Politalks.News/Rajasthan. बीती जुलाई माह में गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट के दौरान विधानसभा-सत्र बुलाने को लेकर गहलोत सरकार और राजभवन के बीच आई तनातनी के बाद ऐसा माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र के बीच व्यक्तिगत सम्बन्धों में खटाई पड़ गई है. लेकिन शुक्रवार को महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के दो अकादमिक भवनों के वर्चुअल लोकार्पण समारोह में सीएम गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र ने एक दूसरे की जमकर तारीफ करते नजर आए. मौजूदा राजनीतिक हालात में दोनों ने जिस अंदाज में एक दूसरे की सार्वजनिक तारीफ की है उससे सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
यशस्वी और गतिशील व्यक्तित्व के धनी हैं सीएम गहलोत
समारोह के दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र ने सीएम अशोक गहलोत जमकर तारीफ की. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री गहलोत को यशस्वी और गतिशील व्यक्तित्व के धनी कहकर संबोधित किया. राज्यपाल ने बताया कि जब में राज्यपाल बनकर राजस्थान आया तब मैंने कहा था कि कुछ स्थानों पर हम साथ साथ रहेंगे तो अच्छा संदेश जाएगा. जब कार्यपालिका प्रमुख साथ रहेंगे तो एकता का संदेश जाता है. राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मुख्यमंत्री गहलोत ने बहुत अच्छा काम किया है. शिक्षा के क्षेत्र को लेकर वे चिंतित रहे हैं. राज्यपाल कलराज मिश्र ने बताया जब-जब मैंने विश्वविद्यालयों के लिए काम करने का प्रयास किया मुख्यमंत्री का सहयोग मिला. मिश्र ने कहा कि हमने टास्क फोर्स बनाया है. मुख्यमंत्री और राज्यपाल का समन्वय बना रहना चाहिए. इस दौरान राज्यपाल ने उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी और उर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला की भी तारीफ की.
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राज्यपाल ने संविधान की प्रस्तावना पढ़कर सुनाई तो मैं भावुक हो गया – सीएम गहलोत
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र की तारीफ करते कहा कि कोराना काल में मेरा ख्याल तो राज्यपाल ही रख रहे हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि मुझे चलाकर आगे से फोन करने वाले राज्यपाल कोई 40 साल में आए हैं और वो कलराज मिश्र हैं. राज्यपाल मुझे फोन करते रहते हैं कि मास्क लगाओ. गहलोत ने कहा कि कलराज मिश्र की सोच राजस्थान से मिलती है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मैंने सात आठ राज्यपालों के साथ काम किया है लेकिन कलराज मिश्र का व्यक्तित्व उन सबमें अलग हैं. सीएम ने कहा कि आज उन्होंने दिल जीत लिया, आज राज्यपाल ने जब संविधान की प्रस्तावना पढ़कर सुनाई तो मैं भावुक हो गया. राज्यपाल महोदय ने यह नई शुरुआत की है. हमने फैसला किया है कि स्कूली किताबों के पहले पन्ने पर संविधान की प्रस्तावना लिखी जाएगी. नई किताबों में यह छपना शुरू हो गई है.
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गौरतलब है कि जुलाई में सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट के समय विधानसभा-सत्र बुलाने को लेकर सरकार और राजभवन आमने सामने हो गए थे. राज्यपाल ने उस वक्त विधानसभा-सत्र बुलाने की फाइल तीन बार लौटा दी थी. तब सीएम गहलोत के साथ कांग्रेस विधायकों ने राजभवन में धरना दिया था. उस वक्त सीएम और राज्यपाल के रिश्तों में तनाव साफ दिख रहा था. राज्यपाल ने बाद में विधानसभा-सत्र बुलाने की मंजूरी दी थी, लेकिन 21 दिन के नोटिस की शर्त पर. अब राज्यपाल और सीएम ने जिस तरह सार्वजनिक रूप से एक दूसरे की तारीफ की है उससे सियासी हलकों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं.