Politalks.News/Maharashtra. शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भारत में अगर कहीं PoK है तो ये PM मोदी की नाकामी है. रविवार को दादर स्थित सावरकर ऑडिटोरियम में हुई इस रैली में सीएम उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर भी अपना गुस्सा उतारा और बिना नाम लिए उन्हें ‘काली टोपी’ पहनने वाले व्यक्ति कहकर पुकारा.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘आज उनसे दशहरा रैली में किए गए मोहन भगवत के भाषण को सुनने के लिए कहते हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि हिंदुत्व का मतलब मंदिरों में की जाने वाली पूजा नहीं है, और आप हमसे कह रहे हैं कि अगर आपने मंदिर नहीं खोले तो आप धर्मनिरपेक्ष बन रहे हैं. अगर आप ‘काली टोपी’ के नीचे कुछ दिमाग रखते हैं, तो मुख्य भाषण को सुनें. हम हमेशा से चाहते थे कि मोहन भागवत हमारे देश के राष्ट्रपति बनें, लेकिन वो ऐसा नहीं चाहते.’
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शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली में सीएम ठाकरे ने बीजेपी पर भी जमकर हमला बोला और बिहार विधानसभा चुनावों में अपनी एनडीए सरकार को बचाने की नसीयत दी. उद्धव ठाकरे ने भाजपा को टार्गेट करते हुए कहा, ‘वो मेरी सरकार को गिराना चाहते हैं, लेकिन मैं सूचित कर दूं. पहले अपनी सरकार को बचाएं. मैं अपील करूंगा कि बिहार के लोग आपकी आंखें खोलें और वोट करें.’ सीएम ठाकरे ने महाराष्ट्र की जनता से भी अपील करते हुए कहा, ‘मैं मराठा, ओबीसी समुदाय के लिए न्याय चाहता हूं. मेरा सभी से अनुरोध है कि कोई बंटे नहीं. हमें महाराष्ट्र के लिए संयुक्त रहना है.’
सीएम ने कहा कि हमारे देश में जो चीजें चल रही हैं, वे बेहद दुखद हैं. कोरोना को भुलाकर भाजपा केवल विभिन्न राज्यों की सरकार गिराने के लिए बैठी है. मैं लॉकडाउन नहीं चाहता, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखता हूं. केंद्र सरकार बिहार में निशुल्क वैक्सीन देने जा रही है, फिर महाराष्ट्र के लोग बांग्लादेश या पाकिस्तान में रह रहे हैं क्या?
कंगना पर साधा निशाना
कंगना पर निशाना साधते हुए सीएम उद्धव ने कहा कि आज हम दस चेहरे का प्रतीकात्मक रावण जलाते हैं. एक चेहरे का कहना है कि मुंबई पीओके है. मैं कहना चाहूंगा कि अनुच्छेद-370 हट चुका है. अगर हिम्मत करो तो वहां एक जमीन खरीदने की हिम्मत करो. आप यहां रोजगार के लिए आते हैं और मुंबई को बदनाम करते हैं. मुंबई पुलिस को बदनाम क्यों किया? ये वही पुलिस है जिसने आपको बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. पीओके के साथ मुंबई की तुलना पीएम नरेंद्र मोदी का अपमान है.