मैंने भी सरकार गिराने की कोशिश की थी, उस समय गहलोत साथ देते तो मैं भी मुख्यमंत्री होता- भंवर लाल शर्मा

विश्वेन्द्र सिंह के बाद अब भंवर लाल शर्मा ने खुलकर कहा सीएम गहलोत ही मेरे नेता, दो महीने तक मुख्यमंत्री गहलोत किसी से मिलने वाले नहीं हैं, ऐसे में दो महीने तक नहीं होगा मंत्रिमंडल विस्तार, आज पता नहीं चलता, सुबह मैं किसी के साथ हूं, शाम को किसी और के साथ, राजनीति में यह सब चलता रहता है

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी सियासी संग्राम के बीच पायलट गुट के माने जाने वाले विधायकों की हर रोज चौकानें वाली बयानबाजी सामने आ रही है. पहले पायलट गुट के अर्जुन माने जाने वाले विश्वेन्द्र सिंह ने अचानक सीएम गहलोत के पक्ष में बयानबाजी करके सबको चौंका दिया था तो वहीं पीआर मीणा गहलोत के पक्ष में बयानबाजी कर वापसी पायलट पलटी कहा चुके हैं. वहीं पायलट समर्थक वेदप्रकाश सोलंकी, बृजेन्द्र ओला और हरीश मीणा ने खुलकर पायलट को अपना नेता बताया है. इसी बीच मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और चुरू विधायक भंवर लाल शर्मा का खुलकर सीएम अशोक गहलोत के पक्ष में बयान सामने आया है. पंडित भंवरलाल शर्मा ने आज जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सीएम गहलोत के प्रति अपनी वफादारी जताते हुए कहा कि मैं सचिन पायलट को भी नेता मानता हूं, लेकिन अशोक गहलोत उनसे भी ऊपर हैं.

हालांकि, चुरू से कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा का सीएम गहलोत के पक्ष में बयान आना कोई बड़ी बात नहीं है, सियासी जानकारों का इसका अंदेशा पहले से था. आपको याद दें कि यही भंवरलाल शर्मा गत वर्ष राजस्थान में आए सियासी संकट के समय पायलट गुट के साथ मानेसर बाड़ाबंदी में मौजूद थे और उस समय बहुत खुलकर सचिन पायलट की पैरवी करने में जुटे थे. उस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी भंवर लाल शर्मा पर तीखे वार किए थे और उन पर भैरों सिंह शेखावत की सरकार गिराने की कोशिश के आरोप भी सीएम गहलोत ने लगाए थे. उसके बाद विधायकों की फोन टैपिंग के मामले में भंवर लाल शर्मा का नाम आने और कानूनी प्रक्रिया में फंसने के डर से सबसे पहले पायलट गुट से भागकर सीएम गहलोत की शरण मे आने वाले भंवर लाल शर्मा ही थे. तभी से यह बात क्लियर थी कि अब कभी ऐसी स्थिति आई तो भंवर लाल शर्मा सीएम गहलोत की तरफ ही झुके नजर आएंगे.

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आज पत्रकारों से वार्ता के दौरान विधायक भंवरलाल शर्मा ने भैरों सिंह शेखावत की सरकार गिराने के उस आरोप को भी स्वीकार किया जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन पर लगाए थे. भंवर लाल शर्मा ने कहा कि मैंने भी कभी सरकार गिराने की कोशिश की थी, लेकिन उस समय अशोक गहलोत ने मेरा साथ नहीं दिया, वरना मैं भी मुख्यमंत्री होता. यही नहीं भंवर लाल शर्मा ने यह भी कहा कि उस बात का मलाल मुझे आज भी है.

दो महीने तक नहीं होगा मंत्रिमंडल विस्तार
चुरू से कांग्रेस के वयोवृद्ध विधायक भंवरलाल शर्मा ने प्रदेश के ताजा सियासी घटनाक्रम पर चर्चा करते हुए मीडिया में चल रही खबर पर मुहर लगाते हुए कहा कि दो महीने तक मुख्यमंत्री गहलोत किसी से मिलने वाले नहीं हैं, ऐसे में दो महीने तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होगा. शर्मा ने कहा कि गहलोत मेरे नेता हैं. मुख्यमंत्री ने जो वादे किए वो पूरे हो रहे हैं. जनता के काम नहीं हो रहे थे इसलिए मानेसर गया था. मेरी भी सीएम बनने की इच्छा थी, लेकिन कई बार इच्छा का दमन करना पड़ता है.

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वहीं सचिन पायलट द्वारा 10 महीने बीत जाने के बाद भी सुलह कमेटी में सुनवाई नहीं होने के मुद्दे पर भंवर लाल शर्मा ने कहा कि ये कमेटियां तो होती ही लॉलीपॉप हैं, मामले को शांत कराने और ठंडे बस्ते में डालने के लिए बनाई जाती हैं ये समितियां. वहीं चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी द्वारा सरकार पर फोन टेप कराने के बयान पर भंवरलाल शर्मा ने कहा कि, ‘वेद प्रकाश जी कह रहे हैं की फोन टेप हो रहे है, वो बताए किनके हो रहे है फोन टेप, किस किस विधायक ने ऐसा उनसे कहा? शर्मा ने कहा कि ऐसे बोलने से कोई राजनीति में अपने आप हाईलाइट नही हो जाता, बड़ा नहीं हो जाता,

इस दौरान शर्मा ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए चुरू विधायक भंवर लाल शर्मा ने कहा कि वहां पार्टी के भीतर गुटबाजी बहुत ज्यादा है. शर्मा ने कहा कि बीजेपी ने वसुंधरा जी को साइड लाइन किया है, तो निश्चित तौर पर बीजेपी को इसका भयंकर और इतना बड़ा नुकसान होगा जिसकी भरपाई नहीं हो पाएगी.

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मुख्यमंत्री तो बनना चाहता था मैं भी, लेकिन इच्छाओं का कई बार करना पड़ता है दमन

कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा ने कहा कि सचिन पायलट से भी उनके अच्छे संपर्क हैं. उन्‍हें पद की कोई इच्छा नहीं है, पायलट ने कभी नहीं कहा उनको ये बनाओ, वो बनाओ. हां वो अपने साथ गए विधायकों की पैरवी जरूर की है. इसके साथ ही भंवर लाल शर्मा ने दावा किया कि सचिन पायलट बीजेपी में नहीं जाएंगे. स्टेटमेंट देना और काम होना अलग बात है. आज पता नहीं चलता, सुबह मैं किसी के साथ हूं, शाम को किसी और के साथ. राजनीति में यह सब चलता रहता है, गहलोत मेरे नेता थे और रहेंगे. मेरी मंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है. सीएम बनाए तो भी नहीं बनूंगा. भंवर लाल शर्मा ने यह भी कहा कि राहुल गांधी अब मैच्योर हो गए हैं. राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहिए.

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