लोकसभा चुनाव के रण में राजस्थान की सबसे ‘हॉट सीट’ जोधपुर में मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है. मतदाताओं ने 48 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए 68% से अधिक मतदान कर नया इतिहास रचा है. पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर होने के बावजूद 62.5% मतदान हुआ था. बढ़े हुए मतदान को कांग्रेस और बीजेपी अपने-अपने पक्ष में बता रहे हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और मोदी सरकार के मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच मुकाबला होने की वजह से सबकी निगाह इस सीट पर थी. इस दिलचस्प सियासी भिडंत को रिकॉर्ड मतदान ने और रोचक बना दिया है. आमतौर पर बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत बीजेपी के पक्ष में माना जाता रहा है लेकिन कई बार परिणाम कांग्रेस के पक्ष में भी आए हैं.
जोधपुर सीट पर बंपर मतदान किसकी किस्मत चमकाएगा और किसकी लुटिया डुबोएगा, यह तो 23 मई को ही पता चलेगा, लेकिन इलाके की राजनीति के जानकार कांग्रेस को बढ़त मिलने का आकलन कर रहे हैं. कांग्रेस प्रत्याशी वैभव गहलोत के लिए जिस तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मेहनत की है, उसी का परिणाम है कि मतदान के अंत तक यह मुकाबला काफी कड़ा नजर आया.
आपको बता दें कि 3 दिन तक अशोक गहलोत ने वार्ड वार जाकर कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क स्थापित किया और उनमें जोश भरने का काम किया. जोधपुर लोकसभा सीट में कुल 8 विधानसभा क्षेत्र हैं. पोलिंग प्रतिशत के ट्रेंड को देखा जाए तो सबसे अधिक मतदान पोकरण विधानसभा क्षेत्र में हुआ है. पोकरण में लगभग 75 फीसदी मतदान हुआ है. पोकरण का बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत कांग्रेस को के पक्ष में जाता दिख रहा है तो वहीं सरदारपुरा में भी कांग्रेस को अच्छी बढ़त मिलती नजर आ रही है.
इसके अलावा लोहावट और फलोदी में भी कांग्रेस को बढ़त मिलने की उम्मीद है. वहीं बीजेपी को शेरगढ़ से बड़ी बढ़त मिलने की उम्मीद है. जोधपुर शहर, सूरसागर और लूणी से भाजपा को बढ़त मिल सकती है. यानी दोनों उम्मीदवारों को चार-चार विधानसभा सीटों पर बढ़त मिल सकती है, लेकिन वैभव को सरदारपुरा और पोकरण से निर्णायक बढ़त मिलने की संभावना जताई जा रही है.
हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि हार और जीत का अंतर 50000 के भीतर ही रहेगा. मतदान के बाद दोनों ही प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम मशीन में बंद हो चुका है और 23 मई को जब चुनाव परिणाम आएंगे तो तस्वीर साफ हो पाएगी कि क्या अशोक गहलोत की जादूगरी एक बार फिर कामयाब रही या मोदी लहर में गहलोत का जादू फीका पड़ा.