जबरदस्त विरोध के बाद महाराणा प्रताप पर दिए विवादित बयान के लिए कटारिया ने मांगी माफी

गुलाबचंद कटारिया ने महाराणा प्रताप के लिए तू-तड़ाके की भाषा, जंगलों में रोता-फिरता, पागल कुत्ते के काटने जैसे शब्दों का इस्तेमाल अपने भाषण में किया, कई सामाजिक संगठनों और कांग्रेस के विरोध के बाद बोले कटारिया- प्रताप के प्रति मेरी अनन्य श्रद्धा है, ऐसे में जिन लोगों का मेरे उस बयान से दिल दुखा, मैं उन सभी लोगों से माफी मांगता हूं

विवादित बयान के लिए कटारिया ने मांगी माफी
विवादित बयान के लिए कटारिया ने मांगी माफी

Politalks.News/Rajasthan. अपने विवादित बोल को लेकर ज्यादातर समय सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी के उम्रदराज और दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया की राजसमंद उपचुनाव की रविवार रात कुंवारिया क्षेत्र में हुई एक जनसभा सभा में एक बार फिर जबान फिसल गई. जनसभा को संबोधित करते हुए गुलाबचंद कटारिया ने महाराणा प्रताप को लेकर विवादित बयान दे दिया, जिसके बाद कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने कटारिया का विरोध शुरू कर दिया. सोमवार को शहर में हुई भाजपा की एक बड़ी सभा में कटारिया के विरोध में नारेबाजी भी हुई. वहीं अब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए माफी मांगी है.

दरअसल, गुलाबचंद कटारिया रविवार रात राजसमंद में हुई एक जनसभा में महाराणा प्रताप के संघर्ष की दुहाई देते हुए कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनकी जबान फिसल गई. गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि, “हमारे पूर्वज 1000 साल तक लड़े हैं. यह महाराणा प्रताप अभी गया ना, उसे क्या पागल कुत्ते ने काटा था, जो अपनी राजधानी और अपना घर छोड़कर डूंगर डूंगर रोता फिरा, किसके लिए गया था, कुछ समझ में आता है या नहीं. क्या तुम उस पार्टी के साथ जाओगे.”

हालांकि अपने पूरे भाषण में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने महाराणा प्रताप के संघर्ष और ऐसे ही शासकों के एक हजार साल के संघर्ष को प्रेरणादायी बताते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को इससे सीख लेने की बात कही, लेकिन कटारिया ने जिस तरह से अपनी बात कही, उससे लोगों में जबरदस्त नाराजगी बढ़ गई. इधर, सोशल मीडिया पर कटारिया के इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोमवार को दिनभर लोगों ने तहर-तरह की प्रतिक्रियाएं दी.

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वहीं परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि पहले सतीश पूनियां ने भारत के गौरव आन बान शान के प्रतिक महाराणा प्रताप की प्रतिमा को पांव में रखकर उनका भाजपा के कार्यक्रम में अपमान किया और उसके बाद माफी भी नहीं मांगी, वहीं अब गुलाबचंद कटारिया ने महाराणा प्रताप के बारे में गलत भाषा का प्रयोग करके अपमानजनक तरीके से उनका नाम लेकर जिस भाषा में भाजपा के मंच से भाषण दिया वह भाजपा की महाराणा प्रताप के प्रति छोटी सोच को दर्शाता है. खाचरियावास ने कहा कि भाजपा भगवान राम और महाराणा प्रताप का नाम लेकर वोट लेने की राजनीति करती है लेकिन समय-समय पर भाजपा का असली काला चेहरा, छोटी सोच, छोटी भाषा और अमर्यादित भाषा जनता के सामने आई जाती है.

इधर इस मामले को लेकर सोमवार शाम को कांकरोली के पुराना बस स्टैण्ड पर भाजपा के बड़े नेताओं की मौजूदगी में हुई सभा के बाद एक समाज के कुछ युवाओं ने कटारिया के विरोध में नारेबाजी भी कर दी. इस पर वहां उपस्थित भाजपा के बड़े नेताओं ने उन्हें टोककर चुप करने व समझाने का प्रयास किया. नारेबाजी करते कुछ युवकों को भाजपा और भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने घेर लिया. इस दौरान धक्का-मुक्की भी हुई और माहौल बिगड़ गया.

वहीं इस पूरे विवाद पर गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि महाराणा प्रताप को लेकर मेरे द्वारा दिए गए बयान को काट छांट कर पेश किया गया है. महाराणा प्रताप मेरे लिए पहले भी आदरणीय और सम्माननीय थे. आज भी है, और आगे भी रहेंगे, लेकिन कुछ लोगों द्वारा मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया जबकि मेरी भावना यह नहीं थी. महाराणा प्रताप ने सारे सुख-वैभव को तिलांजलि देकर बड़े कष्ट सहे और अंतत: विजय प्राप्त की. उनका देश-धर्म के प्रति जो पागलपन था, वह उन्होंने जीवनभर निभाया. मैं जब से विधायक बना, तब से मेवाड़ में प्रताप के संघर्ष की गाथा को चिरस्थायी रखने के लिए काम कर रहा हूं. स्व. भैरोंसिंह शेखावत ने मेरे आग्रह पर मेवाड़ में प्रताप कॉम्पलैक्स योजना का सूत्रपात किया. प्रताप के प्रति मेरी अनन्य श्रद्धा है, ऐसे में जिन लोगों का मेरे उस बयान से दिल दुखा, मैं उन सभी लोगों से माफी मांगता हूं.

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