Politalks.News/Rajasthan. अभिभावक और बीजेपी के विरोध के बाद कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच गहलोत सरकार ने 2 अगस्त से प्रदेश के स्कूल खोलने के फैसले पर यू-टर्न ले लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट ने राज्य मंत्रिपरिषद की गुरूवार को हुई बैठक में शिक्षण संस्थाओं को पुनः प्रारम्भ करने के लिए हुए सैद्धांतिक निर्णय के बाद कल सीएम आवास पर वीसी के जरिए हुई बैठक में प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं को खोलने की तिथि और एसओपी के संबंध में निर्णय लेने के लिए पांच मंत्रियों की एक समिति गठित की है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा गठित यह समिति स्कूल खोलने की तारीख और किस कक्षा तक के बच्चों को स्कूल बुलाया जाए, यह तय करेगी. इस समिति में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के अलावा स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवरसिंह भाटी और तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग हैं.
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इस दौरानं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा की, ‘कोविड महामारी की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए शिक्षण संस्थाओं को खोलने की एसओपी के संबंध में गहन विचार-विमर्श कर फैसला लिया जाना चाहिए. इसके लिए मंत्रियों की समिति भारत सरकार के स्वास्थ्य और मानव संसाधन मंत्रालयों, आईसीएमआर के साथ जिन राज्यों मेंं स्कूल-कॉलेज खोले हैं, वहां से संपर्क करके उनके अनुभव और फीडबैक पर चर्चा करेगी.’ इसके साथ सीएम गहलोत ने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी लेकर शिक्षण संस्थाओं को खोलने की तारीख और एसओपी के संबंध में निर्णय करेगी.
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आपको बता दें, गुरुवार को हुई गहलोत मंत्रिपरिषद की बैठक में 2 अगस्त से सभी कक्षाओं के बच्चों के लिए स्कूल खोलने का बच्चों के अभिभावकों द्वारा विरोध शुरू हो गया था. वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ और वासुदेव देवनानी जैसे बीजेपी नेताओं ने भी छोटे बच्चों की वैक्सीन आने से पहले ही स्कूल बुलाने के खतरों को देखते हुए सरकार के फैसले पर सवाल उठाए थे. ऐसे में गहलोत सरकार द्वारा 5 मंत्रियों की समिति बनाए जाने के फैसले के बाद यह माना जा रहा है कि केवल कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को ही स्कूल बुलाए जाने का फैसला लिया जाएगा.