सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा कश्मीर से धारा370 और 35A को समाप्त करके लिये गए ऐतिहासिक फैसले के बाद स्थानीय युवाओं को आगे बढ़ने के सुअवसर मिलेंगे, इसमें कोई संयश नहीं है. अभी तक धारा 370, दोहरी नागरिकता और अन्य प्रतिबंधों के चलते युवाओं को न तो यहां से बाहर निकलने का मौका मिलता था और न ही किसी और को यहां आने का. बेरोजगारी यहां की सबसे बड़ी समस्या है जिससे चलते युवा वर्ग बहकावे में आता है और पत्थरबाजों की शक्ल ले लेता है. लेकिन अब सभी तक के प्रतिबंध यहां से हट चुके हैं और एकल नागरिकता के साथ सुप्रीम कोर्ट के सभी कानून एवं नियम यहां लागू हो गए हैं जिनमें स्वैच्छिक शिक्षा, विवाह, कारोबार, आरटीआई और आरटीई सहित अन्य नियम शामिल हैं.
इन सबके अतिरिक्त यहां के युवाओं को रोजगार के प्रबल अवसर भी उपलब्ध होंगे. इससे न सिर्फ उनका ध्यान भटकाव से दूर रहेगा, वे अपनी जिंदगी आम नागरिक की तरह बिता पाएंगे, अच्छे स्कूल-कॉलेज में शिक्षा ले सकेंगे और बेहतर रोजगार के अवसर पा सकेंगे. लेकिन इतना सब होगा कैसे? ये सवाल हर किसी के दिमाग में हैं. इस खास रिपोर्ट में हम बताने जा रहे हैं जम्मू—कश्मीर में धारा 370 और धारा 35ए के बाद पनपने वाली उन परिस्थितियों के बारे में, जिनके बाद यहां का युवा और आम वर्ग प्रतिबंधों की बेड़ियों से छूट आत्मसम्मान का जीवन जी सकेगा.
1. केंद्र सरकार लाएगी फूड पार्क सहित कई बड़े प्रोजेक्ट, निवेश के द्वार खुलेंगे
केंद्र सरकार जल्द ही जम्मू-कश्मीर में नए तरीके से विकास का खाका खींचने का काम करेगी. कुछ दिनों में ही जम्मू-कश्मीर के लिए फूड पार्क, रेलवे और हाइवे सहित कई बड़े प्रोजेक्ट्स का ऐलान किया जाने की उम्मीद है. इससे युवाओं को न केवल रोजगार मिलेगा बल्कि उनके लिए तरक्की के दरवाजे भी खुलेंगे. जानकारी ये भी आ रही है कि कश्मीर में नए तरीके से निवेश को लेकर सरकार अक्टूबर में एक समिट करने जा रही है जिसमें देश और दुनिया के कई बड़े कारोबारी हिस्सा लेंगे. पर्यटन को पहले से अधिक बढ़ावा देने की भी सरकार की योजना प्रबल हे.
2. बेरोजगारी से मिलेगी मुक्ति, आईटी व फार्मा सेक्टर के प्लांट लगेंगे
कश्मीर के युवाओं में भटकाव की अगर कोई सबसे बड़ी वजह अगर कोई है तो वो है बेरोजगारी. लेकिन अब राज्य में बड़े पैमाने पर नौकरियों का सृजन हो सकेगा. विप्रो ने श्रीनगर में आईटी सेंटर स्थापित करने की तैयारी शुरू की है. फार्मा सेक्टर की कई देसी-विदेशी कंपनियां जम्मू-कश्मीर में प्रोजेक्ट लगाने की इच्छुक हैं. जम्मू-कश्मीर के कई घरानों ने भ्रष्टाचार, भाई-भतीजवाद और सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया है. अन्य कंपनियां आने से भ्रष्टाचार में तो कमी आएगी ही, यहां का विकास भी सुचारू तौर पर हो सकेगा.
3. जमीन खरीद से मिलेगा फायदा
धारा 35ए हटने के बाद अब कोई भी कश्मीर में खेती या अन्य व्यवसाय के लिए जमीन की खरीद फरोख्त कर सकता है. इससे पहले यह संभव नहीं था और स्थानीय व्यक्ति ही ऐसा कर सकता था. बाहरी राज्यों के उद्योगपतियों और कारोबारियों को अगर यहां जमीने मिलेंगी तो उनका इस्तेमाल औद्योगिक गतिविधियों के लिए होगा. जम्मू के अलावा उधमपुर और कठुआ इलाके में ग्लास, प्लास्टिक और बिल्डिंग मटीरियल के इंडस्ट्रियल एस्टेट हैं जिन्हें और बढ़ावा मिलेगा. इन सभी जगहों पर स्थानीय कारीगरों की आवश्यकता होगी जिनसे यहां के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.
4. रोजगार मिलने से घटेगा आतंवाद
अगर जम्मू-कश्मीर में स्थानीय लोगों को दो जून की रोटी के साथ विकासभरा माहौल मिलेगा तो निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि घाटी से आतंकवाद को पैर पसारने का अवसर नहीं मिलेगा. जिस सख्ती से केंद्र सरकार ने प्रदेश से धारा 370 और धारा 35ए को हटाया, अगर उसी कदम पर चलते हुए विकास और उन्नति पर भी काम करें तो जम्मू-कश्मीर जल्द ही एक पूर्ण राज्य बन सकेगा. साथ ही यहां दहशत का नहीं बल्कि शांति का माहौल बनेगा.