पॉलिटॉक्स ब्यूरो. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने रविवार को निकाले गए कांग्रेस के शांति मार्च (Poonia on Shanti March) को लेकर कहा है की नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पड़ोसी इस्लामिक देशों से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर आए मूल भारतवंशियों को नागरिकता देने के लिए क़ानून में संशोधन किया है, तो इसमें अशोक गहलोत को इतनी आपत्ति क्या है. गौरतलब है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC के विरोध में रविवार को राजधानी जयपुर में सात दलों का एक साथ शान्ति मार्च निकाला गया.
शहर के अल्बर्ट हॉल से शुरू हुआ शांति मार्च गांधी सर्किल पहुंचा, जहां सर्वदलीय और सर्वसमाज की सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने एलान किया कि राजस्थान में CAA और NRC लागू नहीं किए जाएंगे. सीएम गहलोत ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को विभाजनकारी फैसला बताते हुए केंद्र से इसे वापस लेने की मांग की. सभा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, आरएलपी नेता जयंत चौधरी, जेडीएस से अर्जुन देथा, सीपीएम से बलवान पूनिया और वरिष्ठ नेता शरद यादव ने भी संबोधित किया.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने रविवार को जयपुर में निकाले गए कांग्रेस के इस प्रदर्शन (Poonia on Shanti March) पर कहा है कि मुख्यमंत्री एक समुदाय विशेष की भीड़ का नेतृत्व कर क्या संदेश देना चाह रहे थे. वो लोकतंत्र का कौनसा रूप दिखा रहे थे, जिसमें जबरन लोगों की दुकाने बंद करवा दी गई, शहर के यातायात को अवरुद्ध कर दिया गया. इतिहास में पहली बार हुआ जब अपनी ही जनता में डर और दहशत पैदा करने सरकार और उसके मुखिया सड़क पर उतरे.
यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री गहलोत ने मोदी को दिया जवाब, कहा- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मेरा नाम लेकर देश को गुमराह कर रहे हैं
पूनियां ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है की जनता को घरों में क़ैद करके, इंटरनेट बंद करके, दहशत का वातावरण बनाकर, सरकार का मुखिया शांति मार्च (Poonia on Shanti March) निकालने का दावा कर रहा है. दो दिन पहले नागरिता संशोधन अधिनियम के समर्थन में भाजपा के हजारों कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था जिसका शहर के लोग स्वागत कर रहे थे, न किसी को इंटरनेट बंद करने की जरूरत न पड़ी, न किसी दशहत थी और आज खुद सरकार न्याय के खिलाफ सड़क पर उतरी और डर के मारे लोग घरों में कैद हो गए.
प्रदेशाध्यक्ष पूनियां ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री मजबूत इच्छा शक्ति वाले राजनेता है, उन्होंने दशकों से पीड़ित लोगों को न्याय देने और उन्हें सम्मान की ज़िंदगी देने के लिए भारत की परम्परा और संविधान के अनुसार इस विधेयक के संशोधन को संसद में पारित करवाया है. पूनियां ने कहा कि अशोक गहलोत अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए कितना भी नाटक कर लें, उन्हें इस कानून को राजस्थान में लागू करना ही पड़ेगा.