संवेदनहीन सरकार के चिकित्सा मंत्री में जरा भी संवेदनशीलता है तो पद से दें इस्तीफा- कोटा मामले में बोले राठौड़

लगातार दूसरे साल कोटा के जेके लोन अस्पताल में हुई 18 नवजात शिशुओं की मौत के मामले में बीजेपी की जांच समिति ने किया अस्पताल का दौरा, अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने कहा सरकार की लापरवाही से यह अस्पताल बच्चों की मौत के कारखाने की तरह पहचान बन गई, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया बीजेपी की समिति का विरोध

कोटा के जेके लोन अस्पताल में हुई 18 नवजात शिशुओं की मौत
कोटा के जेके लोन अस्पताल में हुई 18 नवजात शिशुओं की मौत

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में लगातार दूसरे साल कोटा के जेके लोन अस्पताल में हुई 18 नवजात शिशुओं की मौत के बाद गहलोत सरकार भाजपा के निशाने पर है. इस सम्बंध में भाजपा की ओर से गठित चार सदस्यीय टीम ने शनिवार को जेकेलोन अस्पताल का दौरा करके प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. समिति ने शिशुओं की मौत के लिए चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को जिम्मेदार ठहराया और इस्तीफा देने की मांग रखी. वहीं भाजपा द्वारा गठित इस समिति का जेकेलोन अस्पताल में आने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया.

समिति का नेतृत्व कर रहे राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, तकलीफ के साथ एक साल बाद हम फिर उसी संभाग मुख्यालय के सबसे बड़े बच्चों के अस्पताल में आए हैं. हमें एक साल पहले की बात याद आ रही है, जब दो समितियां बनीं थी, जिसमें एक को मैं लीड कर रहा था और एक का नेतृत्व सांसद जसकौर मीना कर रही थीं. जब जो देखा उसके बाद अभी भी हालात जस के तस हैं. सरकार की लापरवाही से यह अस्पताल बच्चों की मौत के कारखाने की तरह पहचान बनाए हुए है.

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राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि पिछले साल 35 दिनों 110 बच्चों की मौत हुई थी. यहां चार यूनिट हैं उनमें एक के अलावा सभी तीन यूनिट सिर्फ एक सहायक प्रोफेसर के भरोसे चल रही है. अस्पताल में 117 उपकरण खराब हैं. एक-एक वार्मर में दो-दो बच्चे हैं, उनके परिजन बाहर रहते हैं. चिकित्सा उपकरणों में जंग लगी हुई है, वे संक्रमण से कैसे बचेंगे. राठौड़ ने कहा कि अस्पताल के अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि 10 दिसम्बर को 9 नहीं 13 बच्चों की मौत और 11 दिसम्बर को पांच मौतें हुई हैं. पिछले साल स्टाफ को शिशुओं को स्तनपान कराने के तरीके बताने का प्रशिक्षण देने की बात हुई थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

विधानसभा ने उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा कि, पिछली बार लंबे चौड़े दावे करने वाली संवेदनहीन गहलोत सरकार के चिकित्सा मंत्री में जरा भी संवेदनशीलता है तो उन्हें पद से इस्तीफ दे देना चाहिए. दो दिनों में 18 मौतें होना सरकार के मुंह पर तमाचा है. राठौड़ ने आरोप लगाया कि ससंदीय मंत्री शांति धारीवाल ने पिछले साल की तरह ही हमारे दौरे को देखते हुए यहां गुंडों को तैनात किया. हम पुलिस की व्यवस्था और हमारे कार्यकर्ताओं के बल पर दौरा कर पाए हैं. चुने हुए जन प्रतिनिधियों को गुंडा तत्वों की ताकत पर रोकना लोकतंत्र का अपमान है.

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दरअसल, भाजपा की ओर से गठित सांसद-विधायकों की इस जांच समिति का जेकेलोन अस्पताल में आने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध किया. हाड़ौती विकास मोर्चा के संयोजक राजेन्द्र सांखला ने कार्यकर्ताओं के साथ समिति को काले झंडे दिखाए और अस्पताल के बाहर के परिसर में जमकर नारेबाजी की. पुलिस सुरक्षा में मुश्किल से समिति को अस्पताल में प्रवेश मिला. इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

इस घटनाक्रम पर राजेन्द्र सांखला ने कहा कि, यहां अस्पताल में सरकार 80 करोड़ के कार्य करवा रही है. जब राजेन्द्र राठौड़ खुद चिकित्सा मंत्री रहे तब प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था के हाल खराब थे. उन्हें खुद कहना पड़ा था कि वे चिकित्सा मंत्री होने पर शर्म महसूस कर रहे हैं. लेकिन हम इसे राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देंगे, इसलिए विरोध कर रहे हैं.

उधर, प्रेसवार्ता के दौरान चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पर पीपीई किट में अनियमिता करने का आरोप लगाते हुए राजेन्द राठौड़ ने कहा कि इस मुद्दे को हम विधानसभा में उठाएंगे. बता दें, भाजपा द्वारा गठित इस समिति में विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के साथ सांसद जसकौर मीना, विधायक मदन दिलावर और कोटा से विधायक संदीप शर्मा भी शामिल हैं.

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