Politalks.News/Rajasthan. आज पूरा देश स्वर्णिम विजय दिवस (Vijay Diwas) मना रहा है. इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने 1971 के भारत-पाक युद्ध (War Between India and Pakistan) में भारत की ऐतिहासिक विजय के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में अमर जवान ज्योति पर स्वर्णिम विजय दिवस कार्यक्रम में देश की आन-बान-शान के लिए स्वयं को न्यौछावर करने वाले हमारे वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस कार्यक्रम में गहलोत सरकार के मंत्री, विधायक और कांग्रेस के कई पदाधिकारी मौजूद रहे. अपने संबोधन से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) ने वीर सपूतों के परिजनों को सम्मानित कर जवानों की शहादत को नमन किया. कार्यक्रम के पश्चात मीडिया से बात करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘धर्म के नाम पर राजनीति करना आसान है, भड़काना आसान है, आग लगाना आसान है लेकिन उसे बुझाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है.’
बांग्लादेश जब आजाद हुआ था तब आये थे एक लाख शरणार्थी
स्वर्णिम विजय दिवस समारोहपर देश के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘जब बांग्लादेश आजाद हुआ, उस समय हमारे देश की धरती पर करीब 1 करोड़ शरणार्थी आ गए थे. तब मुझे भी उनके बीच जाने का अवसर मिला, उनकी सेवा करने का सौभाग्य मिला. पाकिस्तान के एक 1 लाख सैनिकों ने एक साथ हमारी सेना के सामने सरेंडर कर दिया. ऐसे में आप सोच सकते हैं कि हमारे देश के लिए बहुत बड़े गर्व की बात है कि देश ने जो अत्याचार हो रहा था, अन्याय हो रहा था पाकिस्तान, पूर्वी पाकिस्तान के अंदर, उस वक्त उनकी मदद की.’
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प्रदेश के घर-घर में है देश प्रेम का जज्बा
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘जब बंगलादेश बना तो 1 करोड़ शरणार्थी भारत आये थे और बाद में भी लगातार आए जा रहे थे. लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की इच्छाशक्ति थी, दृढ़ निश्चय था उन्हें न्याय दिलाने का. हमारी सेना के पराक्रम ने हमें विजय दिलाई, हम भूल नहीं सकते इसको.’ सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘राजस्थान के घर घर में देश भक्ति का जज्बा है. करगिल युद्ध हो, चाहे 1965 की लड़ाई हो, या ये 1971 का ये बांग्लादेश का वॉर हो, उसके पहले हो या आजादी के पहले या बाद में हमेशा राजस्थान के जवान सीमाओं की रक्षा करने के लिए भी और देश के स्वाभिमान के लिए भी हमेशा तैयार रहे हैं, इस बात का मुझे गर्व है. इसलिए मैं बार-बार कहता हूं, मुझे इस बात का गर्व है कि मैं ऐसे प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं, जिस प्रदेश के घर-घर के अंदर जज्बा है देश प्रेम का, देश की एकता का, अखंडता का और सीमाओं की रक्षा करने का.’
धर्म के नाम पर अगर देश बनता है तो नहीं रहता अखंड
मीडिया से बात करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘पाकिस्तान जब बना, वो धर्म के नाम पर बना था, फिर भी वो एक नहीं रह पाए और पकिस्तान के दो टुकड़े हो गए. उस समय पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान था, आज वो पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बन गया. तब वहां बंगाली बोलते थे, यहां पंजाबी बोलते थे, उर्दू बोलते थे. तो आप सोच सकते हो कि एक धर्म के नाम पर ही अगर देश बनता भी है, तो देश एक व अखंड रहता है क्या? नहीं रहता है, ये पाकिस्तान का उदाहरण हमारे सामने है.’
कुछ लोग करते हैं इस देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग, लेकिन क्या ये संभव है?
