मंत्री पद नहीं संभालने वाले गुढ़ा ने खोला ‘राज’- रमेश मीणा के अंडर बनाया राज्यमंत्री, फिर किस बात …

बयानों को लेकर चर्चा में बने मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा के 'मन की बात', गुढ़ा ने रमेश मीणा के अंडर राज्यमंत्री बनाए जाने पर जताई आपत्ति, साथ ही बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को कुछ नहीं दिए जाने पर भी जताई नाराजगी, बोले- मैं कैसे पदभार ग्रहण कर सकता हूं? मैंने एक बार जिनका हाथ पकड़ लिया उसे कैसे छोड़ सकता हूं? सरकारी गाड़ी लौटाकर और पदभार ग्रहण ना कर जता चुके हैं नाराजगी, अपने बयानों को लेकर भी दी 'गजब' की सफाई

गुढ़ा ने खोला गूढ़ 'राज'
गुढ़ा ने खोला गूढ़ 'राज'

Politalks.News/Rajasthan. अपने बयानों को लेकर मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा(Rajendra Sing Guda) मरुधरा की राजनीति में चर्चाओं में बने हुए हैं. बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों में से एक राजेंद्र गुढ़ा को ही राज्यमंत्री बनाया गया है. 21 नवंबर को शपथ लेने के बाद अब तक गुढ़ा ने पदभार ग्रहण नहीं किया है. राज्य मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने अखबार दैनिक भास्कर को दिए एक रोचक इंटरव्यू में इसके बारे में खुलकर ‘मन की बात’ की है. गुढ़ा ने नाराजगी का कारण बताते हुए कहा कि, ‘पिछली अशोक गहलोत(Ashok Gehlot) सरकार में बसपा से चुनाव जीतने वाले रमेश मीणा, गिर्राज मलिंगा, राजकुमार, रामकेश आदि थे और उस समय मैं बसपा के विधायक दल का नेता था. तब रमेश मीणा(Ramesh Meena) और मैं एक साथ संसदीय सचिव थे. आज मीणा को ग्रामीण विकास व पंचायती राज का कैबिनेट मंत्री बनाया गया और मुझे उसी विभाग का राज्य मंत्री बनाया है. किस बात की खुशी मनाई जाए?’

साथ ही राजेन्द्र  गुढ़ा ने अपने साथ बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को ‘एडजस्ट’ नहीं किए जाने पर भी नाराजगी जाहिर की है. गुढ़ा ने कहा कि, ‘उन्हें कुछ नहीं दिया गया मैं कैसे पदभार ग्रहण कर सकता हूं’. मंत्री ने पदभार ग्रहण करने को लेकर भी गोलमोल ही जवाब दिया है. अब देखने वाली बात यह होगी की गुढ़ा पदभार ग्रहण करते हैं या नहीं?

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सवाल- आपने मंत्री बनने पर गाड़ी क्यों लौटा दी, कोई नाराजगी है क्या?
गुढ़ा- पिछली गहलोत सरकार में बसपा से चुनाव जीतने वाले रमेश मीणा, गिर्राज मलिंगा, राजकुमार, रामकेश आदि थे और उस समय मैं बसपा के विधायक दल का नेता था. तब रमेश मीणा और मैं एक साथ संसदीय सचिव थे. आज मीणा को ग्रामीण विकास व पंचायती राज का कैबिनेट मंत्री बनाया गया और मुझे उसी विभाग का राज्य मंत्री बनाया है. किस बात की खुशी मनाई जाए.

सवाल- आपने मंत्री पद पर जॉइन नहीं किया, सरकारी गाड़ी तक लौटा दी है. आपकी नाराजगी क्या है?
गुढ़ा- हम छह विधायकों ने गहलोत सरकार का समर्थन किया था और बाद में बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुए थे. इन 5 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के कारणों में से एक कारण मैं भी था. अब सरकार ने मुझे तो राज्यमंत्री बना दिया, लेकिन इन्हें अब तक कुछ नहीं दिया है. मैं कैसे पदभार ग्रहण कर सकता हूं? मैंने एक बार जिनका हाथ पकड़ लिया उसे कैसे छोड़ सकता हूं?

सवाल- सीएम ने कहा कि आपकी बात जायज है, लेकिन सभी को फायदा नहीं दिया जा सकता?
गुढ़ा- मैं साथियों के प्रति कमिटेड हूं, सीएम और जनता के प्रति भी. सवाल ये है कि आगे क्या स्थिति रहेगी? कल कोई नेता कहेगा कि इन्हें 2023 में कांग्रेस का टिकट नहीं मिलना चाहिए, तब क्या होगा? मेरे साथी वाजिब अली, लाखन मीणा सहित सभी योग्य हैं, क्योंकि ये सभी जीतकर आए हैं.

सवाल- तो आप मंत्री पद पर जॉइन करेंगे या नहीं ?
गुढ़ा- यह तो समय ही बताएगा।

सवाल- ‘फायदा लेने के समय पर कांग्रेस में और दरी बिछाने के समय बसपा में..’ आपके ऐसे बयान से खुद आपको और कांग्रेस को नुकसान होगा?
गुढ़ा- आमजन के बीच मुझसे लिखे हुए भाषण नहीं पढ़े जाते. जनता के सामने सच बोलता हूं. कई बार हंसी-ठिठोली चलती है और मैं अपनी बात रख देता हूं. जिस बात का जिक्र कर रहे हैं, ये बात मेरे लिए हो रही थी तो मैंने ही मजाकिया अंदाज से रख दी. जनता मेरे लिए परिवार है और परिवार के बीच ऐसी बातें होती हैं.

सवाल- कैटरीना के गालों की तरह सड़कें बनाने वाले बयान पर क्या कहेंगे
गुढ़ा- वह तो मजाकिया लहजे में कह दिया था… चरित्र ही मेरी संपत्ति, इसी के चलते चुनाव जीतता हूं, किसी महिला से अमर्यादित बात नहीं की.

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सवाल- कैटरीना के गालों से सड़कों की तुलना पर आलोचना हो रही है, क्या आप खुद के बयान पर शर्मिंदा हैं?
गुढ़ा- मामले को गलत रूप से पेश किया गया. मेरे क्षेत्र की सड़क 20 माह से क्षतिग्रस्त हैं. बीजेपी के लोग इसके ठेकेदार हैं. मैंने लोगों के बीच मजाकिया लहजे में कहा कि सड़कें अभिनेत्री के गालों की तरह होनी चाहिए. वहां एक व्यक्ति ने कैटरीना का नाम लिया तो मैंने हां भर दी.

सवाल- महिलाओं के प्रति सम्मान भाषा में प्रकट नहीं हुआ?
गुढ़ा- मेरा चरित्र ही मेरी संपत्ति है. अच्छे चाल चरित्र के चलते चुनाव जीतता रहा हूं. आज तक किसी महिला से अमर्यादित तरीके से बात नहीं की. यही वजह है कि क्षेत्र के पुरुषों के साथ सभी समाजों की बहन-बेटियां मुझ पर विश्वास रखकर चुनाव में वोट देती हैं. हां ये बात और है कि जनता के लिए क्या खुद के मामलों में माथा-फोड़ी करने में कभी पीछे नहीं रहता हूं.

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