लालू के ‘लालों’ में वर्चस्व की ‘लड़ाई’, खींचतान में तेजस्वी का साथ मिला तो जगदानंद ने पूछा- कौन है तेजप्रताप?

RJD में अब खुली जंग, तेजस्वी और तेज प्रताप के बीच जगदानंद बने 'मोहरा' तेज प्रताप बोले- जगदानंद पर कार्रवाई नहीं हुई, तो पार्टी की किसी भी गतिविधि में भाग नहीं लूंगा, तेजस्वी बोले- जगदानंद हर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र, राजद की सियासी खींचतान पर JDU की चुटकी- 'जब हम प्रवासी कहते थे, तो इन्हें मिर्ची लगती थी. अब तो प्रवासी सलाहकार कहा गया'

लालू के लालों के बीच खींचतान में जगदानंद को मिला तेजस्वी का साथ
लालू के लालों के बीच खींचतान में जगदानंद को मिला तेजस्वी का साथ

Politalks.news/Bihar. बिहार के ‘लाल’ लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद में अब कुछ भी ठीक होता नहीं दिख रहा है. एक ओर जहां लालू के बड़े ‘लाल’ तेजप्रताप यादव लगातार राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर हमलावर है तो वहीं लालू के छोटे ‘लाल’ तेजस्वी जगदानंद के साथ खड़े नजर आते हैं. प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने राजद छात्र इकाई के अध्यक्ष आकाश यादव को पद से हटा दिया था. जिसके बाद तेज प्रताप यादव ने सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई थी और कहा था कि जब तक जगदानंद के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जायेगी तब तक मैं पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होऊंगा. तो वहीं इस पूरे मसले पर जब जगदानंद सिंह से सवाल पूछा गया तो उन्होंने तेजप्रताप यादव को पहचानने से ही मना कर दिया.

आकाश यादव को हटाए जाने के बाद शुरू हुई सियासी खींचतान
दरअसल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने राजद की छात्र इकाई के अध्यक्ष आकाश यादव को उनके पद से हटा दिया था और गगन कुमार को यह पद दे दिया था. आकाश यादव तेजप्रताप यादव के बेहद करीबी हैं और उन्हें पिछले साल मई महीने में छात्र आरजेडी का प्रदेश अध्यक्ष का पद दिया गया था. सूत्रों के अनुसार जगदानंद सिंह ने आकाश सिंह को हटाने की घोषणा से पहले कुछ घंटे तेजस्वी यादव से फ़ोन पर चर्चा की थी. जिसके बाद से तेजप्रताप और तेजस्वी के बीच कुछ भी ठीक ना होने के कयास लगाए जा रहे हैं. आकाश यादव को हटाए जाने के बाद तेज प्रताप यादव ने किसी प्रवासी सलाहकार का जिक्र करते हुए उसे पार्टी और लालू परिवार के बीच मतभेद पैदा करने वाला बताया है.

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‘प्रवासी’ सलाहकार कर रहा है लालू परिवार और राजद में मतभेद पैदा
इस पूरे मसले पर ट्वीट करते हुए तेजप्रताप यादव ने कहा कि जिस प्रवासी सलाहकार के इशारो पर पार्टी चल रही वो हरियाणा में अपने परिवार से किसी को सरपंच नहीं बनवा सकता वो ख़ाक मेरे अर्जुन को मुख्यमंत्री बनायेगा. वो प्रवासी सलाहकार सिर्फ लालू परिवार और राजद में मतभेद पैदा कर सकता है. तेजप्रताप के इस ट्वीट को तेजस्वी यादव के चुनावी रणनीतिकार संजय यादव पर सीधा निशाना माना जा रहा है. हालांकि इसके अलावा एक अन्य ट्वीट में तेजप्रताप यादव ने आकाश यादव को छात्र इकाई के अध्यक्ष पद से हटाए जाने पर जगदानंद सिंह का बिना नाम लिए निशाना साधा.

अगर सिंह पर नहीं की गई कार्यवाही, तो नहीं होऊंगा पार्टी कार्यक्रम में शामिल- तेजप्रताप
तेजप्रताप यादव ने एक अन्य ट्वीट करते हुए कहा कि प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने मैं अध्यक्ष जी ये भूल गए की पार्टी संविधान से चलता है और राजद का संविधान कहता है की बिना नोटिस दिए आप पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते, आज जो हुआ वो राजद के संविधान के खिलाफ हुआ है. इस बयान के बाद गुरुवार को एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए तेजप्रताप यादव ने कहा कि अगर जगदानंद सिंह के खिलाफ पार्टी की और से कार्यवाही नहीं की गई तो मैं पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होऊंगा. 

