Politalks.News/Rajasthan/Himmat Gurjar. गुर्जर नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने कर्नल किरोडी सिंह बैंसला और उनके पुत्र विजय बैंसला पर गुर्जर समाज से कई सच छुपाने और आरक्षण के नाम पर धन उगाही का संगीन आरोप लगाया है. हिम्मत सिंह गुर्जर ने विजय बैंसला को ठगने वाला दलाल कहते हुए एमबीसी कर्मियों से परिलाभ देने की मांग उठाने के लिए कर्नल बैंसला फाउंडेशन में पैसे लेने का आरोप भी लगाया. हिम्मत गुर्जर ने कहा कि दम और हिम्मत है तो कर्नल बैसला फाउंडेशन ट्रस्ट का अकाउंट सार्वजनिक किया जाये और बताएं कि कब से धन उगाही चल रही है. MBC आरक्षण की प्रक्रियाधीन भर्तियों में प्रथम नियुक्ति से भर्ती प्रक्रिया को मानने के आदेश की एक कॉपी को लेकर भी हिम्मत गुर्जर ने कर्नल बैंसला और विजय बैंसला को घेरा है.
एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए हिम्मत सिंह गुर्जर ने कर्नल बैंसला और विजय बैंसला पर ताबड़तोड़ हमले किए. हिम्मत गुर्जर ने सबसे पहले कर्नल बैंसला फाउंडेशन को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने 1252 एमबीसी कर्मियों को नियमित वेतन श्रृंखला के समकक्ष समस्त परिलाभ देने की मांग उठाने के लिए विजय बैंसला पर प्रत्येक कर्मी से 10-10 हज़ार रुपये कर्नल बैंसला फाउंडेशन ट्रस्ट में लेने का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 80 गांव नहारा क्षेत्र के पंच पटेल एक बार सरकार से वार्ता की तो दलाली हो गई?
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1252 #MBC कर्मियों को नियमित वेतन श्रृंखला के समकक्ष समस्त परिलाभ देने की माँग उठाने के लिए कर्नल बैसला जी के पुत्र ने इन कर्मियों से प्रत्येक से 10-10 हज़ार रुपये कर्नल बैसला फ़ाऊंडेशन टृस्ट में लिये।
80 गाँव नहारा क्षेत्र के पंच पटेल एक बार सरकार से वार्ता की तो दलाली हो गई ?? pic.twitter.com/Aif7edPmWY— HIMMAT SINGH GURJAR (@himmatsinghgur1) November 4, 2020
हिम्मत गुर्जर ने आरोप लगाते हुए कहा कि बैंसला का पुत्र एमबीसी युवाओं से उनकी मांग उठाने के एवज़ में कर्नल बैंसला ट्रस्ट के नाम पर धन उगाही कर रहा है. वो सरकार के सामने वही मांग उठाता है जिसका पैसा मिल गया हो. पहले वे ये बताए कि 13 साल से कौन दलाली कर रहा है.
गुर्जर नेता यही नहीं रूके. हिम्मत गुर्जर ने आगे कहा कि बैंसला व उनके पुत्र 80 गांव नहारा क्षेत्र के पंच पटेलों के द्दारा सरकार से किये गये समझौते को रद्द कर नये सिरे से समझौता इसलिए लिखवा रहे है क्योंकि इन्होंने एमबीसी युवाओं से मांग उठाने के लिए करोड़ों रुपये की धन उगाही की है, वो वापस नहीं देनी पड़े.. ये डर है लग रहा है.
बैसला जी व उनके पुत्र 80 गाँव नहारा क्षेत्र के पंच पटेलों के द्दारा सरकार से किये गये समझौते को रद्द कर,नये सिरे से समझौता इसलिए लिखवा रहे है,क्योंकि इन्होंने #MBC युवाओं से माँग उठाने के लिए करोड़ों रूपये की धन उगाही की है,वो वापस नहीं देनी पड़े ये डर है लग रहा है। https://t.co/sHRe4RUyp7
— HIMMAT SINGH GURJAR (@himmatsinghgur1) November 4, 2020
हिम्मत गुर्जर ने आगे कहा कि कर्नल बैसला जी व उनके पुत्र से पुराने संघर्ष के साथी इसलिए अलग हुए क्योंकि ये दोनों बाप-बेटे आरक्षण के नाम पर लोगों से धन उगाही का काम करने लग गये. यदि बाप-बेटे में दम और हिम्मत है तो मेरा चैलेंज है कर्नल बैंसला फाउंडेशन ट्रस्ट का अकाउंट सार्वजनिक किया जाये कब से धन उगाही चल रही है.
कर्नल बैसला जी व उनके पुत्र से पुराने संघर्ष के साथी इसलिए अलग हुए क्योंकि ये दोनों बाप-बेटे आरक्षण के नाम पर लोगों से धन उगाही का काम करने लग गये।यदि बाप-बेटे में दम और हिम्मत है तो मेरा चैलेंज है कर्नल बैसला फ़ाऊंडेशन टृस्ट का अकाउंट सार्वजनिक किया जाये कब से धन उगाही चल रही है
— HIMMAT SINGH GURJAR (@himmatsinghgur1) November 4, 2020
हिम्मत गुर्जर ने ये भी कहा कि सरकार से 80 गांव नहारा क्षेत्र के पंच पटेलों ने वार्ता कर समझौता करने का विरोध बैंसला व उनके पुत्र इसलिए कर रहे है ताकि उनके द्वारा फरेब व धोखा देने का आम गुर्जर को पता ना चल जाये. एमबीसी युवाओं को प्रक्रियाधीन भर्ती में आरक्षण दिलवाने के नाम पर कोर्ट के आदेश की कॉपी को छिपाने का आरोप भी गुर्जर नेता ने किरोडी बैंसला और विजय बैंसला पर लगाया.
#MBC युवाओं को प्रक्रियाधीन भर्ती में आरक्षण दिलवाने के नाम पर कोर्ट के इस आदेश की प्रति को छिपाने का काम कर्नल बैसला जी व उनके पुत्र ने क्यों किया ?
इसलिए की युवाओं से प्रक्रियाधीन भर्तियों की माँग सरकार के सामने करने के लिए धन उगाही कर सके,अब बताये दलाल कौन हैं ? https://t.co/ywZFdaLzRR— HIMMAT SINGH GURJAR (@himmatsinghgur1) November 4, 2020
बता दें, इन दिनों आरक्षण के लिए गुर्जर फिर से एकजुट हो गए हैं. गुर्जर समाज दो गुटों में बंट गया है. बैंसला समर्थक समाज के युवा बड़ी संख्या में पीलूपुरा में रेलवे पटरियों पर बैठ गए और मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग पर कब्ज़ा कर रेल संचालन ठप्प कर दिया. उन्होंने रेल लाइन की फिश प्लेटें निकाल दीं और पटरियां उखाड़ दीं. किरोड़ी सिंह बैंसला और विजय बैंसला भी आंदोलन स्थल पर उपस्थित हैं. इससे पहले पहले गुर्जर समाज का 41 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल जयपुर सरकार से वार्ता के लिए गया था और दोनों के मध्य सकारात्मक वार्ता भी हो गई थी लेकिन इसके बाद भी कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला पक्ष ने यह बात नहीं मानी और आंदोलन शुरू कर दिया.