Politalks.News/Rajasthan. मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते देशभर में लगातार बढ़ती जा रही कमर तोड़ महंगाई के खिलाफ बीती 31 मार्च से जारी कांग्रेस पार्टी का ‘महंगाई मुक्त भारत अभियान’ का आज अंतिम दिन था, जिसके तहत हर राज्य की राजधानी में विरोध प्रर्दशन किया गया. इसी कड़ी में राजस्थान की राजधानी जयपुर के सिविल लाइंस फाटक पर कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं टोंक विधायक सचिन पायलट, मंत्री हेमाराम चौधरी, महेश जोशी, ममता भूपेश, प्रताप सिंह खाचरियावास सहित कई दिग्गज कांग्रेसी मौजूद रहे. कांग्रेस के इस धरना प्रदर्शन में पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शिरकत करने वाले थे लेकिन किसी कारणवश वो शामिल नहीं हो पाए. वहीं गोविंद सिंह डोटासरा ने आज अपने ही अंदाज में अपनी ही गहलोत सरकार के मंत्रियों को आड़े हाथ लिया, जिसे देख हर कोई हतप्रभ रह गया. इसके साथ ही सचिन पायलट ने भी केंद्र सरकार पर जोरदार निशाना साधा.
आपको बता दें, जयपुर के सिविल लाइन फाटक पर कांग्रेस नेताओं ने बढ़ती महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेसी दिग्गजों केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान जो सबसे अजीब घटा वो यह कि कांग्रेस के इस महंगाई विरोधी धरने में शामिल हुए गहलोत सरकार के कई मंत्रियों ने भाषण देने से ही तौबा कर ली. राजस्थान कांग्रेस के इस धरना प्रदर्शन में करीब आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री मौजूद थे, लेकिन भाषण सिर्फ तीन ही मंत्रियों ने दिया और बाकी मंत्रियों डोटासरा की तरफ उंगली हिलाकर मना कर दिया. लेकिन यह बात कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पसंद नहीं आई और इसको लेकर डोटासरा ने मंच से ही मंत्रियों को सार्वजनिक रूप से जमकर फटकार भी लगा दी.
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पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि, ‘जिस तरह महंगाई बढ़ रही है और आम आदमी परेशान है. उसमें हम सबकी जिम्मेदारी और भी ज्यादा बढ़ जाती है. कई मंत्रियों से मैंने कहा कि भाषण दीजिए तो अंगुली हिलाने लग गए लेकिन मैं उनसे ये कहना चाहूंगा कि यह अंगुली हिलाने का समय नहीं है. आज हमे जिम्मेदारी से भागने की आवश्यकता नहीं है. हमें मुखर होकर मोदी सरकार का विरोध करना होगा, कोई इनकम टैक्स का छापा नहीं पड़ रहा है.’ डोटासरा की इस बात को सुनकर वहां मौजूद हर कार्यकर्ता और नेता हतप्रभ रह गया, यही नहीं डोटासरा का भाषण जैसे ही समाप्त हुआ तो सचिन पायलट ने डोटासरा की पीठ थपथपाई. जिसको लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि सचिन पायलट ने डोटासरा को भाषण के दौरान अपनी ही सरकार के मंत्रियों को दी गई नसीहत के लिए शाबाशी दी. बहरहाल जो भी हो लेकिन पायलट द्वारा सीएम गहलोत के सबसे ख़ास सिपहसलाहर डोटासरा की पीठ थपथपाने का ये नजारा बहुत ही रोचक था.
वहीं इससे पहले गोविंद सिंह डोटासरा ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि, ‘जहां 100 बुलाएं, वहां 500 लोग लेकर आइए. तब तो मानेंगे कि आप और हम लोग राहुल गांधी-सोनिया गांधी के नेतृत्व में मोदी सरकार को हटाना चाहते हैं. जब 2024 में हम मोदी सरकार को हटाने की बात कर रहे हैं तो संघर्ष करना पड़ेगा. आज महंगाई, किसानों की समस्याएं, बेरोजगारी जैसे बड़े मुद्दे हैं. इन मुद्दों पर बात करनी पड़ेगी. ऐसा समय लाना पड़ेगा कि लोग कहें कि मुझे बोलना था. बोलने का समय क्यों नहीं दिया. तब मोदी राज को हटाने में कामयाब होंगे. मैं RSS के खिलाफ बोलता हूं और बोलता रहूंगा. RSS के लोग कभी चुनाव नहीं लड़ते हैं, भाजपा के लोग चुनाव लड़ते हैं. RSS के लोग भाजपा सरकार बनने के बाद पर्दे के पीछे राज करने की कुचेष्टा करते हैं. देश में माहौल गंदा करते हैं और अगर अब भी हम नहीं बोलेंगे, तो कभी नहीं बोलेंगे.’
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वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि, ‘जब तक सांस है और शरीर में खून का एक-एक कतरा है, तब तक मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष नहीं किया, लड़ाई नहीं लड़ी तो देश का इतिहास और आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी. मैं आप सबसे रिक्वेस्ट करना चाहता हूं. सब कार्यकर्ता नेता आए उसका धन्यवाद, लेकिन हमें और ज्यादा संघर्ष करने की आवश्यकता है. वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.
वहीं कांग्रेस के इस प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि, ‘केंद्र सरकार द्वारा लगातार आर्थिक आतंक थोपा जा रहा है. यह केवल बढ़ी हुई कीमतों का ही सवाल नहीं है. बीजेपी को घमंड और अहंकार में राज करने की आदत पड़ गई है. इन्हें लगता है कि चुनाव आएंगे तो हम 80 बनाम 20 की बात करेंगे. हिंदू मुस्लिम के नाम पर भड़काएंगे. लोगों में भावनाएं पैदा करके वोट ले लेंगे. इस सरकार की आर्थिक नीतियां देश को खोखला कर रही हैं. आज देश की देश की संपत्तियो को बेचकर सीमित लोगो तक पैसा पहुचाया जा रहा है. कोरोना में सभी देशों ने सीधा लोगों को पैसे दिए लेकिन यहां की केंद्र सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे जनता को मदद पहुच सके. केंद्र की यह पहली सरकार है जिसने सुप्रीम कोर्ट के जजों को राजनीतिक नियुक्तियां दी है, इस सरकार से लड़ना होगा, हम सब को मिलकर कांग्रेस की मेंबरशिप में गति लानी होगी.