बीजेपी पर निशाना साधते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘इस देश को भाजपा हिंदू राष्ट्र बनाने की बात करती है, इस देश को आप धर्म के नाम पर बांटने की बात करते हो, क्या संभव है इतने बड़े मुल्क में? हमारे यहां तो और भी ज्यादा भाषाएं हैं, वहां तो खाली उर्दू थी, या बंगाली थी, एक धर्म था, वो एक नहीं रह पाया. अरे भाई जो दुनिया की महान शक्तिशाली कहलाती थी उस रशिया के 16 टुकड़े हो गए. आप सोचिए इस देश में धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों को ये समझ में आनी चाहिए कि एक धर्म के नाम पर राष्ट्र बन भी जाता है कोई, तो कायम रहता है क्या?’
‘आज देश को में ऐसा माहौल बन गया है, कि सिर्फ धर्म के नाम पर बात की जाती है, हिंदुत्व की बात की जाती है, हिंदू राष्ट्र की बात की जाती है, क्या ये संभव है? देश का फ्यूचर क्या होगा, कोई सोच सकता है? क्या होगा, कोई नहीं कह सकता. धर्म के नाम पर राजनीति करना आसान है, भड़काना आसान है, आग लगाना आसान है लेकिन उसे बुझाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है.
देश में RSS भी रहेगी तो कांग्रेस- बीजेपी भी रहेगी क्यों कि ये है विचारधारा की लड़ाई
सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘मैं ये कहना चाहूंगा कि इस हिंदुस्तान में जो भी लोग रहते हैं, विचारधारा अलग हो सकती है, हमारी कोई दुश्मनी किसी से नहीं है. कुछ लोग कहते हैं कि बीजेपी-आरएसएस तो देश में खत्म होनी चाहिए. लेकिन हमारी पार्टी और मेरा मानना यह है कि, ‘इस देश में आरएसएस भी रहेगी, बीजेपी भी रहेगी और हम भी रहेंगे क्यों कि यह हमारी विचारधारा है. लड़ाई विचारधारा की होनी चाहिए लोकतंत्र के अंदर, पर ये व्यक्तिगत लड़ाई या ये धर्म के नाम पर राजनीति, जाति के नाम पर राजनीति खतरनाक होती है.
पत्र का जवाब ना देने की कसम खा रखी है प्रधानमंत्री ने
वहीं कोरोना के बूस्टर डोज को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘हमने कई बार प्रधानमंत्री को कोरोना के बूस्टर डोज को लेकर पत्र लिखा लेकिन उन्होंने तो जवाब नहीं देने की जैसे कसम खा रखी हो. पीएम को कम से कम मुख्यमंत्री द्वारा लिखे गए का जवाब तो देना चाहिए. आज दुनिया भर के कई देशों में बूस्टर डोज प्रारम्भ हो गई है. लेकिन हमारे देश में अभी कोई स्कीम नहीं है भारत सरकार की, योजना में नहीं है. कल ही मैंने नीति आयोग के मिस्टर पॉल से बात की है जो इस काम को देख रहे हैं, उनकी बातों से मुझे लगा कि अभी भारत सरकार की सोच नहीं है, न तो बूस्टर डोज के बारे में है और न ही बच्चों की वैक्सीनेशन के बारे में है.’
सीएम गहलोत ने कहा कि ‘आज यूके के अंदर भयावह लहर फैल चुकी है, कहते हैं कि वहां मैक्सिमम ऑक्यूपेंसी हो गई है. जर्मनी के हालात बहुत खराब हैं, अमेरिका के हालात भी बहुत खराब हैं. ओमिक्रॉन जो है यह भी खतरनाक है. ओमिक्रॉन अभी 70 मुल्कों में फैल चुका है, परंतु फॉर्च्युनेटली अभी एक मौत हुई है सिर्फ यूके में. अगर मान लीजिए इसने अपना रूप बदल दिया वेरिएंट ने, तो आप कल्पना कीजिए क्या होगा, क्या होगा? उस वक्त में सरकार के हाथ-पैर फूल जाएंगे. इसलिए हमें चाहिए कि हम जल्द से जल्द सतर्क हो जाएं.’