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कौन है तेजप्रताप?- जगदानंद
वहीं गुरुवार को जब राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह मीडिया से मुखातिब हुए तो उन्होंने तेजप्रताप यादव को पहचानने से ही मना कर दिया. सिंह ने कहा कि कौन है तेजप्रताप यादव? वह सिर्फ लालू यादव को जानते हैं और जो अध्यक्ष हैं. जगदानंद सिंह इस दौरान मीडिया को यहां तक कह दिया कि आपलोग मुझसे तेजप्रताप से जुड़े सवाल इसलिए पूछते हैं क्योंकि वह आपको खिलाता-पिलाता होगा. वहीं जब मीडिया ने जगदानंद सिंह द्वारा आकाश यादव को हटाए जाने के बारे में सवाल किया कि यह पूरा मामला पार्टी का अंदरूनी मामला है. हालांकि हमसे गलती हुई कि हमने उस वक़्त संगठन नहीं बनाया था, जिसे की कल इसे बनाया गया. अब इसमें किसी को हटाने का कोई मामला ही नहीं है. हमारे संविधान में धारा 25 है उसके तहत राज्य के अध्यक्ष ही उसका चुनाव करेंगे. जब उस पद पर कोई था ही नहीं तो किसी को हटाने व किसी से पूछने का सवाल ही नहीं है.

खुद को हिटलर बुलाये जाने पर खुल कर बोले जगदानंद
आपको बता दें कि जब से जगदानंद सिंह और तेजप्रताप यादव के बीच आपसी खींचतान उजागर हुई है तभी से प्रदेश अध्यक्ष सिंह ने पार्टी मुख्यालय से दूरी बना ली थी. इसी को लेकर जब जगदानंद सिंह से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं कुछ दिनों से बीमार चल रहा था इस कारण दफ्तर नहीं आ सका. तो वहीं तेजप्रताप द्वारा जगदानंद को हिटलर बुलाये जाने पर सिंह ने कहा कि ना तो हमे कोई कुछ कहता और ना ही हमने कुछ सुना. पार्टी के अंदर मेरी किसी किसी से कोई नाराजगी नहीं है. मेरे लिए पार्टी पहली प्राथमिकता है और उससे ऊपर कोई नहीं है. चाहे वो कोई भी हो मेरा बेटा ही क्यों नहीं हो.

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जगदानंद किसी को भी हटा सकते हैं और कर सकते हैं नियुक्त- तेजस्वी
वहीं जब आकाश यादव के निष्कासन को लेकर तेजस्वी यादव से पूछा गया तो उन्होंने इसे सही ठहराया. तेजस्वी यादव ने कहा कि राजद की छात्र इकाई ही नहीं, प्रदेश में पूरे संगठन की जिम्मेवारी जगदानंद पर है. वह किसी को भी हटा सकते हैैं और किसी को भी नियुक्त कर सकते हैैं. इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता. साथ ही तेजस्वी यादव ने गगन के मनोनयन को भी सही ठहराया.

राजद में जारी सियासी खींचतान पर JDU की चुटकी
वहीं राजद के भीतर चल रही है आपसी खींचतान को लेकर सत्ताधारी पार्टी JDU ने चुटकी ली है. JDU नेता एवं पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि, जब हम प्रवासी कहते थे, तो इन्हें मिर्ची लगती थी. अब तो प्रवासी सलाहकार कहा गया. पार्टी को पारिवारिक संपत्ति समझने वालों का आंतरिक कलह अब सबके सामने आ गया है. जगदानंद सिंह को पार्टी संविधान का आईना दिखाया गया है. राजनीति में जमीर महत्वपूर्ण होता है, आत्मसम्मान महत्वपूर्ण होता है. जगदानंद सिंह की ऐसी दुर्दशा देखी नहीं जा रही है. पद के लिए अपने स्वाभिमान से समझौता किया है.

तेजप्रताप के ट्वीट और जगदानंद सिंह द्वारा तेजप्रताप को लेकर दिए गए बयान के बाद इतना तय माना जा रहा है कि जगदानंद और तेजप्रताप का तकरार और बढ़ेगी. इसके साथ ही लालू के बड़े लाल तेजप्रताप द्वारा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ खुलकर बयानबाजी और लालू के छोटे लाल तेजस्वी द्वारा उनके फैसलों का समर्थन करना कई सारे सवाल पैदा कर रहा है. कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि लालू परिवार में अब वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो चुकी है. ऐसे में लालू प्रसाद यादव की खमोशी भी बड़े सवाल खड़े कर रही है.

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