कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर गहराता जा रहा सियासी संकट, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार सत्ता की कुर्सी पर अड़े, सीएम पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं सिद्धारमैया, जबकि सीक्रेट डील के तहत कुर्सी पाना चाह रहे हैं डीके, विधानसभा चुनाव में की गई अथक परिश्रम का दे रहे हैं हवाला लेकिन वरियता के आधार पर मुख्यमंत्री पद सिद्धारमैया को मिला, डीके में कुर्सी न मिलने पर बढ़ रहा है असंतोष, ऐसी घटना मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी हो चुकी है घटित, मध्य प्रदेश में 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने थाम लिया था बीजेपी का हाथ, गिरा दी थी कमलनाथ सरकार, इसी तरह अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी कलह के चलते 2020 में ही तत्कालीन राजस्थान डिप्टी सीएम पायलट ने की थी बगावत, 19 विधायकों के साथ गुरुग्राम में जा बैठे थे, इसी तरह का घटनाक्रम अब कर्नाटक में होते आ रहा नजर, 2023 में कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के अगुवा थे डीके शिवकुमार, कथित तौर पर ढाई ढाई साल सत्ता का हुआ था बंटवारा, फिलहाल मामला कांग्रेस आलाकमान के पास पहुंचा, सिद्धारमैया ने किया इस्तीफे से इनकार, जिससे डीके के समर्थित विधायक नाराज, अब राजनीतिक गलियारों में गूंज रहा एक ही सवाल — क्या डीके शिवकुमार भी सिंधिया या सचिन पायलट की राह चुनेंगे या संकट को संभाल लेगी कांग्रेस ?



























