पंजाब पंगे पर प्रभारी रावत बोले- ALL IS ‘NOT’ WELL, इधर आलाकमान ने सिद्धू को लौटाया बैरंग

नहीं टला पंजाब कांग्रेस का संकट!, हरीश रावत ने भी माना- ऑल इज वेल नहीं, प्रभारी ने कैप्टन के किले में लगाई 'हाजिरी', बोले की गई है 'समझाइश', कैबिनेट में बदलाव की जरूरत नहीं है, इधर दिल्ली पहुंचे सिद्धू को आलाकमान को बैरंग लौटाया, पंजाब कलह पर दिलचस्प टिप्पणी- 'रावत अपना घर संभालें या पंजाब का पंगा', रावत के बयानों ने भी बढ़ाई मुश्किलें!

पंजाब में ALL IS 'NOT' WELL
पंजाब में ALL IS 'NOT' WELL

Politalks.News/Punjab. कांग्रेस की पंजाब इकाई में जारी दिक्कतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. इस ‘सियासी कलह’ के बीच पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने बड़ा बयान दिया है. हरीश रावत ने माना है कि, ‘पंजाब कांग्रेस में सबकुछ ऑल इज़ वेल नहीं है, इसमें वह कुछ छुपाना नहीं चाहते हैं’. हरीश रावत ने कहा कि, ‘जो मंत्री नाराज़ थे, वह चंडीगढ़ में उनसे मुलाकात करने नहीं आए. लेकिन उनका शुक्रिया करते हैं, क्योंकि अगर वो मिलते तो पूरा दौरा उसी पर फोकस हो जाता’. इधर कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाराज कांग्रेस ‘प्रधान’ नवजोत सिंह सिद्धू बोरिया बिस्तर लेकर कल दिल्ली पहुंचे थे. लेकिन बार बार मिन्नतों के बाद कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया. सिद्धू को बैरंग ही उल्टे पांव लौटना पड़ा.

एक दिन में बदले रावत बोलेे- ‘कैबिनेट में बदलाव की जरूरत नहीं है’ विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और पंजाब प्रभारी हरीश रावत भी राज्य में शांति नहीं करवा पा रहे. रोज नेताओं के नए-नए बयान सामने आ रहे हैं. एक दिन पहले हरीश रावत का बयान आया कि, ‘जरूरत पड़ी तो पंजाब में कैबिनेट में बदलाव होगा’, अब उन्होंने कहा है कि, ‘कैबिनेट में बदलाव की जरूरत नहीं है’. कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच प्रभारी हरीश रावत ने साफ किया कि, ‘उनकी इसको लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह से कोई बातचीत नहीं हुई है, ऐसे में जो चर्चाएं जारी हैं वो बेवजह हैं.

पंजाब की सत्तारूढ़ कांग्रेस के बीच छिड़ी कलह समाप्त करने पहुंचे कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने बुधवार को सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात की. रावत कैप्टन के सिसवां फार्म हाउस पर पहुंचे. वहां पहले से मौजूद अमरिंदर समर्थित कई विधायकों ने रावत के साथ मुलाकात करके सिद्धू की बयानबाजियों पर रोक लगाने की मांग उठाई.
इधर, पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने पंजाब सरकार के काम की तारीफ की. रावत ने कहा कि कैप्टन सरकार ने काफी काम ऐसे किए हैं जिनकी तारीफ नहीं हो पाई है.

‘कैप्टन के किले’ में हुए  बैठक में रावत ने मुख्यमंत्री को नाराज मंत्रियों और विधायकों से मिलकर उनकी शिकायतों को जल्द दूर करने की सलाह दी. इसके अलावा कृषि सुधार कानून, बिजली समझौते, नशा और बस परमिटों के मुद्दों को तत्काल हल करने को कहा. इसके अलावा कैप्टन को नाराज चल रहे विधायकों और मंत्रियों से मुलाकात कर मनाने का आग्रह किया है. उन्होंने बताया कि कुछ और प्रमुख मुद्दों को भी हल करने के लिए अमरिंदर को कहा गया है. रावत ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री ने सभी मुद्दों पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है’

सिद्धू के दिल्ली दौरे पर क्या बोले रावत?
पंजाब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के अचानक दिल्ली जाने को लेकर बात संभालते हुए हरीश रावत ने कहा कि, ‘वह नाराज़ होकर नहीं गए हैं, बल्कि अपने मुद्दे लेकर दिल्ली पहुंचे थे. मेरे साथ उनकी संगठन के विस्तार और अन्य मसलों पर बातचीत हो चुकी है’. पंजाब कांग्रेस में चल रही तमाम दिक्कतों को लेकर हरीश रावत ने कहा कि जरूरी नहीं है कि, ‘हर किसी की सोच आपस में मिले, कई मुद्दों पर विचार अलग-अलग हो सकते हैं. लेकिन ये नहीं कह सकते हैं कि कांग्रेस में मनमुटाव है’.

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इधर, सिद्धू से आलाकमान ने बनाई दूरी!
जैसा की जगजाहिर है कि पंजाब में सरकार और संगठन के बीच के मनमुटाव चरम पर है. इस पूरे मनमुटाव को दूर करने के लिए कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत दो दिन के चंडीगढ़ दौरे पर हैं. उन्होंने पहले नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात की और फिर कैप्टन अमरिंदर से मुलाकात की. लेकिन इस मुलाकात ले इतर नवजोत सिंह सिद्धू बुधवार को दिल्ली पहुंचे, यहां वो कांग्रेस आलाकमान से मिलना चाहते थे. लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धू को मिलने का वक्त नहीं दिया, ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू वापस बैरंग ही पंजाब पहुंच गए.

रावत हाईकमान को देंगे रिपोर्ट
पंजाब के विधायकों के बाद प्रभारी रावत ने कैप्टन से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच करीब तीन घंटे मुलाकात चली. इसके बाद रावत ने कहा कि, ‘दोनों पक्षों की बातचीत सुन ली गई है. इस संबंध में एक रिपोर्ट हाईकमान को दी जाएगी’

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हालांकि सियासी गलियारों में चर्चा है कि हरिश रावत के लगातार बदल रहे बयानों के चलते ही गफलत का माहौल बन रहा है. पंजाब और उत्तराखंड दोनों ही राज्यों में चुनाव सर पर हैं. उत्तराखंड में रावत ही कांग्रेस का बड़ा चेहरा हैं. हरीश रावत अब उत्तराखंड संभालें या पंजाब का मसला सुलझाने के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ के चक्कर लगाते रहें. रावत कांग्रेस आलाकमान से भी पंजाब का प्रभार उनसे वापस लेने की बात कह चुके हैं. अब आने वाले समय में पंजाब का पंगा उलझता है या सुलझता इस पर रहेगी सभी की नजरें.

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