अगर कोई यह कहे कि गहलोत सरकार ठीक से काम नहीं कर रही है, तो वह गलत है. सरकार कोई सी भी हो, यह आरोप आम तौर पर लगता रहता है कि वह मांगें मंजूर नहीं करती या बहुत ही धीमी गति से उसके फैसले होते हैं. लेकिन कई बार कुछ मांगें आश्चर्यजनक रूप से विद्युत गति से पूरी की जाती है, यह उदाहरण जयपुर में मंगलवार को दिखा. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सुबह अलीगढ़ के लिए वोल्वो शुरू करने के आदेश दिए और दोपहर करीब ढाई-तीन बजे उन्होंने सिंधी कैंप पहुंचकर बस को हरी झंडी दिखा दी.
यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अलीगढ़ के लिए वोल्वो चलाने की मांग किसने की थी, लेकिन खाचरियावास ने कहा कि मांग की गई थी, इसलिए बस चलाने के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि हमारी पार्टी के सह प्रभारी विवेक बंसल भी अलीगढ़ के हैं. उनके क्षेत्र से भी बस की मांग की जा रही थी. बस भरतपुर आगरा, मथुरा होते हुए अलीगढ़ पहुंचेगी. इससे यात्रियों को लाभ होगा. इस तरह तत्काल बस सेवा शुरू करते हुए खाचरियावास ने विवेक बंसल के सामने अपने नंबर बढ़वा लिए हैं. गहलोत सरकार को पायलट ने चुनौती देना शुरू कर दिया है, जिससे हो सकता है कि राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन हो जाए. यह सब कांग्रेस हाईकमान पर निर्भर है. इस परिस्थिति में खाचरियावास ने बंसल का दिल खुश करके कोई सी भी सरकार बने, मंत्रिमंडल में अपनी सीट पक्की कर ली है.
खाचरियावास ने यह नहीं बताया कि जयपुर से अलीगढ़ से बस चलाने की मांग किसने की थी. बस चलाने की मांग अलीगढ़ के लोग कर रहे थे, यह माना जा सकता है, लेकिन जयपुर से अलीगढ़ रोजाना कितने लोगों का आना जाना है और यह वोल्वो बस सेवा शुरू होने से पहले वे किस तरह अलीगढ़ पहुंचते थे? अगर अलीगढ़ के लोगों का जयपुर बहुत आना-जाना है तो वे उत्तर प्रदेश सरकार से भी मांग कर सकते थे. बंसल ने खाचरियावास से बस चलाने को कहा होगा, उन्होंने तुरंत चला दी, क्योंकि वह राजस्थान के परिवहन मंत्री हैं.
क्या अलीगढ़ के लिए बस चलाना इतना जरूरी था कि चट मंगनी पट ब्याह की कहावत चरितार्थ करनी पड़ी. मांग की गई, पता नहीं, लेकिन परिवहन मंत्री ने मंगलवार सुबह आदेश दिए. राज्य परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया. अधिकारियों ने दोपहर एक बजे डीलक्स डिपो को सूचना दी. इसके साथ ही तत्काल प्रभाव से औपचारिक रूप से बस रवाना करने के कार्यक्रम की तैयारियां शुरू हो गई. तमाम अधिकारी सब काम छोड़कर इस काम में लगे. रोडवेज एमडी शुचि शर्मा, कार्यकारी निदेशक संचालन यूडी खान सहित जयपुर में मौजूद सभी वरिष्ठ रोडवेज अधिकारी सिंधी कैंप बस स्टैंड पहुंच गए थे.
तुरंत वोल्वो बस का इंतजाम नहीं हो पाया तो खाचरियावास को देरी की सूचना दी गई. करीब सवा दो बजे खाचरियावास सिंधी कैंप पहुंचे. कार्यक्रम में खाचरियावास के साथ कांग्रेस के सह प्रभारी विवेक बंसल भी मौजूद थे. खाचरियावास के साथ उन्होंने भी बस को हरी झंडी दिखाई. कार्यक्रम में सरकार का जबर्दस्त अलीगढ़ प्रेम दिखा. बस शुरू तो कर दी, लेकिन यात्री कोई नहीं था. रोडवेज के अधिकारी सिंधी कैंप बस स्टैंड में यात्रियों को खोजने लगे कि जिसे अलीगढ़ की तरफ जाना हो, उसे बस में बैठा दें. एक यात्री ने मथुरा का टिकट लिया था. उसे बस में बैठाया गया. एक यात्री के साथ विवेक बंसल भी बस में बैठे और बस रवाना हो गई.
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जयपुर-अलीगढ़ वोल्वो बस अब नियमित रूप से चलेगी. यह बस जयपुर से रात 11 बजे रवाना होगी, सुबह पांच बजे अलीगढ़ पहुंचेगी. अलीगढ़ से दोपहर 12.30 बजे बस रवाना होगी और शाम पांच बजे जयपुर पहुंचेगी. सवाल यह भी उठ रहा है कि बस रवाना होने का जो समय तय किया गया है, उससे अलग हटकर दोपहर ढाई बजे बस रवाना क्यों की गई? रोडवेज के कार्यकारी निदेशक संचालन यूडी खान ने कहा कि बस चलाने के बारे में मंत्री ने पहले से बता रखा था. मंगलवार सुबह आदेश दिए गए थे. विवेक बंसल ने कहा कि मैं पार्टी कार्यक्रम में आया था, जहां मंत्री से मांग की गई. इससे पहले भी अलीगढ़ की जनता की जरूरत को देखते हुए बस की मांग की थी. इससे रोडवेज को फायदा होगा.
सांगानेर के भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि कांग्रेस लगातार सरकार को इस तरह चला रही है, जैसे कांग्रेस पार्टी का दफ्तर चल रहा है. यह बस कांग्रेस नेताओं को महत्व देने और उनकी छवि बनाने के लिए चलाई गई है. बस का न तो प्रचार हुआ और न ही यात्रियों को जानकारी दी गई. इससे सरकारी खजाने का नुकसान हुआ है. जयपुर के कई लोगों को ताबड़तोड़ जयपुर-अलीगढ़ बस चलाने की घोषणा और उस पर तत्काल अमल से आश्चर्य है. परिवहन विभाग के कार्यालय में ऐसे कई मांगपत्र लालफीते से बंधी फाइलों में रखे होंगे, जिनमें लोगों ने किसी न किसी मार्ग पर बस चलाने की मांग की होगी. पता नहीं खाचरियावास ने उनकी तरफ ध्यान दिया होगा या नहीं. शायद वे मांगें विवेक बंसल की तरफ से नहीं आई होंगी.