पाटीदार आंदोलन के नेता को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अब हार्दिक आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. तोड़-फोड़ के एक मामले में निचली अदालत ने हार्दिक पटेल को 2 साल की सजा सुनाई थी। गुजरात हाईकोर्ट ने इस सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. फिलहाल हार्दिक जमानत पर हैं. असल में हार्दिक को 2015 में बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ करने के मामले में विसनगर कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए 2 साल की जेल की सजा सुनाई थी. इस केस में हार्दिक के साथ लालजी पटेल को भी दोषी करार दिया गया है.
हार्दिक को मेहसाणा के विसनगर में दंगा भड़काने के एक मामले में 2 साल की सजा सुनाई गई है और कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. इस पर हार्दिक पटेल ने गुजरात हाई कोर्ट में सजा पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी, जिसकी कोर्ट में आज सुनवाई हुई. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए उनकी सजा पर रोक से इनकार कर दिया. अब सजायाफ्ता होने से हार्दिक के चुनाव लड़ने के रास्ते भी बंद हो गए हैं. हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने वाले हार्दिक पटैल जामनगर से चुनाव लड़ने वाले थे.
जनप्रतिनिधि कानून 1951 के मुताबिक दागी नेताओं के चुनाव लड़ने को लेकर कानून पहले से मौजूद है, जिसमें सजा के बाद 6 साल तक उनके चुनाव लड़ने पर रोक का प्रावधान है. इसी कानून के चलते चारा घोटाले में दोषी पाए गए और जेल में सजा काट रहे लालू यादव पर चुनाव लड़ने से रोक लगाई गई है. गुजरात में 23 लोकसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए 23 अप्रैल को मतदान होंगे.