Politalks.News/Rajasthan/NagarNigamMayor. नवगठित जयपुर, जोधपुर और कोटा के 6 नगर निगमों में महापौर के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं. उम्मीद के मुताबिक चार निगमों में कांग्रेस और दो में बीजेपी ने का बोर्ड बना. बीजेपी की ओर से जयपुर ग्रेटर में सौम्या गुर्जर और जोधपुर दक्षिण में वनीता सेठ महापौर बनीं. वहीं कांग्रेस ने शेष रहे जयपुर हैरिटेज, जोधपुर उत्तर और कोटा उत्तर-दक्षिण में अपना बोर्ड बनाया. जयपुर हैरिटेज और कोटा दक्षिण में कांटे की टक्कर रही क्योंकि दोनों ही जगह दोनों ही दल बहुमत के जादूई आंकड़े से दूर थे. ऐसे में निर्दलीय पार्षदों की भूमिका अहम थी. जैसा का अनुमान था, निर्दलीय पार्षदों ने समर्थन देकर कांग्रेस को बहुमत के आंकड़े तक पहुंचा दिया. बुधवार को उप महापौर के चुनाव होंगे.
बात करें जयपुर नगर निगम की. जयपुर हैरिटेज (100) से कांग्रेस की मुनेश गुर्जर ने जीत दर्ज कर महापौर पद पर कब्जा जमाया. मुनेश गुर्जर ने बीजेपी की कुसुम यादव को हराया. मुनेश गुर्जर को 100 में से 56 वोट मिले, वहीं भाजपा प्रत्याशी कुसुम यादव को 44 वोट मिले. कांग्रेस को जहां 8 निर्दलीय पार्षदों का साथ मिला, वहीं तीन निर्दलीयों ने बीजेपी को समर्थन दिया. नगर निगम चुनावों में कांग्रेस के 47 और बीजेपी के 42 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी. 11 वार्ड में निर्दलीय जीत कर आए थे.
जयपुर ग्रेटर (150) में बीजेपी की सौम्या गुर्जर ने कांग्रेस की दिव्या गुर्जर को हराया है. यहां बीजेपी का बोर्ड बनना तय था. 150 वार्ड वाले जयपुर ग्रेटर में सौम्या गुर्जर को 97 और दिव्या गुर्जर को 53 वोट मिले. यहां बीजेपी के 88 और कांग्रेस के 49 पार्षद हैं. 13 निर्दलीय पार्षद हैं जिनमें से 11 ने बीजेपी तो चार ने कांग्रेस के समर्थन में वोट दिया.
जोधपुर उत्तर (80) की बात करें तो यहां कांग्रेस की कुंती परिहार ने बीजेपी की संगीता सोलंकी को हराया. यहां का नतीजा ठीक वैसा ही आया, जैसा कि उम्मीद की जा रही थी. कुंती परिहार ने संगीता सोलंकी को 42 मतों से हराया. यहां कांग्रेस की कुंती परिहार को 61 मत मिले हैं जबकि भाजपा को महज 19 वोट पर ही संतोष करना पड़ा. जोधपुर उत्तर में कांग्रेस के 58 और बीजेपी के 19 पार्षद हैं. 8 निर्दलीय विधायक भी हैं.
जोधपुर दक्षिण (80) में बीजेपी की वनीता सेठ 10 मतों से जीतकर मेयर बन गई हैं. उन्होंने कांग्रेस की पूजा पारीक को मात दी. वनीता ने हालांकि जीत दर्ज की लेकिन पार्टी की अंदरुनी राजनीति के चलते एक वोट खिसक गया. भाजपा के कुल 46 पार्षद वोट देने एक साथ पहुंचे थे जिनमें तीन निर्दलीय पार्षद भी शामिल हैं. एक वोट की क्रॉस वोटिंग हुई. यहां कांग्रेस को उम्मीद के मुताबिक 35 वोट मिले. यहां बीजेपी के 43 और कांग्रेस के 29 पार्षद है. 8 निर्दलीय पार्षद हैं.
बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले कोटा के दोनों निगमों में कांग्रेस ने अपना कब्जा जमा लिया है. कोटा उत्तर (70) में कांग्रेस की मंजू मेहरा बीजेपी की सन्तोष बैरवा को हराकर महापौर बनीं. यहां मामला पहले से ही एक तरफा था. उत्तर में कांग्रेस के 42 और बीजेपी के 13 पार्षद हैं. 5 पार्षद निर्दलीय हैं.
वहीं सबसे ज्यादा कांटे की टक्कर माने जा रहे कोटा दक्षिण निगम (80) में कांग्रेस के राजीव अग्रवाल को जीत मिली है. अग्रवाल ने बीजेपी के विवेक राजवंशी को मात दी है. यहां मुकाबला टक्कर का था क्योंकि दोनों ही दल बहुमत के जादूई आंकड़े से दूर थे. कांग्रेस और बीजेपी दोनों के पास 36-36 पार्षद हैं. 8 निर्दलीय पार्षद हैं जिन पर पूरी बाजी टिकी हुई थी. तीन निर्दलीयों ने पहले ही कांग्रेस को समर्थन दे दिया था. फाइनल वोटिंग में पांच निर्दलीय ने कांग्रेस और तीन पार्षदों ने बीजेपी के पक्ष में वोट डाला. इसी के साथ बीजेपी के एक क्रॉस वोटिंग की बदौलत कांग्रेस के अग्रवाल ने 41 वोट हासिल कर बीजेपी के विवेक राजवंशी को हरा दिया.