Politalks.News/NewDelhi. तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे पर संसद के बजट सत्र के पांचवें दिन भी विपक्षी पार्टियों का हंगामा जारी रहा. गुरुवार सुबह शुरू हुई राज्यसभा की कार्यवाही में मध्यप्रदेश से बीजेपी के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोरोना के दौरान सरकार के प्रबंधन और किसान आंदोलन पर मोदी सरकार के लिए जमकर बैटिंग करते नजर आए. इस दौरान सिंधिया ने कांग्रेस को अपनी बात यानी जुबान ओर अडिग रहने की सलाह भी दे दी. वहीं बीजेपी सांसद सिंधिया के सम्बोधन के बाद जब कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने बोलना शुरू किया तो पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा. इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच एक गजब सी जुगलबंदी का नजारा देखने को मिला और सभापति वैंकैया नायडू ने भी चुटकी ली आइए आपको बताते हैं क्या है पुरा मामला…
दरअसल, राज्यसभा में गुरुवार को सबसे पहले तो तब ठहाके लगने लगे, जब कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के सम्बोधन के तुरंत बाद दिग्विजय सिंह का नाम चर्चा में हिस्सा लेने के लिए पुकारा गया. ठहाकों के बीच सभापति एम वेंकैया नायडू ने चुटकी लेते हुए कहा- ‘मैंने कुछ परिवर्तन तो किया नहीं, लिस्ट में जो नाम आए, उसी के हिसाब से मैंने आपका नाम पुकारा.’ इस पर दिग्विजय सिंह भी मुस्कुरा दिए.
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वहीं सभापति नायडू की बात सुनने के बाद कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने सिंधिया की तारीफ करते हुए कहा कि, ‘सभापति जी मैं आपके माध्यम से सबसे पहले तो माननीय सिंधिया जी को बधाई देता हूं. सिंधिया जी जितने अच्छे ढंग से यूपीए सरकार का पक्ष रखते थे, उतने ही अच्छे ढंग से उन्होंने एनडीए सरकार का पक्ष रखा, वाह जी महाराज वाह, वाह जी महाराज वाह!’ इतना सुनते ही ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुस्कुराने लगे और दिग्विजय सिंह से कहा, ‘सब आपका ही आशीर्वाद है,’ तो दिग्विजय सिंह ने भी तुरंत जवाब दिया और हाथ उठाकर बोले- ‘आशीर्वाद हमेशा रहेगा, आप जिस भी पार्टी में रहें, हमारा आशीर्वाद आपके साथ था, है और हमेशा रहेगा.’
दरअसल राज्यसभा में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव और किसानों के मुद्दे पर लगातार दूसरे दिन चर्चा हो रही थी. चर्चा में दिग्विजय का नंबर आने से ठीक पहले ज्योतिरादित्य ने यह कहकर अपनी बात खत्म की थी कि कश्मीरियत, इंसानियत और जम्हूरियत का जो सपना अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था, उसे मोदी सरकार ने पूरा करके दिखाया है. वहीं सिंधिया के बाद बोलने उठे दिग्विजय सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने का कानून जब आप लाए तो किसी भी तरह से कश्मीरियत, इंसानियत और जम्हूरियत नजर नहीं आई, क्या आतंकवाद खत्म हो गया?
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जुबान बदलने की आदत बदलनी होगी… जो कहें, उस पर अडिग रहें – सिंधिया
इससे पहले अपने सम्बोधन में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 2019 में अपने चुनावी घोषणा पत्र में कृषि सुधारों का वायदा किया था, इसके अलावा राकांपा नेता और तत्कालीन संप्रग सरकार में कृषि मंत्री शरद पवार ने 2010-11 में हर राज्यों के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को अनिवार्य बनाने संबंधी बात की थी. सिंधिया ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘जुबान बदलने की आदत बदलनी होगी… जो कहें, उस पर अडिग रहें.’
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तीनों कृषि कानून इसलिए लाए गए ताकि किसानों की प्रगति हो सके – सिंधिया
मध्यप्रदेश से भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नए कृषि कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि किसान देश के लिए रीढ़ की हड्डी और अन्नदाता हैं और वे अपना ही नहीं पूरे विश्व का पेट भरते हैं. सिंधिया ने कहा कि तीनों कृषि कानून इसलिए लाए गए ताकि उनकी प्रगति हो सके. सांसद ने कहा कि देश को राजनीतिक आजादी करीब 70 साल पहले मिल गयी थी लेकिन किसानों को उनकी वास्तविक आजादी नहीं मिल पायी. सिंधिया ने कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों को आजादी मिल सकेगी और वे देश भर में कहीं भी अपनी उपज बेच सकेंगे जिससे उनकी आय भी बढ़ेगी. ज्योतिरादित्य ने कहा कि किसानों के साथ 11 बार सरकार का संवाद हुआ है और सरकार ने 18 महीने कानून स्थगित करने की भी बात की है. सिंधिया ने कहा कि उनकी मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है.