Politalk.News/UP. उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में गैंगरेप की घटना अब हाईप्रोफाइल होते दिख रही है. यहां पहले 14 सितंबर की सुबह चंदपा थाने के गांव में दबंग परिवार के कुछ युवकों ने 19 वर्षीय युवती के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम देकर मानवता को शर्मसार किया, वहीं पुलिस ने रातोंरात बिना किसी की मौजूदगी में शव के साथ साथ इंसानियत का भी अंतिम संस्कार कर दिया. पूरे मामले में पुलिस की भूमिका शुरुआत से ही संदिग्ध नजर आ रही है.
हाथरस में बालिका के साथ घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दोषी कतई नहीं बचेंगे।
प्रकरण की जांच हेतु विशेष जांच दल का गठन किया गया है। यह दल आगामी सात दिवस में अपनी रिपोर्ट देगा।
त्वरित न्याय सुनिश्चित करने हेतु इस प्रकरण का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 30, 2020
मामले में संज्ञान लेते हुए योगी सरकार ने एसआईटी के गठन की बात कही, साथ ही त्वरित न्याय सुनिश्चित करने हेतु इस प्रकरण का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की बात कही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाथरस की घटना पर योगी से वार्ता की है और दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करने को कहा है. इधर, प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी से इस्तीफे की मांग कर दी. मामले में कई पेंच फंसे हुए हैं और पुलिस की भूमिका पूरी तरह गोलमाल वाली है.
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 30, 2020
दरअसल, 14 सितंबर की निर्भया (बदला हुआ नाम) अपने परिवार के साथ खेत में घास काटने गई थी. युवती का बड़ा भाई घास की पोटली लेकर आगे चल रहा था और उसके पीछे युवती की मां. युवती पीछे की तरफ घास बटौरने में लगी थी, तभी गांव के कथित तौर पर 4 दबंग युवक युवती को घसीटकर खेत में ले गए और वहां उसके साथ गैंगरेप किया. युवती घर नहीं पहुंची तो परिवार वाले ढूंढने पहुंचे तो युवती बेहोश हालात में पड़ी मिली.
पुलिस को सूचना दी तो पुलिस ने छेड़छाड़ की एफआईआर दर्ज कर खानापूर्ति की. इधर, परिवारजनों का कहना है कि युवती लहूलुहान हालत में मिली थी और उसकी दबंगों ने उसकी जीभ तक काट दी थी. पीड़िता को इलाज के लिए अलीगढ़ में इलाज के लिए भेजा गया, तब जाकर मामला सामने आया. कथित तौर पर पुलिस ने मामले को दबाए रखा. लोकल मीडिया ने जब मामले को उठाया, तब 22 सितंबर को कहीं जाकर पुलिस ने गैंगरेप की धारा एफआईआर में जोड़ी.
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घटना के 9 दिन बाद निर्भया होश में आई तो इशारों से अपना दर्द बयान किया. उसके बाद पुलिस ने मीडिया और स्थानीय लोगों के दवाब में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इधर, युवती की हालात बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भेजा गया लेकिन अफसोस, यहां भी उस पीड़िता को बचाया नहीं जा सका. मंगलवार को युवती ने दम तोड़ दिया. विपक्ष ने हंगामा मचाया तो योगी सरकार ने आनन फानन में पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देकर मामले की निष्पक्ष जांच की बात कही.
इधर, असली खेल तो अस्पताल में चल रहा था जहां परिवार को न तो पोस्टमार्टम की रिपोर्ट दी, न शव को देखने दिया. परिवार ने हंगामा किया और धरने पर बैठ गया तो अस्पताल कर्मियों ने बताया कि शव को घर के लिए रवाना कर दिया गया है. परिवारजन घर पहुंचा और इंतजार करता रहा लेकिन बेटी का शव नहीं पहुंचा. आधी रात को मंगलवार की रात को दिल्ली से जब युवती का शव हाथरस पहुंचा तो यूपी पुलिस ने जबरन ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया. घरवालों का दावा है कि रात ढाई बजे उनसे पूछे बिना ही अंतिम संस्कार किया गया और जब शव को जलाया गया तो उन्हें घर में बंद कर दिया गया. ऐसे में अब एक बार फिर यूपी पुलिस के रवैये पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
लड़की के पिता का कहना है कि उन्हें घर में बंद कर दिया गया था, पुलिस डेडबॉडी को ले गई. उन्होंने नहीं देखा कि यह किसकी बॉडी है. साथ ही चश्मदीदों का कहना है कि पुलिस ने परिवारवालों को अंदर बंद कर दिया और बाद में बाहर पुलिस खड़ी हो गई. कुछ लीक वीडियो में पुलिस को एक पीपी से शव पर कुछ डालकर दिखाया गया है. बताया जा रहा है कि ये केरोसिन था जो शव को जितनी जल्दी हो सके, जलाने के लिए छिड़का गया था.
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मामला मीडिया में उछला तो योगी सरकार ने एक्शन लेते हुए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन करने का आदेश दे दिया. टीम में एक दलित और एक महिला पुलिसकर्मी भी शामिल होगी जो घटना की जांच करेगी. इधर, विपक्ष ने इस घटना को राजनीतिक रंग दे दिया और योगी सरकार पर हमला करना शुरु कर दिया. राहुल गांधी ने घटना का एक वीडियो ट्वीटर पर पोस्ट किया है जिसमें मीडियाकर्मी संजीव कुमार शर्मा नाम के पुलिसवाले से पूछ रहे हैं कि वो क्या जल रहा है तो पुलिसकर्मी डीएम से बात करने की बात कहता है. वीडियो पर राहुल गांधी ने लिखा, ‘भारत की एक बेटी का रेप-क़त्ल किया जाता है, तथ्य दबाए जाते हैं और अन्त में उसके परिवार से अंतिम संस्कार का हक़ भी छीन लिया जाता है.’
भारत की एक बेटी का रेप-क़त्ल किया जाता है, तथ्य दबाए जाते हैं और अन्त में उसके परिवार से अंतिम संस्कार का हक़ भी छीन लिया जाता है।
ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है।#HathrasHorrorShocksIndia pic.twitter.com/SusyKV6CfE
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 30, 2020
इधर, प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर जबरदस्त हमला करते हुए कहा कि आपके शासन में न्याय नहीें बल्कि अन्याय का बोलबाला रहा है. जब वो जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी. जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया और पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार तक छीन लिया. प्रियंका गांधी ने घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग की है.
..अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया।
घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया।अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया।@myogiadityanath इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 30, 2020
प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती ने पुलिस के रवैये पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट को मामले की पैरवी करने की बात कही है. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी.
2. अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) September 30, 2020
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस पर सबूत मिटाने का आरोप लगाते हुए बीजेपी सरकार पर पाप करने का आरोप लगाया है. निर्भया को न्याय की मांग करते हुए सपा की महिला मोर्चा ने सुबह मार्च निकाले हुए और रात में कैंडल मार्च किया, साथ ही जघन्य अपराध के लिए नया कानून बनाने और विशेष कोर्ट की स्थापना की मांग की.
हाथरस की बेटी बलात्कार-हत्याकांड’ में शासन के दबाव में, परिवार की अनुमति बिना, रात्रि में पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार करवाना, संस्कारों के विरुद्ध है. ये सबूतों को मिटाने का घोर निंदनीय कृत्य है.
भाजपा सरकार ने ऐसा करके पाप भी किया है और अपराध भी. #नहीं_चाहिए_भाजपा#Hathras
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 30, 2020