अगर छिपाने की कोई बात नहीं है तो राहुल-प्रियंका को हाथरस में क्यों रोका: सीएम गहलोत

योगी सरकार पर राजस्थान के मुख्यमंत्री ने दागा सवाल, विपक्ष की भूमिका पर उठाए सवाल, बोले मुख्यमंत्री- घटना क्यों हुई.. इसे उठाना विपक्ष का काम लेकिन विपक्ष के नेता नहीं आ रहे आगे, राहुल-प्रियंका निभा रहे विपक्ष की सच्ची भूमिका

Ashok Gehlot On Hathras
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Politalks.News/Rajasthan. ‘घटना कहीं हो सकती है पर घटना होने के बाद में कार्रवाई करना दूसरी बात है और लापरवाही करना दूसरी बात है. जो लापरवाही हाथरस में की गई, रात को 2 बजे बच्ची का अंतिम संस्कार पुलिस द्वारा किया गया, ये तो मैंने आज तक नहीं सुना.’ यह कहना है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का, जो सचिवालय में महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर बापू को नमन करने के बाद मीडिया से रूबरू हो रहे थे. ‘राहुल गांधी और प्रियंका गांधी बारां में हुई घटना के बाद राजस्थान क्यों नहीं आए..’ इस सवाल का जवाब देते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि वो लोग जो इस तरह की टिप्पणी करते हैं… उनको कहना चाहूंगा कि वो तो हमारी पार्टी के नेता हैं और हमारी बात पर विश्वास करते हैं. हम रिपोर्ट भेजते हैं और उस पर हमारे नेता विश्वास करेंगे. यहां तो विपक्ष को अपनी भूमिका निभानी चाहिए. विपक्ष के नेता आगे आएं लेकिन वो क्यों नहीं आ रहे हैं?

मुख्यमंत्री गहलोत ने केंद्र और विपक्ष के बीजेपी नेताओं को जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस में विपक्ष के नेता के रूप में जा रहे थे. वे दोनों विपक्ष की सच्ची भूमिका निभा रहे थे. ऐसे में बीजेपी नेताओं का तर्क बिलकुल ही बेहूदा तर्क है. उनको भी अपनी विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए, जैसे प्रियंका गांधी और राहुल गांधी निभा रहे हैं. आप यहां विपक्ष के नेता के रूप में दिल्ली से नेताओं को बुलाओ, हम उनको राजस्थान में अलाऊ करेंगे, रोकेंगे नहीं.

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सीएम गहलोत ने कहा कि घटना तो देश-दुनिया में होती है. इतनी बड़ी घटना हुई है हाथरस में. डेमोक्रेसी के अंदर राष्ट्रीय स्तर का नेता और मुख्य विपक्षी दल के नेता वहां जाना चाहता है तो ये उनका अधिकार है. ये विपक्ष का काम है. अगर कोई छिपाने की बात नहीं है, तो रोकने की बात क्यों होनी चाहिए? सीएम ने कहा कि अगर कोई बीजेपी के नेता बड़े से बड़े नेता राजस्थान आएं, चाहे अमित शाह जी आएं, चाहे धर्मेंद्र प्रधान जी आएं, कोई भी आओ और देखो यदि यहां घटना हुई तो कार्रवाई हुई कि नहीं हुई. वे बारां जाएं, भिवाड़ी में जाएं, कहीं भी जाएं, हम उनको जाने के लिए अलाऊ करेंगे. उन्हें पुलिस प्रोटेक्शन में अलाऊ करेंगे, हमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन बीजेपी नेताओं को ये कहने का अधिकार नहीं है कि वो वहां जा रहे हैं और यहां क्यों नहीं आ रहे हैं.

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हाथरस में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ यूपी सरकार और पुलिस के बर्ताव की सीएम गहलोत ने निंदा की. मुख्यमंत्री ने खेरवाड़ा का उदाहरण देते हुए कहा कि डूंगरपुर के खेरवाड़ा में जब तीन दिन पहले घटना हुई तो बीजेपी के मदन दिलावर सहित तीन नेता वहां गए तो हमने उनको नहीं रोका. वे जाकर पता करें कि वास्तव में घटना क्यों हुई. ये विपक्ष का काम होता है. आज राजस्थान में कोई घटना होती है, घटना कहीं हो सकती है पर घटना होने के बाद में कार्रवाई करना दूसरी बात है और लापरवाही करना दूसरी बात है.

सीएम गहलोत ने कहा कि जो लापरवाही हाथरस में की गई, रात को 2 बजे आप बच्ची का अंतिम संस्कार कर दो, मैंने कभी सुना आज तक. मुख्यमंत्री ने कहा कि कैसी भी स्थिति होती है, कोरोना को छोड़कर के, परिवारवालों को अंतिम संस्कार से बॉडी सौंपी दी जाती है.

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मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोरोना काल में भी 20 लोगों को दाह संस्कार में शामिल होने की छूट दी गई है. बॉर्डर पर शहीद होते हैं तो उनकी पार्थिव देह भी हेलीकॉप्टर या प्लेेन से पहले गांव तक आती है, इतना सम्मान देने की बात हमेशा रही है हमारे देश के संस्कार-संस्कृति में, लेकिन रात को पुलिस की देखरेख में आप दाह-संस्कार कर दो और मां सिर्फ अपनी बच्ची के अंतिम दर्शनों के लिए बिलखती रहे, उसको भी आप अलाऊ नहीं करो, ऐसा तो कभी नहीं देखा.

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