पॉलिटॉक्स न्यूज. कोरोना के संकट काल में अर्थव्यवस्था की गाड़ी को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये का ऐलान किया है. इस राहत पैकेज की पहले चरण में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को MSME, रियल एस्टेट, बैंक और आम करदाताओं के लिए घोषणाओं की विस्तृत जानकारी दी थी. राहत का ये सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहा और निर्मला सीतारमण सहित अनुराग ठाकुर ने मीडिया से मुखातिब होते हुए प्रवासियों, गरीब तबके और किसानों के लिए राहत की घोषणाएं की. आइए जानते हैं कि आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त में किसे क्या मिला..
किसानों के लिए
- किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ 2.5 करोड़ नए किसानों को दिया जा रहा है. मछुआरों और पशुपालकों को भी इसका लाभ मिलेगा.
- किसानों के लिए 30,000 करोड़ अतिरिक्त इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फंड नाबार्ड को दिए जाएंगे. यह नाबार्ड को मिले 90 हजार करोड़ के पहले फंड के अतिरिक्त होगा और तत्काल जारी किया जाएगा.
- किसानों को लोन पर 3 महीने की छूट दी गई है. इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम को बढ़ाकर 31 मई तक किया गया. 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जा चुकी है. साथ ही नाबार्ड ने ग्रामीण बैंकों को 29,500 करोड़ की मदद दी गई है.
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कर्मचारी/कारोबारी/आम आदमी के लिए
- मिडिल इनकम ग्रुप जिनकी सालाना कमाई 6 लाख से 18 लाख रुपये है, उन्हें मिलने वाली हाउसिंग लोन पर क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम की डेडलाइन मार्च, 2021 तक बढ़ाई गई है. इसकी शुरुआत मई, 2017 में हुई थी. सरकार के फैसले से 2.5 लाख परिवारों को राहत मिलेगी.
- सरकार ने मुद्रा स्कीम के तहत 50,000 रुपये या उससे कम के मुद्रा (शिशु) लोन चुकाने पर तीन महीने की छूट मिली है. इसके बाद 2 फीसदी सबवेंशन स्कीम यानी ब्याज में छूट का फायदा अगले 12 महीने तक दिया जाएगा. करीब 3 करोड़ लोगों को कुल 1500 करोड़ का फायदा मिलेगा.
- 1 जून से सभी देशवासियों के लिए एक राशन कार्ड जारी किया जाएगा. राशन कार्ड की नेशनल पोर्टेबिलिटी यानी वन नेशन वन राशन कार्ड लागू किया जाएगा. अगस्त, 2020 तक 23 राज्यों के 67 करोड़ लाभार्थी को कवर किया जाएगा. मार्च, 2021 तक सभी राशन कार्ड कवर होंगे. इस स्कीम में एक राशन कार्ड पर राशनकार्डधारी देश के किसी कोने में अपने हिस्से का राशन ले सकते हैं. देश में 80 करोड़ से अधिक राशनकार्डधारी हैं.
- सभी कर्मचारियों के लिए सालाना हेल्थ चेकअप भी अनिवार्य करने की योजना है. संसद में इन पर विचार हो रहा है. महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट में काम करने पर सुरक्षा के लिए गाइडलाइन लाई जाएगी.
- 50 लाख रेहड़ी-पटरी कारोबारियों के लिए 10 हजार रुपये का विशेष लोन दिया जाएगा. इसके लिए सरकार 5 हजार करोड़ खर्च करेगी.
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मजदूरों के लिए
- श्रम कानूनों मे सुधार का काम तेजी से चल रहा है क्योंकि निर्धारित न्यूनतम वेतन का लाभ करीब 40 फीसदी मजदूरों को ही मिल पाता है. जिन कंपनी में 10 से कम मजदूर काम करते हैं, उन्हें भी ESI की सुविधा मिल पाएगी.
- न्यूनतम वेज का अधिकार सभी वर्कर्स को देने की तैयारी है. इसी तरह न्यूनतम वेज में क्षेत्रीय असमानता खत्म करने की योजना है. नियुक्ति पत्र भी दिया जाएगा.
- शहरी गरीबों के लिए राज्य सरकारों को आपदा फंड का इस्तेमाल करने की इजाजत मिलेगी ताकि उन्हें भोजन और आवास मुहैया कराया जा सके. इसके लिए केंद्र से राज्यों को पैसा भेजा जाता है. शहरी इलाकों में रहने वाले बेघर लोगों को शेल्टर होम में तीन वक्त का खाना पूरी तरह से केंद्र सरकार के पैसे से दिया जा रहा है.
- शहरी गरीबों को 11,000 करोड़ रुपये की मदद की गई है. शहरी गरीबों के लिए राज्य सरकारों को आपादा फंड का इस्तेमाल करने की इजाजत है ताकि उन्हें भोजन और आवास मुहैया कराया जा सके. इसके लिए केंद्र से पैसा भेजा जाता है. शहरी इलाकों में रहने वाले बेघर लोगों को शेल्टर होम में तीन वक्त का भोजन पूरी तरह से केंद्र सरकार के पैसे से हो रहा है.
प्रवासी मजदूरों के लिए
- प्रवासी मजदूरों के लिए सस्ते किराये के घर की योजना बनाई गई है जिसके तहत जहां प्रवासी मजदूर काम कर रहे हैं, उन्हें सस्ते में सिर छिपाने के लिए छत मिल सके.
- दो महीने तक प्रवासी मजदूरों को अनाज की फ्री सप्लाई होगी. जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी 5 किलो गेहूं-चावल, एक किलो चना दिया जाएगा. करीब 8 करोड़ मजदूरों को योजना का फायदा मिलेगा. इसके लिए 3500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसे लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी.
- घर की ओर वापस होने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए सहायता दिया जा रहा है. मनरेगा के तहत उन्हें रोजगार दिया जाएगा. 2.33 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा. न्यूनतम मजदूरी पहले ही 182 से बढ़ाकर 202 रुपये की जा चुकी है.
- प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिलेगा. शहरों से लौट रहे मजदूरों को अपने ही गांव में मनरेगा में काम दिया जा रहा है. पिछले दो महीने में 50 फीसदी तक मनरेगा में मजदूरों का रजिस्ट्रेशन बढ़ा है. 13 मई तक 14.62 करोड़ लोगों को काम दिया जा चुका है. इस योजना पर अब तक करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.



























