इससे पहले, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा आरोप लगाया गया है कि दुबई से संसद के ID खोले गए, जबकि उस वक्त वो कथित सांसद भारत में ही थीं. इस नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) पर पूरी भारत सरकार है. देश के प्रधानमंत्री, वित्त विभाग, केन्द्रीय एजेंसी यहां हैं. NIC ने यह जानकारी जांच एजेंसी को दे दी है. बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि क्या अब भी TMC व विपक्षी दलों को राजनीति करना है. निर्णय जनता का है.
मुझे बदनाम करने की कोशिश – महुआ
निशिकांत दुबे ने महुआ पर आरोप लगाते हुए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी का नाम लिया है. उन्होंने 19 अक्टूबर को एक लेटर लिखकर महुआ की संसद ID का लॉगइन खोलने की बात कबूली थी. इस पर महुआ ने भी सोशल मीडिया पर एक बयान पोस्ट कर इसका जवाब दिया था. हीरानंदानी का ये लेटर एथिक्स कमेटी के पास भी भेज दिया गया है. इस पर जवाब देते हुए सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि हीरानंदानी को अभी तक सीबीआई या एथिक्स कमेटी ने तलब नहीं किया है. फिर उन्होंने ये हलफनामा किसे दिया है. महुआ ने कहा कि यह मुझे बदनाम करने की साजिश है जिसके लिए पीएमओ में कुछ बुद्धिमान लोगों को तैयार किया गया है.
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देश के मशहूर बिजनेसमैन में होती है गिनती
दर्शन हीरानंदानी की गिनती देश के सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप्स में होती है. हीरानंदानी ने दावा किया है कि महुआ उनसे लग्जरी आइटम्स की डिमांड किया करती थीं. काम करने के लिए दबाव डालती थीं, जो मैं नहीं करना चाहता, लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था. हीरानंदानी ने ये भी कहा कि मोइत्रा जल्दी से अपना नाम बनाना चाहती थीं. उनके दोस्तों ने सलाह दी थी कि चर्चित होने का सबसे आसान तरीका है पीएम मोदी पर हमला करो. महुआ ने मुझसे अडाणी पर सवाल करने के लिए मदद मांगी. उन्होंने मुझे अपनी सांसद की ईमेल आईडी शेयर की, ताकि मैं डायरेक्ट उनकी तरफ से सवाल पोस्ट कर सकूं.
इधर, महुआ ने पलटवार में कहा कि दर्शन और उनके पिता भारत के सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप्स में से एक हैं. यूपी में उनकी प्रोजेक्ट्स का इनॉगरेशन योगी आदित्यनाथ और गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. भलां इतनी बड़ी पहुंच वाला आदमी मुझसे क्यों डरेगा. वहीं इशारों इशारों में बीजेपी की ओर इशारा करते हुए महुआ ने कहा कि हीरानंदानी ने जो हलफनामा दिया है वो किसी ऑफिशियल लेटरहेड पर नहीं है बल्कि सादे कागज पर है. इस तरह के लेटर पर कोई साइन तभी करेगा जब उसके सिर पर बंदूक रखी गई हो.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने महुआ पर संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और तोहफे लिए जाने का आरोप लगाया था. 19 अक्टूबर को बिजनेसमैन हीरानंदानी ने एक एफिटेविट में टीएमसी सांसद महुआ का लॉगिन डीटेल इस्तेमाल करना स्वीकार किया. इस मामले को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया है. मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी 26 अक्टूबर को सुनवाई करेगी.