अंतिम अरदास में टिकैत ने दी आंदोलन की चेतावनी, प्रियंका और जयंत चौधरी को नहीं मिली मंच पर जगह

यदि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा नहीं होता है तो वे यहीं से आंदोलन की घोषणा करेंगे- राकेश टिकैत, अंतिम अरदास में मंच पर दीवान हाल सजाया गया और दिवंगत किसानों की आत्मा की शांति के लिए पाठ व प्रार्थना की गई, शोक संवेदना के दौरान जारी रहा अटूट लंगर

अंतिम अरदास में टिकैत ने दी आंदोलन की चेतावनी
अंतिम अरदास में टिकैत ने दी आंदोलन की चेतावनी

Politalks.News/UttarPradeshPolitics. लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हिंसा के दौरान मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि स्वरूप आयोजित अंतिम अरदास कार्यक्रम में किसान नेता राकेश टिकैत, कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी सहित कई नेता शामिल हुए. इस दौड़ना राकेश टिकैत ने एक बार फिर आंदोलन करने की चेतावनी देते हुए कहा कि यदि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा नहीं होता है तो वे यहीं से आंदोलन की घोषणा करेंगे. वहीं कार्यक्रम में पहुंची प्रियंका गांधी और जयंत चौधरी को मंच पर जगह नहीं दी गई. इस बीच प्रियंका वहां किसानों की समस्या सुनती नजर आईं.

इस दौरान बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि लखनऊ में एक बड़ी पंचायत की जाएगी. उसके बाद किसानों के अस्थि कलश देश के हर जिले में जांएगे, जहां लोग उन्हें श्रद्धांजलि देंगे. राकेश टिकैत ने आगे बताया कि 24 अक्टूबर को दिवंगत किसानों की अस्थियां प्रवाहित की जाएंगी और इसके बाद सभी लोग 26 को लखनऊ पहुंचेंगे. आपको बता दें, लखीमपुर आने वाले किसानों को यूपी पुलिस द्वारा जगह-जगह रोका भी गया जिसको लेकर किसानों में आक्रोश भी नजर आया. इसके लिए सभा के मंच से बार-बार अनाउंस भी किया गया कि प्रशासन उन्हें परेशान न करे. बता दें, कार्यक्रम में पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के तमाम जिलों से किसान शामिल हुए.

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लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में आयोजित अंतिम अरदास (श्रद्धांजलि सभा) कार्यक्रम में पहुंची कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी को मंच पर जगह नहीं मिली. किसान नेताओं ने इसके लिए पहले ही दो टूक कहा दिया था कि वह राजनेताओं को अपना मंच साझा नहीं करने देंगे. वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा किसानों की समस्या सुनती नजर आईं. वहीं राष्ट्रीय लोकदल के अयक्ष जयंत चौधरी भी कार्यक्रम में शामिल होने तिकुनिया पहुंचे, लेकिन जयंत चौधरी को भी मंच पर जगह नहीं दी गई.

बता दें,श्रद्घांजलि सभा के लिए करीब 30 एकड़ इलाके में इंतजाम किए गए. यह कार्यक्रम स्थल घटनास्थल से एक किलोमीटर की दूरी पर ही आयोजित हुआ. हजारों की संख्या में किसानों ने अंतिम अरदास कार्यक्रम में भाग लिया. संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित की गई इस अंतिम अरदास में मंच पर दीवान हाल सजाया गया और दिवंगत किसानों की आत्मा की शांति के लिए पाठ व प्रार्थना की गई. लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए किसानों के परिवारीजन भी इस अंतिम अरदास में मौजूद रहे.

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आपको बता दें, तिकुनिया में आयोजित इस अंतिम अरदास कार्यक्रम का संचालन संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी डा. दर्शनपाल सिंह ने किया. एक तरफ जहां किसान नेता उस घटना पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त कर रहे थे वहीं दूसरी ओर अटूट लंगर का आयोजन भी चलता रहा. मंच से किसान नेताओं ने एक बार फिर सरकार को आगाह किया कि तीन अक्टूबर को हुई घटना दुखद है और इसके सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए बिना संयुक्त मोर्चा मानने वाला नहीं है.

दूसरी तरफ मंगलवार को हिंसा काण्ड के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की 72 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड शुरू हो चुकी है.आशीष उर्फ मोनू भैया से पूछताछ करने के लिए एसआईटी ने सवालों की लंबी लिस्ट तैयार की है. वारदात के वक्त आशीष कहां था? क्योंकि शनिवार को हुई पूछताछ में आशीष 3 अक्टूबर को 2 बजकर 20 मिनट से 3 बजकर 46 मिनट तक की अपनी मौजूदगी का सबूत नहीं दे पाया था.

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