कटारिया मेरे बड़े भाई की तरह, मैं उन्हें गाली कैसे दे सकता हूं- सदन में गाली देने के आरोप पर बोले आंजना

विधानसभा में भिड़े सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, बीजेपी विधायकों ने आंजना पर कटारिया को गाली देने का लगाया आरोप, स्पीकर जोशी ने कहा- सदन में जितना सम्मान मुख्यमंत्री का है उतना ही नेता प्रतिपक्ष का भी है

Img 20210318 071140
Img 20210318 071140

Politalks.News/RajasthanAssembly. राजस्थान की 15वीं विधानसभा के षष्ठम सत्र 18वें दिन की कार्यवाही में भी गहलोत सरकार पर कथित फोन टैपिंग का मुद्दा गरमाया रहा. फोन टैपिंग मुद्दे पर चर्चा के दौरान बुधवार को भी कई बार हंगामा हुआ और विधानसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. यही नहीं विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी गाली गलौच को लेकर सत्तापक्ष और बीजेपी विधायकों में जमकर विवाद हुआ. दरअसल, बहस के दौरान हंगामे के चलते जब दूसरी बार सभापति महेंद्रजीत मालवीय ने सदन की कार्यवाही आधा घंटे के लिए स्थगित कर दी थी, तो भी भाजपा और कांग्रेस विधायकों के बीच सदन में बहस चलती रही. इसी दौरान भाजपा के सचेतक जोगेश्वर गर्ग और विधायक अनीता भदेल ने सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना पर आरोप लगाया कि आंजना ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को गाली दी है.

हालांकि भाजपा विधायकों के आरोप पर मंत्री उदय लाल आंजना ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने किसी को गाली नहीं दी, लेकिन हंगामे के बीच गुलाबचंद कटारिया उत्तेजित होकर आंजना से भिड़ गए. इस पर आंजना भी तैश में आ गए और दोनों ने एक दूसरे को देख लेने की धमकी भी दी. इस दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी बोले पड़े कि सदन में मां-बहन की गाली सुनने के लिए नहीं आए हैं, ये बर्दाश्त नहीं करेंगे. वहीं कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने यह कहते हुए मन्त्रिबउदय लाल आंजना का बचाव किया कि आंजना ने किसी को गाली नहीं दी. लेकिन, भाजपा विधायक इस बात को मानने को तैयार नहीं थे. इस पर तैश में आए आंजना गुस्से में भाजपा विधायकों की तरफ बढ़ने लगे तो तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने उन्हें पकड़ा और जबरदस्ती बाहर ले गए.

यह भी पढ़ें: पायलट समर्थक दो और विधायकों की खुलकर नाराजगी आई सामने, सदन में घेरा गहलोत सरकार को

इसी बीच आधा घण्टा पूरा हो गया और सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई. इस दौरान स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि मुझे बताया गया कि उदयलाल आंजना जी और कटारिया जी के बीच बहस हुई है. जोशी ने कहा कि सदन में जितना सम्मान मुख्यमंत्री का है, उतना ही सम्मान नेता प्रतिपक्ष का भी होना चाहिए. इसके बाद स्पीकर जोशी ने कटारिया से मामले को खत्म करने की अपील की और विवाद खत्म हो गया और फिर से विधानसभा में अनुदान मांगों पर बहस शुरू हुई.

कटारिया जी मेरे बड़े भाई की तरह, मुझे बदनाम करने के लिए मुद्दा बनाया गया
विवाद के शांत होने के बाद सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना ने बड़े विनम्र भाव से कहा कि, ‘गुलाबचंद कटारिया जी का मैं बड़े भाई की तरह सम्मान करता हूं, वे हमारे मेवाड़ के बड़े नता हैं. मैं उन्हें गाली देने की बात सोच ही नहीं सकता, गाली देना तो मेरे नेचर में ही नहीं हैं. मैं तो केवल कटारियाजी को समझा रहा था और फिर चला गया, बाद में पीछे से भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी की वजह से इसे मुद्दा बनाया गया और मुझे बदनाम करने के लिए कटारिया जी को गाली देने का आरोप लगाया गया.’

Leave a Reply