Politalks.News/Rajasthan/Hanuman Beniwal. केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में बनाए गए कृषि कानूनों को लेकर देशभर के किसानों में रौष व्याप्त है. वहीं पिछले पांच दिनों से कई राज्यों के किसानों का दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन चल रहा है. इसी कड़ी में एनडीए के घटक दल होने के बावजूद कृषि कानूनों का शुरू से विरोध कर रही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने आज कृषि कानूनों का विरोध करते हुए किसान आंदोलन के पक्ष में देश के गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. सांसद बेनीवाल ने कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए उन्हें फ़ौरन वापस लेने की मांग करते हुए चेतवानी भरे लहजे में दो टूक कहा है कि यदि इन कानूनों को जल्द वापस नहीं लिया गया तो रालोपा को एनडीए को दिए गए समर्थन पर पुनर्विचार करना होगा.
बेनीवाल ने लिखा कि, “केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में लाये गये कृषि से सम्बन्धित तीन बिलों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन की तरफ आपका ध्यान आर्कषित करते हुए अनुरोध है कि उक्त बिलों को वापिस लेने हेतु आप तत्काल कार्यवाही करें. चूंकि भीषण सर्दी व कोरोना काल में देश का अन्नदाता आंदोलन कर रहा है जो शासन के लिए शोभनीय नहीं है.”
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हनुमान बेनीवाल ने आगे अमित शाह को लिखा कि, ” आंदोलित किसानों से वार्ता के लिए दिल्ली में उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाये व उक्त तीनो बिलों को वापिस लेते हुए किसान हित में स्वामीनाथन आयोग की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू किया जायें. उक्त मामले को लेकर त्वरित प्रभाव से निर्णय नहीं लिया गया तो यद्यपि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी जो एनडीए के घटक दल का हिस्सा है परन्तु किसान हित को मध्यनजर रखते हुए एनडीए के साथ गठबंधन रखने के निर्णय पर पार्टी द्वारा पुनर्विचार किया जायेगा क्योंकि किसान व जवान ही आरएलपी की ताकत है.
इस दौरान सांसद हनुमान बेनीवाल ने बताया कि किसानों के लिए ये काला कानून है और इसे वापस लेने के लिए उन्होंने एनडीए चेयरपर्सन अमित शाह को पत्र और सोशल मीडिया के ज़रिये अवगत करवाया है. सांसद बेनीवाल ने यह भी कहा कि किसानों के समर्थन में यदि ज़रूरी हुआ तो आरएलपी दिल्ली कूच में भी शामिल होगा.