Politalks.News/Maharashtra. लगता है कांग्रेस पार्टी और मुसीबतों का रिश्ता इस तरह से बनता जा रहा है कि, कांग्रेस पार्टी डाल-डाल तो मुसीबतों का पिटारा पात-पात. जी हां कांग्रेस में पहले से राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चल रही उधेड़बुन के बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे पेशकश कर कांग्रेस को अधिक चिंताग्रस्त स्थिति में ला दिया है. ऐसे में अब मुंबई में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बदलने को लेकर काफी हलचल देखने को मिल रही है. हाल ही में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष बालासाहब थोराट ने दिल्ली में संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल से मुलाक़ात कर इस्तीफे की पेशकश की थी.
बालासाहेब थोराट को प्रदेश कांग्रेस का पद मिले अभी डेढ़ साल ही हुआ और ऐसे में उनका इस्तीफे की पेशकश करना कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बना हुआ हैं. पूर्व लोकसभा चुनाव में मिली कांग्रेस को करारी शिकस्त के बाद अशोक चौहान ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद थोराट को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. बालासाहब थोराट द्वारा इस्तीफे की पेशकश किये जाने के पीछे सबसे महत्वपूर्ण कारण जो सामने आ रहा हैं वो हैं थोराट के पास एक ही समय में तीन बड़ी जिम्मेदारियां होना.
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जी हां प्रदेश कांग्रेस के कई नेता खुलकर तो नहीं लेकिन दबी आवाज में इसे लेकर नाराजगी जता रहे हैं. दरअसल, बालासाहेब थोराट के पास राजस्व मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में पार्टी का ग्रुप लीडर की जिम्मेदारी है तो वहीं, उनके भांजे सत्यजीत तांबे के पास युवा कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी है और शायद इसीलिए कांग्रेस के कुछ नेताओं ने दबी जुबान में इस बात को लेकर जरूर नाराजगी जताई है कि एक ही परिवार में इतने पद देना ठीक नहीं है.
बालासाहेब थोराट के बाद अध्यक्ष पद के लिए कई दावेदारियां सामने आईं है. इनमें विदर्भ से आने वाले और विधानसभा के अध्यक्ष नाना पटोले सबसे आगे हैं. विदर्भ के ही मंत्री विजय वडेट्टीवार, नितिन राउत और यशोमती ठाकुर का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए लिया जा रहा है. पार्टी में इस बात को लेकर भी चर्चा है कि इस बार प्रदेश अध्यक्ष विदर्भ या मराठवाडा से होना चाहिए. मराठवाड़ा से अमित देशमुख और राजीव सातव के नाम की चर्चा भी जोरों पर है.
फिलहाल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश के बीच बालासाहेब थोराट के इस्तीफे की पेशकश ने आलाकमान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी के सामने अजीब दुविधा हैं. राहुल गाँधी फिलहाल भारत में नहीं हैं, ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर फिलहाल कोई फैसला होगा, इसकी उम्मीद कम है, लेकिन जिस तेजी से कांग्रेस पार्टी के अंदर प्रदेश अध्यक्ष बदलने को लेकर चर्चा चल रही है उससे यह लगता है कि राहुल गांधी के भारत लौटने के बाद पार्टी इस पर अपना फैसला जल्द लेगी. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी भी मुंबई पहुंचकर पृथ्वीराज चौहान, अशोक चौहान और बालासाहेब थोराट से मुलाकात कर उनकी राय जानेंगे.