जब तक बच्चों के लिए वैक्सीन और केंद्र की गाइडलाइन नहीं आती स्कूल खोलना सही नहीं- CM से बोले विशेषज्ञ

केरल सहित नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों में ज्यादा मामले आने के बाद ऐसी आशंकाएं जताई जा रही है कि जल्द ही आ सकती है तीसरी लहर, हमें लगातार सावधानी बरतनी होगी तथा कोविड प्रोटोकॉल की पूर्ण पालना सुनिश्चित करनी होगी, तभी हम तीसरी लहर के प्रकोप से सुरक्षित रह पाएंगे- सीएम गहलोत

प्रदेश में कोविड संक्रमण तथा वैक्सीनेशन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा बैठक (File Photo)
प्रदेश में कोविड संक्रमण तथा वैक्सीनेशन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा बैठक (File Photo)

Politalks.News/Rajasthan. कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि कोविड प्रोटोकॉल की पालना में लापरवाही के कारण दुनिया के कई देशों में कोविड रोगियों की संख्या फिर से बढ़ी है. देश के कुछ राज्यों में भी वायरस की सक्रियता बनी हुई है और वहां सरकारों ने संक्रमण रोकने के लिए प्रतिबंधात्मक उपाय लागू किए हैं. मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा है कि हमें लगातार सावधानी बरतनी होगी तथा कोविड प्रोटोकॉल की पूर्ण पालना सुनिश्चित करनी होगी, तभी हम तीसरी लहर के प्रकोप से सुरक्षित रह पाएंगे.

गुरुवार को सीएम आवास से वीसी के जरिए प्रदेश में कोविड संक्रमण तथा वैक्सीनेशन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने निर्देश दिए कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगाते समय वही दवा दी जाए जो पहली डोज के समय दी गई थी. इस संबंध में किसी प्रकार की लापरवाही न हो. विभाग इस संबंध में निर्देश जारी कर निचले स्तर तक इसकी क्रियान्विति सुनिश्चित कराए.

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इस दौरान वीसी में मेडिकल सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञ बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं आने तक राजस्थान में स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं दिख रहे. दरअसल, देशभर में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के केस फिर से बढ़ने लगे है, जो चिंता का कारण बन गए है. केरल सहित नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों में ज्यादा केस आने के बाद ऐसी आशंकाएं जताई जा रही है कि जल्द ही तीसरी लहर आ सकती है. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने गुरुवार को कोरोना की तीसरी लहर से बचाव कैसे हो इस पर चर्चा के लिए एक्सपर्ट्स संग रिव्यू किया.

इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के बाद बिना लक्षण दिखे (एसिम्प्टोमैटिक) संक्रमित हुए कुछ बच्चों में पोस्ट कोविड लक्षण देखने को मिले हैं. ऐसे मामलों में सतर्क रहने तथा विशेषज्ञों द्वारा इस बीमारी से बचाव के तरीकों के प्रचार-प्रसार पर जोर देने की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि शिशु रोग विशेषज्ञ इस बारे में लोगों को जागरूक करें तथा बेहतर उपचार की तैयारी रखें.

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चिकित्सा विशेषज्ञों ने सीएम गहलोत से कहा कि जब तक बच्चों के लिए वैक्सीन की उपलब्धता और बचाव के समस्त उपायों के संदर्भ में केंद्र सरकार की गाइडलाइन नहीं आ जाती तब तक स्कूल खोलने का निर्णय लेना ठीक नहीं रहेगा. सीएम गहलोत ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में भी बड़ी संख्या में छोटे बच्चे संक्रमित हुए, जिनमें कुछ बच्चों में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेट्री सिंड्रोम (एमआईएस-सी) के मामले सामने आ रहे है. ऐसे में बच्चों को बचाने के लिए वैक्सीन बहुत जरूरी है.

गौरतलब है कि बीती 22 जुलाई को हुई गहलोत कैबिनेट की बैठक के बाद शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने 2 अगस्त से स्कूल खोलने की घोषणा की थी. लेकिन इसके अगले दिन ही सरकार ने यू टर्न लेते हुए 5 मंत्रियों की कमेटी बनाई थी. यही कमेटी स्कूल खोलने की तारीख और किस कक्षा तक के बच्चों को स्कूल बुलाया जाए, यह तय करेगी. इस समिति में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के अलावा स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवरसिंह भाटी और तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग हैं.

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सीएम गहलोत की वीसी में जुड़े शासन सचिव चिकित्सा सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेश में अब केवल 268 एक्टिव कोरोना केसेज हैं. जबकि देशभर में एक्टिव रोगियों की संख्या 3 लाख 97 हजार से अधिक हैं. राज्य में लगभग 14 प्रतिशत लोगों का दोनों डोज लगने पर वैक्सीनेशन पूर्ण हो चुका है. अब तक कुल 3.13 करोड़ डोज लगाई गई हैं, जिसमें से 2.43 करोड़ पहली डोज के रूप में तथा 69.54 लाख दूसरी डोज के रूप में लगाई गई हैं.

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