देश में 17वीं लोकसभा के लिए चुनाव चल रहे हैं. ऐसे में नेताओं के बीच बयानबाजी की बारिश का दौर जारी है. इसी कड़ी में पूर्व आप नेता एचएस फुल्का का एक बयान आया है जिसने दिल्ली की सियासत में भूचाल ला दिया है. फुल्का ने अपने बयान में कहा कि 1984 में हुए सिख दंगों को प्रधानंमत्री कार्यालय के इशारों पर अंजाम दिया गया था. प्रधानमंत्री कार्यालय से ही सिखों को मारने के आदेश दिए गए थे. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इस बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मैं फुल्का के बयान से बहुत निराश हूं. राजीव गांधी ऐसा क्यों करेंगे? उनकी मां को मारा जा चुका था इसलिए वे बेहद उदास थे.
बता दें कि साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके अंगरक्षकों के द्वारा की गई थी. अंगरक्षक सिख समुदाय से थे. पीएम की हत्या के बाद दिल्ली में दंगे भड़क गए थे. दंगों में सिख समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया. दंगे भड़काने का आरोप उस दौर के कुछ कांग्रेस नेताओं पर भी लगा था.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को सिख दंगों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था. हरियाणा के फतेहबाद में चुनावी सभा के दौरान पीएम मोदी ने 1984 दंगों को लेकर कांग्रेस और गांधी परिवार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को लोगों की भावनाओं से कोई मतलब नहीं है. जिसका नाम सिख दंगों में आया था, उसे एमपी का सीएम बना दिया.