Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश की गहलोत सरकार अब गरीब और जरूरतमंद लोगों को मात्र 8रुपये में दो वक्त का खाना मुहैया कराने के लिए नई योजना शुरू करने जा रही है. इंदिरा रसोई योजना के नाम से शुरू होने वाली यह योजना 20 अगस्त यानी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर राज्य में लॉन्च की जाएगी. गहलोत सरकार इंदिरा रसोई योजना पर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपए खर्च करेगी. हालांकि प्रदेश में पिछली वसुंधरा सरकार के समय इसी तरह की मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा रसोई योजना भी चलाई जा रही थी, लेकिन अब इसी योजना को नए रूप में चलाया जाएगा.
’कोई भूखा ना सोए’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए 20 अगस्त से प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना की शुरूआत करने के निर्देश दिए हैं। #Rajasthan pic.twitter.com/BstITtXeBT
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 2, 2020
यह भी पढ़ें: राजस्थान न्यायिक सेवा में गुर्जरों सहित अति पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को अब मिलेगा 5% आरक्षण
बता दें, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 20 अगस्त से प्रदेश केे नगरीय क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना की शुरूआत करने के निर्देश दिए हैं. गहलोत ने कहा कि देश की महान नेता इंदिरा गांधी का पूरा जीवन गरीब कल्याण को समर्पित रहा. राज्य सरकार ऎसे महान व्यक्तित्व के नाम पर मानव सेवा की ऎसी योजना शुरू करने जा रही है जिसमें गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों को मात्र 8 रूपए में शुद्ध पौष्टिक भोजन मिलेगा.
देश की महान नेता स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी का पूरा जीवन गरीब कल्याण को समर्पित रहा। राज्य सरकार ऐसे महान व्यक्तित्व के नाम पर मानव सेवा की ऐसी योजना शुरू करने जा रही है जिसमें गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों को मात्र 8 रूपए में शुद्ध पौष्टिक भोजन मिलेगा।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 2, 2020
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर योजना की तैयारियों की एक समीक्षा बैठक की. सीएम गहलोत ने कहा कि योजना को जनसेवा की भावना, पारदर्शिता एवं जनभागीदारी के साथ लागू किया जाए ताकि यह पूरे देश में निर्धन वर्ग को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक मिसाल बने.
योजना को जनसेवा की भावना, पारदर्शिता एवं जनभागीदारी के साथ लागू किया जाए ताकि यह पूरे देश में निर्धन वर्ग को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक मिसाल बने। राज्य सरकार इस योजना पर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रूपए खर्च करेगी।
निवास पर बैठक में इस योजना की तैयारियों की समीक्षा की।— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 2, 2020
बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंंस के जरिए जुड़े नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि देश के अन्य राज्य जहां इस प्रकार की योजना चल रही है वहां के अध्ययन एवं अनुभवों को शामिल करते हुए इंदिरा रसोई योजना की शुरूआत की जा रही है. इसमें दोनों समय का भोजन रियायती दर पर उपलब्ध कराया जाएगा. राज्य सरकार प्रति थाली 12 रूपए अनुदान देगी. प्रदेश के सभी 213 नगरीय निकायों में 358 रसोइयों का संचालन किया जाएगा, जहां जरूरतमंद लोगों को सम्मान के साथ बैठाकर भोजन खिलाया जाएगा.
यह भी पढ़ें: टिड्डियों के प्रकोप’ को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने के लिए सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
योजना का प्रस्तुतीकरण देते हुए स्वायत्तशासन विभाग के शासन सचिव भवानी सिंह देथा ने बताया कि प्रतिवर्ष 4 करोड़ 87 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. आवश्यकता के अनुरूप इसे और बढ़ाया जा सकता है। रेल्वे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पताल, चौखटी आदि ऎसे स्थानों पर रसोइयां खोली जाएंगी जहां लोगों की अधिक उपस्थिति रहती है. भोजन में प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं अचार का मेन्यू निर्धारित किया गया है. स्थानीय आवश्यता के अनुरूप मैन्यू व भोजन के चयन की स्वतंत्रता रहेगी। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए रसोइयों में आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे. योजना की आईटी आधारित मॉनिटरिंग की जाएगी. लाभार्थी को कूपन लेते ही मोबाइल पर एसएमएस से सूचना मिल जाएगी. मोबाइल एप एवं सीसीटीवी से रसोईयों की निगरानी की जाएगी.