Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में विधानसभा चुनाव को अभी दो साल से ज्यादा का समय है. लेकिन हाल के दो घटनाक्रमों से लग रहा है कि चुनावी घमासान का आगाज सा हो गया है. प्रदेश में कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही पार्टियों के सबसे बड़े दिग्गजों ने कमान संभाल लेने के संकेत दे दिए हैं. सबसे मजे की बात यहा है कि दोनों ही प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर मचने वाली सम्भावित खींचतान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने जनता को माई-बाप बताते हुए जनता कार्ड खेल दिया है.
हाल ही में जहां सीएम गहलोत ने एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि, ‘आपने तीन बार मुख्यमंत्री बनाया है, चौथी बार का तो पता नहीं आप माई बाप हो‘, तो वहीं मैडम राजे ने अपने जोधपुर दौरे के दौड़ना कहा था कि, ‘किसी के चाहने से मुख्यमंत्री नहीं बनता, सीएम का फैसला तो जनता करेगी..जिसे 36 कौम का प्यार मिलेगा, वही मुख्यमंत्री बनेगा‘. इन दोनों दिग्गजों द्वारा खेले जाने वालाल यह ‘जनता कार्ड‘ सियासी गलियारों में खासा चर्चा का विषय बना हुआ है. राजस्थान की राजनीति को जानने वालों का कहना है कि दोनों ही दिग्गजों ने विरोधियों को संकेत दिया है कि ‘हमें जनता ने चुना है आप चाहे जिनती भी कोशिश कर लें होगा वहीं जो जनता चाहेगी’.
आपको बता दें, राजस्थान की राजनीति में सियासी घमासान चरम पर है. सियासी कलह को करीब एक साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी कांग्रेस में अब तक ‘तनावपूर्ण’ शांति बनी हुई है. मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में चल रही खींचतान का दर्द शुक्रवार को अशोक गहलोत के भाषण में भी उस वक़्त नजर आया जब वे बीते शुक्रवार प्रशासन गांवों के संग अभियान के निरीक्षण के लिए बीकानेर के लाखासर गए थे. यहां आयोजित सभा में अपने तीन साल के कार्यकाल की चर्चा कर रहे थे. तभी भीड़ में से किसी ने कहा कि, ‘चौथी बार आप ही सीएम बनेंगे’. इस पर सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘चौथी बार कौन मुख्यमंत्री बनेगा, ये तो आप माई बाप हो जानते हो, ये अलग बात है कि चौथी बार सरकार कांग्रेस की बननी चाहिए’.
सीएम गहलोत ने सियासी संदेश देते हुए कहा कि, ‘बार-बार सरकार बदलती है, तो मजा नहीं आता. सरकार बदलते ही योजनाएं ठप हो जाती हैं, हम चाहते हैं कि सरकार वापस कांग्रेस की आए, ताकि हम योजनाओं पर काम कर सकें’. सियासी गलियारों में चर्चा है कि ‘सीएम गहलोत अपनी पार्टी में सीएम फेस को लेकर घमासान पर विराम लगाते हुए जनता को माई बाप बताकर अपने सियासी विरोधियों को जता दिया है कि जिसको जनता चाहती है उसी को मुख्यमंत्री बनाती है.
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वहीं कुछ सियासी जानकारों की राय इस बयान को लेकर अलग है. इनका कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अगले चुनाव में कांग्रेस को जीताने की बात कह रहे हैं. जबकि 2 अक्टूबर को प्रशासन शहरों के संग अभियान के लॉन्चिंग कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने कहा था कि, ‘अगली बार में शांति धारीवाल को ही स्वायत्त शासन मंत्री बनाऊंगा’. राजनीति के जानकारों का कहना है कि दिल्ली दौरे के बाद हुए बीकानेर के लखासर दौरे में पहले सरकार बनाने की अपील करने वाला बयान देकर सीएम गहलोत ने जो यूटर्न लिया है वो बहुत ही चौंकाने वाला है. आपको बता दें, सीएम गहलोत ने शाहपुरा की सभा में ये भी कहा कि ‘सियासी संकट के दौरान उनका तो इस्तीफा हो ही जाता अगर निर्दलीय विधायक और बसपा के विधायकों ने उनका साथ नहीं दिया होता. इस दौरान सीएम ने कहा था कि, ‘वो तो मैं जादूगर था तो मैजिक नंबर मेरे पास था’.
दूसरी तरफ बात की जाए प्रदेश भाजपा की तो यहां तो मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर एक फौज सी नजर आती है. कांग्रेस तो हर बार आरोप ही ये लगाती है कि भाजपा में सीएम के 8 से 10 फेस हैं. लेकिन भाजपा के एक बड़े वर्ग का मानना है कि नंबर वन पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हैं. भाजपा के साथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा भी मैडम राजे को सबसे बड़ा नेता मानते है. वहीं मैडम राजे ने हाल ही में जोधपुर दौरे के दौरान कहा था कि, ‘सिर्फ किसी के चाहने से मुख्यमंत्री नहीं बनते, सीएम का फैसला तो जनता करेगी..जिसे 36 कौम का प्यार मिलेगा, वही मुख्यमंत्री बनेगा‘.
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आपको याद दिला दें, जोधपुर दौरे के पहले दिन मैडम राजे ने ओसियां के एक भील परिवार की मनुहार पर उनके झोंपड़े में जाकर राब का स्वाद भी चखा था. वहीं मैडम राजे के जनता द्वारा सीएम चुने जाने के बयान के कुछ दिन बाद ही उसी जोधपुर में बीजेपी में दूसरे दावेदार सतीश पूनियां के समर्थन सीएम पद को लेकर जबरदस्त नारेबाजी भी हुई. यही नहीं पूनियां ने भी ओसियां में एक खेत में किसानों के साथ बाजरा निकलवाया और खेत पर ही उनके साथ चाय पर चर्चा की.
लेकिन हाल ही में आए वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा उपचुनाव के परिणाम ने सतीश पूनियां की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया है और अब यह माने जाने लगा है कि प्रदेश भाजपा में सीएम गहलोत को टक्कर देने वाला कोई चेहरा है तो वो मैडम राजे हैं. सियासी जानकारों का कहना है कि उपचुनाव में बीजेपी की करारी हार वाले परिणाम से प्रदेश भाजपा में सियासी कलह और ज्यादा बढ़ेगी. वहीं दूसरी और मैडम वसुंधरा राजे ने खुलकर सियासी रण में उतरने के संकेत देकर चर्चाओं का बाजार पहले ही गरम कर दिया है.