Politalks.News/UP. हाल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) द्वारा मुगलों को लेकर की गई टिप्पणी के बाद योगी मुस्लिमों के निशाने पर आ गए हैं. आगरा में मुगल म्यूजियम का नाम बदलने पर भी यूपी की योगी सरकार निशाने पर है. योगी ने एक अधिकारिक बयान देते हुए कहा था कि मुगल भारतीयों के आदर्श कभी नहीं हो सकते. म्यूजियम के नाम को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाया था और बदल कर छत्रपति शिवाजी महाराज करने का ऐलान कर दिया. उनकी इस टिप्पणी पर प्रिंस तुसी ने नाराजगी जाहिर की है. मुगलों के आखिरी वंशज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी (Prince Tucy) ने योगी पर जुबानी हमला हमला करते हुए कहा कि उन्हें हमारे हीरो तय करने का हक नहीं है. प्रिंस तुसी बहादुरशाह जफर की छठी पीढ़ी से हैं.
सवाल उठाते हुए प्रिंस तुसी कहते हैं कि क्या सिर्फ सीएम योगी के कहने से मुगल हीरो नहीं रह जाएंगे? मुगलों को हीरो बताने की जरूरत नहीं है, वह हीरो हैं और रहेंगे. शाहजहां हुए, अकबर हुए उनके बारे में सब जानते हैं कि उन्होंने सबके लिए क्या किया है? बहादुरशाह जफर की कुर्बानी के बारे में दुनिया जानती है. यूपी में गरीबी है, कोरोना है, लोग बेरोजगार है, सीएम को इन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि इतिहास को बदलने की कोशिश करें.
प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसा कैसे कह सकते हैं कि मुगल हमारे हीरो नहीं हो सकते. बेशक जनता ने उन्हें सरकार चलाने के लिए चुना हो, लेकिन हमारे हीरो तय करने के लिए नहीं. प्रिंस तुसी ने ये भी कहा कि योगी विदेशों में मोदी का नाम खराब कर रहे हैं.
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प्रिंस तुसी ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए कहा कि अगर सरकार ने मुगल म्यूजियम का नाम बदलने का फैसला कर लिया है तो हम खुद आगरा में एक हजार गज की जमीन पर मुगलों का म्यूजियम बनाएंगे. प्रिंस ने कहा कि मुगलों पर उनका जो फैसला है, उससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है. प्रिंस तुसी कहते हैं कि हमें शिवाजी महाराज के नाम पर आपत्ति नहीं है. लेकिन, उनका कनेक्शन आगरा से जब है नहीं तो उनका म्यूजियम क्यों बनाया जाए? ताजमहल से निकल कर पर्यटक मुगलों के बारे में जानना चाहेगा न कि शिवाजी के बारे में. उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने की बात भी कही.
योगी की टिप्पणी भी पर प्रिंस ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसा कैसे कह सकते हैं कि मुगल हमारे हीरो नहीं हो सकते. बेशक जनता ने उन्हें सरकार चलाने के लिए चुना हो, लेकिन हमारे हीरो तय करने के लिए नहीं. प्रिंस ने कहा कि उनका ये कहना आपसी सद्भाव को खत्म करने वाला फैसला है. इस फैसले से पीएम मोदी का नाम दुनिया भर में खराब हो रहा है. लोग जानते है कि यह फैसला सिर्फ दो समुदायों में आपसी मतभेद फैलाना है. लोग यूएस में, यूके में, खाड़ी देशों में इसी की बात कर रहे हैं. आखिर इससे दूसरे देशों में क्या प्रभाव जा रहा है, यह सोचना चाहिए. प्रिंस ने ये भी कहा कि वे बीजेपी को नहीं बल्कि पीएम मोदी को सपोर्ट करते हैं क्योंकि उन्होंने अपने कामों से दुनियाभर में हिंदुस्तान का नाम रोशन किया है.
कौन हैं प्रिंस तुसी
हैदराबाद के रहने वाले प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी खुद को मुगलों का वंशज और बहादुर शाह जफर की छठी पीढ़ी का सदस्य बताते हैं. ताजमहल को अपनी संपत्ति बताकर चर्चा में आए प्रिंस ने बाबरी मस्जिद पर भी अपना दावा ठोका था. वह कई बार अयोध्या भी जा चुके हैं. उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का समर्थन किया था. यहां तक कि राम मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने सोने की ईंट देने की भी घोषणा की है.
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प्रिंस तुसी मुगलों की गलतियों के लिए खासकर बाबरी मस्जिद के मामले को लेकर देशवासियों से माफी भी मांग चुके हैं. प्रिंस तुसी का दावा है कि हैदराबाद की कोर्ट ने उनकी डीएनए रिपोर्ट को सही माना है और उन्हें प्रिंस का तमगा दिया है.