दंत-फंत से सरकार बनाने वाली मध्य प्रदेश भाजपा उपचुनाव से ठीक पहले भगवान श्रीराम की शरण में

सिंधिया और बीजेपी में गए विधायकों को लेकर जनता में भारी रौष, ऐसे में बीजेपी ने तोमर को दी जिम्मेदारी, साथ ही बीजेपी ने चलाया रामबाण भी, 11 जिलों में यात्राएं निकाल कर अयोध्या भेजी जाएंगी चांदी की राम शिलाएं, भाजपा उपचुनाव से पहले ही चांदी की शिलाएं भेजने के लिए दिखाई दे रही आतुर

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Politalks.News/MP/UP. लगता है भाजपा के लिए राम सिर्फ राम नहीं बल्कि रामबाण हैं और ज्यादा कुछ कहें तो चुनावी बाण भी. कहा जाता है कि भगवान राम तो सबके आदर्श हैं, मर्यादा पुरूषोत्तम राम का तो स्मरण करने से ही हर संकट से मुक्ति मिल जाती है. इस बात को राजनीतिक दलों में भाजपा से ज्यादा कोई नहीं जानता होगा. राम ना सिर्फ कष्टों को हरणे वाले हैं बल्कि जो वर मांगों वो भी प्रदान करते हैं. शायद इसी कारण मध्य प्रदेश भाजपा उपचुनाव से पहले श्रीराम की शरण में जा रही है. ताजा जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में होने वाले 27 विधानसभा उपचुनाव से पहले भाजपा ने 11 जिलों में राम शिला पूजन यात्राएं शुरू करने का निर्णय किया है.

इन यात्राओं के माध्यम से अयोध्या में बनने वाले भगवान श्रीराम के मंदिर के लिए मध्य प्रदेश भाजपा की ओर से चांदी की शिलाएं भेजी जाएंगी. उससे पहले इन शिलाओं की यात्राएं निकाली जाएंगी और जन पूजन कराया जाएगा. हालांकि अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर निर्माण कार्य में अभी बहुत लंबा समय लगेगा. विहिप की ओर से अधिकारिक तौर पर ही 3 साल का समय बताया गया है. लेकिन मध्य प्रदेश भाजपा को राम मंदिर के लिए चांदी की शिलाएं भेजने की बहुत जल्दबाजी दिख रही है. भाजपा अगले दो महीनों में होने वाले उपचुनाव से पहले इन यात्राओं को निकालकर तीन महीने से पहले ही चांदी की इन शिलाओं को राममंदिर के लिए भेजना चाहती है.

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राम शिलाएं और भाजपा

ऐसा नहीं है कि राम शिलाएं यात्रा देश में पहली बार निकल रही हों. इससे पहले भी यह यात्राएं निकलती रही है. खास तौर विभिन्न राज्यों के विधानसभा या लोकसभा चुनाव से पहले. हिंदू संगठनों की ओर से निकाली जाने वाली यात्राओं का राजनीतिक लाभ हमेशा भाजपा को मिला है.

अब जब मध्य प्रदेश उपचुनाव से पहले सर्वे रिपोर्ट कह रही हैं कि कांग्रेस से बागावत कर भाजपा की सरकार बनाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित भाजपा में आए अन्य कांग्रेस के विधायकों की चुनावी स्थिति अच्छी नहीं है. उनकी जीत पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है. इसके अलावा भाजपा के कार्यकर्ता भी बागी की भूमिका में बने हुए हैं. इन्हीं सर्वे रिपोर्ट्स के आधार पर भाजपा ने चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के फेस को हटाकर वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के चेहरे को आगे कर दिया है. तोमर को भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की जिम्मेदारी दी गई है. इससे जाहिर होता है कि मध्य प्रदेश भाजपा और शिवराज सरकार उपचुनाव के परिणामों को लेकर चिंतित हैं.

ऐसे में भाजपा ने अपना आखरी ब्रह्मास्त्र, यानि रामबाण चलाने का निर्णय लेते हुए प्रदेश के 11 चुनावी जिलों में चांदी की राम शिलाओं के पूजन के कार्यक्रम की तैयारियों में जुट गई है. बीजेपी को जीत के लिए श्रीराम की शरण में जाने का अंतिम मंत्र नजर आ रहा है.

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