प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर निकाय चुनाव प्रबंधन कार्यशाला को संबोधित करते हुए राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान सरकार में गुटबाजी चरम पर है. अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot) सरकार अपने ही मंत्रियों पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है. निकाय चुनाव की पूर्व तैयारी को लेकर आयोजित इस चुनाव प्रबंधन कार्यशाला में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई एवं चुनाव की रणनीति पर मंथन हुआ.

भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने राजस्थान में आगामी निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर बुधवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर निकाय चुनाव प्रबंधन कार्यशाला को संबोधित किया. निकाय चुनाव की पूर्व तैयारी को लेकर आयोजित इस चुनाव प्रबंधन कार्यशाला में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई एवं चुनाव की रणनीति पर मंथन हुआ. कार्यशाला में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राजेंद्र राठौड़ ने क​हा कि सदस्यता अभियान के बाद प्रदेश में भाजपा परिवार संगठन की दृष्टि से करोडपति हो गया है. आने वाले निकाय चुनाव को भारतीय जनता पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता सिर पर कफन बांधकर एकजुट होकर चुनाव लडेगा.

इस कार्यशाला में प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष अल्का सिंह, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता व विधायक सतीश पूनियां, विधायक अनिता भदेल, वासुदेव देवनानी सहित पार्टी के पदाधिकारी एवं चुनावी जिला संगठन प्रभारी व बूथ प्रबंधन प्रभारी मौजूद रहे.

कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करें कार्यकर्ता: राठौड़
राठौड ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर भी चर्चा छेड़ते हुए कहा कि प्रदेश से अनुच्छेद 370 हटाये जाने से देश का आम नागरिक खुश है. जनता को खुशी है कि लोकसभा चुनाव में उन्होनें जिस पार्टी को वोट दिया, वो देश के लिए अच्छा काम कर रही है. आगामी निकाय चुनाव में भी प्रदेश की जनता भारतीय जनता पार्टी को वोट देगी. इसके लिए पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करे. उन्होंने कार्यकर्ताओं से आव्हान किया कि निकाय चुनाव के समय सरकार की विफलताओें को जनता के सामने रखें एवं केंद्र सरकार द्वारा देशहित में किये जा रहे कार्यों को से उन्हें मुखाबित कराएं. राठौड़ ने कार्यकर्ताओं से मतदाता सूचियों पर भी नजर बनाए रखने को कहा.

गहलोत सरकार पर साधा निशाना
कार्यशाला के बाद राजेन्द्र राठौड़ ने पत्रकारों से वार्ता कर गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान सरकार में गुटबाजी चरम पर है. ‘एक व्यक्ति एक पद’ के नाम पर जो बहस इन दिनों छिड़ी हुई है, उसमें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री खेमा एक दूसरे के ऊपर ताल ठोंक रहे हैं. गहलोत सरकार अपने ही मंत्रियों पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है. प्रदेश में अपराधों का ग्राफ दिनों दिन बढ़ रहा है फिर चाहे वो यौन उत्पीडन के मामले हों या दलितों पर हत्याचार. महिला उत्पीड़न के मामले में राजस्थान देश में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. इन सब पर लगाम लगाने के बजाय मुख्यमंत्री एसपी और आईजी से संवाद कर रहे हैं.

हाईकोर्ट के फैसले पर कहा ‘अध्ययन नहीं किया’
पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास और अन्य सुविधाओं पर आये हाईकोर्ट के फैसले पर राठौड ने गहलोत सरकार को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस राजस्थान के महत्वपूर्ण व्यक्तियों में पूर्व मुख्यमंत्री इस तरह की सुविधा लेते रहे है. कांग्रेस सरकार के समय में बरकतुल्लाह खान साहब की पत्नी उशी खान सहित जगन्नाथ पहाड़िया को भी विशेष रूप से मकान आवंटन हुए. अन्य सुविधाएं बढ़ाने का काम भी गहलोत सरकार ने अपने पहले कार्यकाल से शुरू कर दिया था.  वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सरकारी आवास को खाली करने के पत्रकारों के सवाल पर राठौड ने कहा, ‘हाईकोर्ट के निर्णय का अध्ययन अभी तक मैंने नहीं किया है. फैसले को पूरी तरह पढ़ने के बाद सारी बात सामने आ पायेगी. न्यायालय के निर्णय की पालना हर एक व्यक्ति करता है. हम भी करते है.’

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