेंगे केसी वेणुगोपाल.

वेणुगोपाल के यूं अचानक जयपुर आने को लेकर चर्चाओं का बाजार हुआ गर्म, प्रदेश में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रीमंडल विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा वेणुगोपाल की इस यात्रा को, सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान एक बार फिर है अपने परवान पर, दरअसल सबसे पहले तो सीएम गहलोत नहीं देना चाहते पायलट कैम्प को एक भी मंत्री पद, और देना भी पड़े तो सिर्फ दो पदों पर दे सकते हैं अपनी सहमति, वहीं सचिन पायलट इससे ज्यादा अपने विधायकों को दिलाना चाहते हैं मंत्री पद, कम से कम 5 और ज्यादा विधायकों को दिलवाना चाहते हैं मंत्री पद, वहीं 8 से 10 विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियों में करवाना चाहते हैं एडजस्ट, पायलट की प्रदेश कार्यकारिणी में बिलकुल भी नहीं थी रुचि, बिना मांगे ही पायलट कैम्प के विधायक और कार्यकर्ताओं को कार्यकारिणी में मिली है जगह, यही वजह थी कि चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी का आया था चौंकाने वाला बयान, सोलंकी ने कहा था- ‘विधायकों को कार्यकारिणी में लेने की नहीं थी कोई आवश्यकता’ सूत्रों की मानें तो सचिन पायलट ने दिया है जनवरी तक का समय, जनवरी के महीने में हर हाल में हो जाए नियुक्तियों और मंत्रिमंडल विस्तार का चैप्टर क्लोज, इसके बाद पायलट करेंगे पूरे प्रदेश का दौरा, एक-एक विधानसभा में जाकर पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे पायलट, वहीं अगर अब इस माह में नहीं होता है मंत्रिमंडल विस्तार और नियुक्तियों का काम, तो फिर एक बार आ सकता सियासी भूचाल, लेकिन यह भी तय है कि किसी भी हाल में बीजेपी में नहीं जाएंगे पायलट, खैर यह सब है जनवरी माह के बाद कि बात, फिलहाल केसी वेणुगोपाल पहुंचे हैं दोनों के बीच तारतम्य बिठाने, आलाकमान द्वारा पूर्व में गठित गहलोत-पायलट विवाद निपटारा समिति में भी यही थे शामिल, अजय माकन पहले ही कर चुके हैं अपना होमवर्क पूरा, लेकिन अजय माकन के फार्मूले पर नहीं बनी है बात, अहमद भाई पटेल हैं नहीं अब इस दुनिया में, बस अब गांधी परिवार के खास केसी वेणुगोपाल पर से बंधी है आस

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