पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. देशभर में जारी कोरोना कहर और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक नवाचार किया. जिसके तहत सीएम गहलोत ने उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, भरतपुर और कोटा संभाग के सांसदों और विधायकों से कोरोना कहर को लेकर विडियों कांफ्रेस के माध्यम से कोरोना कहर को लेकर चर्चा की. सीएम गहलोत के इस नवाचार की सभी जनप्रतिनिधियों ने सराहना की. इस संवाद के दौरान पक्ष विपक्ष के सभी विधायक, अधिकांश सांसद, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड सहित सभी संबंधित जिला प्रभारी मंत्री मौजूद रहे. वीसी के दौरान सभी जनप्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्र से संबंधित समस्याओं और मांगों को लेकर सीएम गहलोत को महत्वपूर्ण सुझाव दिए. मुख्यमंत्री गहलोत की इस वीसी के दौरान प्रवासियों की सुगम घर वापसी का मुददा छाया रहा जिसे अधिकांश जनप्रतिनिधियों ने उठाया.
सभी के सहयोग से जीती जा सकती है यह लड़ाई
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा एवं भरतपुर संभाग के विधायकों एवं सांसदों से चर्चा कर लॉकडाउन के तीसरे चरण के बाद की रणनीति पर सुझाव आमंत्रित किए. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि हमारे देश और प्रदेश की संस्कृति रही है कि आपदा के समय हमने सारे मतभेद भुलाकर पूरी एकजुटता के साथ पीड़ित मानवता की सेवा का काम किया है. कोरोना की लड़ाई भी ऐसी ही है, जिसे सभी के सहयोग से जीता जा सकता है. राज्य सरकार संक्रमण रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और इसमें हर वर्ग का साथ भी मिल रहा है. सीएम गहलोत ने आह्वान करते हुए कहा कि सभी दल इसी तरह इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में साथ देते रहें.
हमारे मॉडल को पूरे देश ने सराहा, राजस्थान इस लड़ाई में मजबूत स्थिति में
मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि झुंझुनूं और भीलवाड़ा में कोरोना केस मिलने के बाद सरकार ने रूथलेस कंटेनमेन्ट पर फोकस करते हुए घर-घर सर्वे करवाया और इन जिलों की सीमाएं सील कर संक्रमण को नियंत्रित किया. भीलवाड़ा मॉडल की पूरे देश में सराहना हुई. प्रदेश में हॉट स्पॉट वाले इलाकों में बड़े स्तर पर टेस्ट कराए जा रहे हैं और प्रतिदिन टेस्ट क्षमता 11 हजार 770 तक पहुंच गई है. चिकित्सा सुविधाओं को लगातार मजबूत किया जा रहा है. विधायक कोष की राशि अगले दो साल तक स्वास्थ सेवाओं को मजबूत करने में ही उपयोग करने का फैसला किया है. राजस्थान में कोविड-19 से मृत्यु का प्रतिशत 2.9 है, जो राष्ट्रीय औसत से कम है. मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत भी 55.43 है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 29.97 प्रतिशत है. कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में राजस्थान अभी मजबूत स्थिति में है.
‘कोई भूखा नहीं सोए‘ के संकल्प को किया सफल
सीएम गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कोई भूखा नहीं सोए इस संकल्प के साथ सभी जरूरतमंदों को राशन सामग्री एवं भोजन के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं. सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत 78 लाख लाभार्थियों को दो माह की पेंशन के रूप में 1400 करोड़ रूपये का अग्रिम भुगतान किया है. करीब 33 लाख असहाय एवं निराश्रितों, स्टेट बीपीएल एवं अन्य जरूरतमंदों को 2500-2500 रूपये की आर्थिक सहायता दी गई है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों को 2 माह तक 10 किलो गेहूं निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके अलावा 54 लाख ऐसे लोग जो एनएफएसए में कवर नहीं होते उन्हें राज्य सरकार एफसीआई से 21 रूपये प्रति किलो की दर से गेहूं खरीद कर प्रति व्यक्ति 10 किलो गेहूं निशुल्क उपलब्ध करवा रही है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि कृषि कनेक्शनों के मार्च, अप्रैल एवं मई के बिजली बिलों का भुगतान स्थगित किया गया है, इससे 13 लाख किसानों को राहत मिली है. साथ ही अन्य श्रेणियों के बिजली बिलों एवं पानी के बिलों का भुगतान भी स्थगित किया गया है. लॉकडाउन के तीसरे चरण में भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार उद्योग एवं फैक्ट्रियां पुनः प्रारम्भ की गई है, इससे आर्थिक गतिविधियां फिर से शुरू हुई हैं.
विधायक अपने क्षेत्र के फंसे हुए लोगों की सूची कलेक्टर को उपलब्ध कराएं
सीएम गहलोत से संवाद के दौरान अधिकांश विधायकों और सांसदों ने प्रवासियों की सुगम वापसी के मुददे को अहमता से उठाया इस पर सीएम गहलोत ने कहा कि संकट की इस घड़ी में फंसे हुए प्रवासियों एवं श्रमिकों को अपने गृह स्थान पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने जो पहल की थी, उसके तहत करीब 19 लाख 20 हजार लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया है. इसमें से प्रदेश में आने वालो की संख्या 12 लाख है. प्रवासी श्रमिकों के दर्द को समझते हुए भारत सरकार की गाइडलाइन और अन्य राज्यों के साथ समन्वय स्थापित कर उन्हें लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. सीएम गहलोत ने संवाद के दौरान जनप्रतिनिधियों से कहा कि वो विधानसभा क्षेत्र के प्रवासी जो भी सूचनाएं भेज रहे हैं, उनसे सरकार को अवगत कराएं. विशेष ट्रेनों के माध्यम से इन्हें लाने के लिए केन्द्र एवं सम्बन्धित राज्यों से समन्वय हो गया है. बिहार और उत्तर प्रदेश ने भी अब प्रवासियों के आवागमन के लिए स्वीकृति दे दी है. प्रवासियों को वापस लाने को लेकर सरकार प्रमुखता से काम कर रही है. आज भी सीएम डीबी गुप्ता ने प्रवासियों का लेकर 2-3 घंटे चर्चा की है.
