Politalks.News/UP. उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती से गैंगरेप और मौत के बाद पुलिस के निंदनीय कारनामा अब जग जाहिर हो चुका है. इस पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का हाई वोल्टेज ड्रामा भी अब खत्म हो चुका है. गुरुवार को दोपहर में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस ने हाथरस जाने से रोका और बाद में हिरासत में ले लिया. यहां से पहले उन्हें पहले कुछ घंटे के लिए एक गेस्ट हाउस में रखा और बाद में दिल्ली के लिए रवाना कर दिया. अब बात केवल जुबानी कटाक्षों तक सीमित हो गई लेकिन कहानी अभी खत्म नहीं हुई है. शाम होते होते हाथरस डीएम का एक वीडियो सामने आ गया जिसमें वो पीड़ित परिवार पर बयान बदलने का दबाव डालते सुनाई दे रहे हैं.
अब इस पर बयानबाजी पहले से तेज हो गई है. 15 दिन तक मामले दबाने और परिवार व मीडिया से छुपते छुपाते जबरदस्ती शव को जला देने पर यूपी सरकार पहले से ही आरोपों के घेरे में है, अब डीएम का वीडियो सामने आने से योगी सरकार चारों तरफ से घिर गई है. यहां वीडियो में डीएम को साफ तौर पर कहते सुना जा सकता है, ‘बयान आपका है, बार बार बदलना है या नहीं, आपका फैसला है… ये मीडिया आज है, कल तक चली जाएगी, हम और पुलिस ही रहेगी. हो सकता है हम भी बदल जाएं.’
एक दूसरा वीडियो युवती की भाभी का बताया जा रहा है जिसमें वो कह रही है, ‘डीएम साहब कह रहे हैं कि अगर तुम्हारी लड़की कोरोना से मर जाती तो मुआवजा मिलता क्या? धमकी मिल रही है, पापा को धमकाया जा रहा है, डीएम चालबाजी कर रहा है, दबाव डाल रहा है और ये लोग हमें यहां रहने नहीं देंगे. कल हम भी कहीं चले जाएंगे तो तुम्हारा क्या होगा.’ महिला ने डीएम और पुलिस पर महिलाओं के उलटे सीधे वीडियो बनाने और उनको वायरल करने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है.
इधर, एक वीडियो चैट भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसे परिवार के परिजन का बताया जा रहा है. चैट में बताया जा रहा है, ‘अभी अभी परिवार से बात हुई जिसमें डीएम पर धमकाने की बात कही है. वो कह रहे हैं कि अगर केस हुआ और आरोपी संदीप को फांसी हो जाती है तो तुम्हारा बेटा भी जिंदा नहीं रह पाएगा. केस वापिस लेने और मुंह बंद रखने की बात कहकर धमकाया जा रहा है.’
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मामले पर हाथरस डीएम प्रवीण कुमार ने सफाई देते हुए सभी आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि परिवार की नाराजगी पता चलने पर उनके पास गया था. सभी ने सह सम्मति से अपने बयान दिए हैं. उन्हें किसी भी प्रकार से दबाव नहीं डाला गया. जो वीडियो सामने आ रहे हैं, वो सही नहीं है. इस घटना के बाद दलित समुदाय में भी खासा रोष है लेकिन डर के मारे वे भी अपना मुंह खोलने से बच रहे हैं.
इधर, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को अधर्मी बताते हुए परिवार को बंधन में रखने का आरोप लगाया है. बता दें, 14 सितंबर की सुबह जिले के चंदपा गांव में एक दलित युवती के साथ कुछ दबंग युवकों ने सामुहिक दुष्कर्म किया और बाद में उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और जीभ भी काट दी. युवती खेत में लहूलुहान हालत में बेहोश मिली. उसे अलीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया और तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली रैफर किया गया. युवती की हालात इतनी खराब थी कि वो 8 दिन बाद होश में आई और इशारों से अपने साथ घटी बरबरता को बयां करती रही.
पुलिस पर मामले को दबाने का आरोप है. पुलिस ने दुष्कर्म का मामला तक दर्ज नहीं किया था लेकिन स्थानीय मीडिया के बीच में आने के बाद कहीं जाकर मामला दर्ज हुआ. बाद में पुलिस ने परिवार की गैर मौजूदगी में खुद ही शव का दाह संस्कार कर दिया. पुलिस ने घेरा बनाकर परिवारजन या मीडिया सभी को दूर रखा और मीडिया के हर सवाल पर चुप्पी साधे रखी. अब सरकार में मंत्री इस मामले को छुपाने या दूसरे ओर मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.