Politalks.News/Rajasthan/Aasaram. साल 2013 से यौन शोषण सहित कई अन्य आरोपों में जेल में बंद संत आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई की अर्जी आखिर जोधपुर हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली है. आसाराम की अर्जी पर जनवरी के तीसरे सप्ताह में सुनवाई होगी. आसाराम ने कोर्ट में अपनी उम्र की दलील देते हुए सुनवाई की अपील की थी.
बता दें, आसाराम जल्द से जल्द जेल से बाहर आना चाहता है लेकिन यह तभी संभव है, जब अधीनस्थ कोर्ट के फैसले के विरूद्ध हाईकोर्ट में दायर अपील पर शीघ्र सुनवाई पूरी हो. ऐसे में सोमवार को जस्टिस संदीप मेहता व रामेश्वरलाल व्यास की खंडपीठ ने आसाराम की अर्जी स्वीकार कर ली. आसाराम का कहना था कि वह 80 साल के वृद्ध हैं और साल 2013 से जेल में बंद हैं. कोर्ट ने सोमवार को ही बहस का प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन आसाराम के वकील तैयार नहीं थे. आसाराम की अर्जी वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल चौधरी व प्रदीप चौधरी ने पेश की थी.
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गौरतलब है कि साल 2013 में एक नाबालिग लड़की ने जोधपुर के निकट मनाई आश्रम में आसाराम पर रेप का आरोप लगाया था. 31 अगस्त 2013 को आसाराम को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया गया था. आसाराम पर पोस्को, जुवेनाइनल जस्टिस एक्ट, रेप, आपराधिक षडयंत्र और दूसरे कई मामलों के तहत केस दर्ज है.
इससे पहले साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट में भी आसाराम ने जमानत याचिका लगाई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. अप्रैल 2018 में जोधपुर स्पेशल कोर्ट ने आसाराम को एक नाबालिग लड़की के साथ रेप का दोषी पाया. अदालत ने आसाराम को पोक्सो कानून के तहत आजीवन कारावास (मृत्यु तक) और 1 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.