अधिकतर सांसद-विधायकों ने प्रवासियों के लिए किए प्रयासों को सराहा
संवाद के दौरान अधिकांश सांसदों और विधायकों ने विभिन्न राज्यों में फंसे हुए श्रमिकों एवं प्रवासियों को अपने गृह स्थान पहुंचाने के लिए सीएम गहलोत की पहल का स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इससे लम्बे समय से पीड़ा झेल रहे श्रमिकों को संबल मिला है. इसके साथ ही आवागमन को अधिक सुगम बनाने के लिए अतिरिक्त ट्रेन एवं बसों की व्यवस्था करने का सुझाव दिया. प्रवासियों की वापसी के लिए पास प्रक्रिया को सरल करने, दूसरी जगह से आने वाले लोगों के लिए गांव के स्कूल अथवा पंचायत भवन में संस्थागत क्वारंटाइन की व्यवस्था, मनरेगा की सूचियों में नए मजदूरों के नाम जोड़ने सहित अन्य सुझाव दिए.
कोरोना के साथ रहने की डालनी पडेगी आदत
सीएम गहलोत से संवाद के दौरान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि एक्सपटर्स का मानना है कि हमें अब कोरोना के साथ रहने की आदत डालनी पडेगी. हम सभी जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि लोगों के मन से कोरोना का भय निकाले. इसके साथ ही स्पीकर जोशी ने कहा कि विभिन्न प्रदशों से आ रहे प्रवासी लोगों को भी रोजगार देने की आवश्यकता है.
जुन-जुलाई में बढेगा कोराना, ज्यादा टेस्ट करने की है जरूरत
इस आॅनलाइन संवाद के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री गहलोत से कहा कि आज मैंने पूरे दिन देखा सभी जनप्रतिनिधियों ने पूरे दिन बैठ कर इस महामारी पर चर्चा की. राजे ने आगे कहा कि सभी कोरोना वॉरियर्स का मैं धन्यवाद देना चाहती हूं सभी ने मिलकर काम किया है. आज सबसे बडी समस्या प्रवासी मजदूरों की है, प्रवासियों की वापसी के लिए चलाई जा रही विशेष ट्रेनों का ठहराव 2-3 स्टेशनों पर होगा तो अच्छा होगा. प्रवासियों के क्वारेंटाइन के लिए अच्छे इंतजाम की व्यवस्था हमें करनी होगी. राजे ने आगेे कहा कि कोरोना के साथ हमें शायद लंबे समय तक रहना होगा तो हमें उद्यमियों के लिए भी सोचने की जरूरत है. एक्सपर्टस के अनुसार यह बीमारी जून और जुलाई में बढने वाली है तो हमें और ज्यादा टेस्ट करने की जरूरत है. ऐसा करने पर एक बार राजस्थान सुर्खियों में आएगा लेकिन समय रहते उपचार भी हो पाएगा. इसके साथ ही राजे ने सरकार द्वारा लगाए गए मंडी टैक्स को वापस लेने की भी सीएम गहलोत से मांग की.
मुख्यमंत्री की पहल का नेता प्रतिपक्ष ने किया स्वागत
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सभी दलों के सांसदों और विधायकों के साथ संवाद की सराहना की. इस दौरान कटारिया ने सीएम गहलोत को धन्यवाद देते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में सभी को आरोप-प्रत्यारोप से परे होकर एकजुटता दिखनी चाहिए. इसके साथ ही कटारिया ने कहा कि राज्य की सीमाओं तक परमिशन लेकर पहुंचे लोगों को जल्द प्रवेश देने, क्वारेंटाइन सेंटर्स पर ध्यान देने, आरोप प्रत्यारोप से बचने का आग्रह किया. इसके साथ ही कहा कि बार बार यह कहने से बचना चाहिए कि केंद्र पैसा नहीं दे रहा, यह आरोप प्रत्यारोप लगाने का समय नहीं है. कटारिया ने आगे भाजपा के सभी विधायकों के सरकार के साथ खडा होने का विश्वास दिलाया. इस पर सीएम गहलोत ने जवाब देते हुए कहा कि एक बार फिर से इन सभी मुददों पर बैठ कर बात करेंगे और जल्द ही बीजेपी के नेताओं के साथ बैठकर समस्याओं को हल करेंगे ताकि किसी के मन में कोई संदेह नहीं रहे.
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किसानों पर लगाए गए टैक्स को वापस ले सरकार
सीएम गहलोत से संवाद के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड ने कहा कि सभी सदस्यों ने आज प्रवासियों की सुगम वापसी की मांग प्रमुखता से की. प्रवासियों की वापसी के लिए लिस्ट बनाने के लिए आपने कहा, यह कपडा फाड प्रोग्राम है कोई भी जनप्रतिनिधि जरूरतमंद लोगों की वापसी की शत प्रतिशत लिस्ट नहीं बना सकता. इसके साथ ही राठौड ने किसानों पर लगाए गये 2 प्रतिशत टैक्स को भी वापस लेने और प्रदेश में बिजली पानी के बिल को स्थगित किए जाने कि बजाय माफ करने की मांग की.