पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना संकट के चलते देश की ठप्प हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उद्योगों और किसानों को राहत पहुंचाने के लिए पीएम मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में अहम फैसले लिए गए. इस बैठक में एमएसएमई सेक्टर की हालत दुरुस्त करने के लिए 20 हजार करोड़ रूपये के लोन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. वहीं, किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने 14 फसलों में 50 से 83 फीसदी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य बढाने का फैसला किया गया. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लिए गए इन फैसलों को राजस्थान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने ऐतिहासिक बताया.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि केंद्र द्वारा किसानों की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढाने से देश और प्रदेश के किसानों को संबल मिलेगा, फसलों को अच्छा दाम मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. इससे पहले भी रबी की कई फसलों का समर्थन मूल्य एवं खरीद क्षमता बढ़ाकर भी मोदी सरकार ने किसानों के हित में कल्याणकारी फैसला लिया था. पूनियां ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार के इस फैसले से न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल की कुल लागत का डेढ गुना करने का वादा सरकार ने पूरा कर दिया है. इसके साथ ही बैंकों द्वारा खेती एवं उससे जुड़े कामधंधों के लिए 3 लाख रुपये तक अल्पकालिक भुगतान की तिथि भी 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है, इसको लेकर समय से भुगतान करने पर 3 प्रतिशत की छूट दी जा रही है.
सतीश पूनियां ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कल्याणकारी योजनाओं से किसानों सहित सभी तबकों को आर्थिक रूप से मजबूत कर आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. आत्मनिर्भर भारत अभियान के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से केन्द्र की मोदी सरकार किसानों, लघु एवं सूक्ष्म उद्यमियों को मजबूत कर आर्थिक विकास दर को सुदृढ करने पर विशेष ध्यान दे रही है. इसके साथ ही पूनियां ने कहा कि लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों की नींव को और मजबूत करने को लेकर मोदी सरकार हर संभव संसाधन उपलब्ध कराने एवं बाजार का माहौल तैयार करने में जुटी हुई है, जिससे श्रमिक और मध्यम वर्ग के जीवन स्तर में भी सम्मान के साथ सुधार हो सकेगा.
यह भी पढ़ें: विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं अब जुलाई में, सीएम गहलोत ने डिस्टेन्सिंग की सख्ती से पालना के दिए निर्देश
सतीश पूनियां ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों की परिभाषा स्पष्ट कर बाजार को नये रास्ते पर ले जाने का ऐतिहासिक फैसला लिया है, जिससे ये उद्यमी बिना किसी चिंता के आगे बढ़ पाएंगे. एमएसएमई की परिभाषा को संशोधित कर निवेश की सीमा बढ़ाकर एक करोड़ के निवेश और पांच करोड़ का कारोबार कर दिया है, ऐसे ही लघु एवं मध्यम इकाईयों को लेकर निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ा दी है. इसके साथ ही यह भी अच्छा फैसला लिया है कि निर्यात में एमएसएमई को किसी भी टर्नओवर में नहीं गिना जाएगा. पीएम मोदी ने मंगलवार को भारतीय उद्योग परिसंघ के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कारोबारियों को पूरा भरोसा दिया कि वे उनके हर कदम पर साथ हैं.