स्पेस स्टेशन में 18 दिन रहने के बाद भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला पृथ्वी पर लौट आए हैं. शुभांशु ने एक्सियम मिशन 4 के तहत 25 जून को दोपहर करीब 12 बजे स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा से पृथ्वी पर शुभांशु की वापसी के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की. वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस नेता उदित राज ने एक विवादित बयान देते हुए शुभांशु की जगह किसी एससी, एसटी या ओबीसी व्यक्ति को स्पेस भेजने की बात कही है.
उदित राज ने कहा, ‘मैं उनको (शुभांशु शुक्ला) शुभकामनाएं देता हूं कि वे सुरक्षित लौटें और उन्होंने वहां जो ज्ञान अर्जित किया है, उसे यहां बिखेरें ताकि लोग उससे लाभान्वित हों. यह मानवता के लिए लाभकारी है. इससे पहले पहले राकेश शर्मा भेजे गए थे. उस समय एससी, एसटी या ओबीसी समाज के लोग इतने पढ़े-लिखे नहीं थे. इस बार मुझे लगता है कि दलित को भेजने की बारी थी.’
कांग्रेस नेता ने बातों को तूल देते हुए ये भी कहा कि ऐसा तो नहीं है कि नासा ने कोई परीक्षा ली और शुभांशु शुक्ला का चयन हो गया. किसी दलित, ओबीसी को भी शुक्ला जी की जगह भेजा जा सकता था. फिलहाल किसी ने भी इस विवादित बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन उनके इस बयान पर बयानबाजी होने की पूरी संभावना जताई जा रही है.
शुभांशु की वापसी पर पीएम मोदी ने जताई खुशी
शुभांशु शुक्ला की वापसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताई. उन्होंने शुभकामना संदेश में कहा, ‘मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में उन्होंने अपने समर्पण, साहस और भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है. यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन (गगनयान) की दिशा में एक और मील का पत्थर है.’
स्पेस जाने वाले दूसरे भारतीय बने शुक्ला
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं. इससे पहले 1984 में भारत के ही राकेश शर्मा अंतरिक्ष की यात्रा की थी. 15 जुलाई को दक्षिणी कैलिफोर्निया कै सैन डिएगो तट पर उनकी लेडिंग हुई. उन्होंने अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिनों के प्रवास के बाद 22.5 घंटे की यात्रा कर लौटे हैं. शुभांभु यूपी लखनउ के त्रिवेणी नगर से संबंध रखते हैं.



























