Politalks.News/Bihar. बिहार में लालू परिवार के बीच छिड़ी वर्चस्व की लड़ाई किसी से छिपी नहीं है. लालू प्रसाद यादव एक ओर बिहार की कमान युवा हाथों में देने की बात कर चुके हैं तो वहीं उनके दोनों लालों के बीच सियासी जंग अपने चरम पर नजर आ रही है. लालू के बड़े लाल तेजप्रताप यादव अब खुलकर RJD नेताओं को खुलकर चुनौती देने लगे हैं. हाल ही में जेडीयू के वरिष्ठ नेता नेता एवं लालू के करीबी शिवानंद तिवारी ने तेजू भैया के पार्टी निष्कासन को लेकर बड़ा बयान दिया था. तिवारी ने तेजप्रताप यादव को लेकर कहा कि ‘तेज प्रताप यादव को निष्कासित करने का तो सवाल ही कहां बचा है, वो तो खुद से ही पार्टी से निष्कासित हो चुके हैं’. तिवारी के इस बयान के सामने आने के बाद तेजप्रताप ने पलटवार करते हुए कहा कि ‘मुझे RJD से निकालने की हिम्मत किसी में भी नहीं है’. अब तेजू भैय्या के तेवर देख सभी हैरान परेशान हैं.
सोमवार को तेजप्रताप यादव ने जेपी जयंती के मौके पर पदयात्रा निकाली थी. इस यात्रा में तेज प्रताप यादव नंगे पांव जेपी गोलंबर से अगमकुआं इलाके में स्थित जयप्रकाश नारायण के आवास पर पहुंचे और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी. इसी के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए तेज प्रताप यादव ने पार्टी में उनकी स्थिति को लेकर खुलकर बयान दिया. हाल ही में आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी के उस बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि तेजप्रताप आरजेडी में हैं ही कहां, उन्होंने अलग संगठन बना लिया है.’ इस पर तेजप्रताप ने कहा कि, ‘किसी की थोड़ी भी हिम्मत नहीं है कि मुझे पार्टी से निकाल सके’.
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तेजप्रताप यादव ने मीडिया में बात करते हुए कहा कि, ‘मैं जयप्रकाश नारायण का अनुयायी हूं और एक कृष्ण भक्त भी हूं. भला ऐसे में मुझे आरजेडी से निकालने की हिम्मत कौन कर सकता है’. तेजप्रताप ने कहा कि, ‘उनकी पार्टी में किसी से किसी तरह की लड़ाई नहीं है. मेरा किसी से कोई विवाद नहीं है. मेरा विवाद तो सिर्फ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरएसएस के साथ हैं’. तेजप्रताप यादव ने आगे कहा कि, ‘परिवार अलग जगह है और अपनी सियासी लड़ाई अलग जगह है’. वहीं लालू प्रसाद यादव की बिहार वापसी को लेकर तेजप्रताप ने कहा कि, ‘मेरे पिताजी जब बिहार लौट कर आएंगे तो उन्हें सब जगह घुमाऊंगा’. अब अपने पिताजी की बिहार वापसी को लेकर तेजप्रताप क्या कहना चाहते हैं यह तो वो ही जाने लेकिन यह तय है कि आने वाले दिनों में RJD में वर्चस्व की लड़ाई और भी ज्यादा तेज होने वाली है.
वहीं जब जेपी जयंती पर तेजप्रताप द्वारा निकाले गए पैदल मार्च को लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘सभी को शुभकामना है, अच्छी बात है, सभी लोग मनाते हैं और इस तरह की यात्रायें निकालनी भी चाहिए’. भले ही तेजप्रताप यादव कह रहे हों कि उनका किसी से कोई विवाद नहीं है, लेकिन तेजस्वी यादव द्वारा दिए गए बयान में दोनों भाइयों के बीच जारी गहमागहमी नजर आती है.
दरअसल बीते कुछ महीनों से लालू के दोनों लालों तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच शीत युद्ध अपने चरम पर है. तेजप्रताप यादव ने अपना एक अलग खेमा बना लिया है तो वहीं तेजू भैया की पार्टी नेताओं से अनबन लगातार जारी है. तेजप्रताप लगातार इशारों-इशारों में अपने छोटे भाई जिन्हें वो कृष्ण भी कहकर संबोधित करते हैं, उनपर निशाना साधते रहते हैं, लेकिन अब तक तेजस्वी ने अपने बड़े भाई के तरफ से किये जा रहे हमले का खुलकर जवाब नहीं दिया है. फिर चाहे वो तेजप्रताप का अलग से संगठन बनाना हो या फिर प्रदेश अध्य्क्ष जगदानंद तिवारी से उनकी हुई अनबन हो सभी मसलों पर तेजस्वी ने सधे हुए अंदाज में बयान दिया है.