पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने मंगलवार को विभिन्न मुददों पर कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा. नेता प्रतिपक्ष कटारिया मंगलवार शाम विडियों कांफ्रेसिंग के जरिए पत्रकारों से रूबरू हुए. इस दौरान कटारिया ने कहा कि कोरोना से लडाई में प्रधानमंत्री मोदी ने मानवता को बचाने के लिए प्रभावी कदम उठाये हैं लेकिन सोनिया गांधी और अशोक गहलोत केवल राजनीति कर रहे है.
नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के लोगों के लिए कोरोना की इस लडाई में समय-समय पर प्रभावी कदम उठा कर लोगों के जीवन की रक्षा की है. 130 की आबादी वाले देश में अभी तक सीमित संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज आयें है, जबकि दुनिया के विकसित और सम्पन्न देशों में हालात ख़राब हैं. कटारिया ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चेलेंज करके कहता हूँ की उन्होंने राज्य में राहत के कामों में जितना रुपया खर्च किया है, वो सारा पैसा केंद्र सरकार द्वारा दिया हुआ है उन्होंने अपनी सरकार के ख़ज़ाने से एक रुपया भी खर्च किया हो तो बता दें.
प्रवासियों की घर वापसी को लेकर चलाई जा रही विशेष ट्रेन की टिकिट का खर्च कांग्रेस द्वारा उठाने के सोनिया गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कटारिया ने कहा की यात्रियों के भोजन और सफ़ाई सहित कुल खर्च का 85 प्रतिशत रेलवे वहन कर रही है, केवल 15 प्रतिशत राज्य सरकार दे रही है. राजस्थान में भी घोषणा के बाद जो पहली ट्रेन 1 मई की रात को मजदूरों को लेकर गई थी उसका 15 प्रतिशत राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष में इकट्ठे हुए पैसे से दिया था. 1 मई के बाद मजदूरों को लेकर गई ट्रेन का पैसा भी इसी तरह दिया गया तो फिर सोनिया गांधी किस बात की घोषणा कर रही है, ये केवल राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश है. सोनिया गांधी इस माहौल में भी राजनीति कर भारत को इटली बनाने की कोशिश कर रही है.
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गुलाब चंद कटारिया ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मियों के वेतन से एक दिन का वेतन काटने पर उसे अमानवीय कहा था. प्रदेश की गहलोत सरकार ने कर्मचारियों की 30 प्रतिशत से लेकर 55 प्रतिशत तक सेलेरी रोक ली है उसको क्या कहेंगे. वहीं सोमवार से प्रदेश में शुरू हुई शराब की बिक्री और शराब की दुकानों पर उमड रही भीड को लेकर कटारिया ने कहा कि अगर अर्थव्यवस्था संभालने के लिए शराब की बिक्री जरूरी ही है तो सरकार को शराब की होम डिलीवरी पर विचार करना चाहिए. शराब की दुकानों पर उमड रही भीड़ के चिंताजनक परिणाम हो सकते हैं. प्रदेश में अभी पूरी तरह से कोरोना वायरस खत्म नहीं हुआ है. शराब की बिक्री के तरीके से लॉकडाउन फेल हो रहा है.