पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लॉकडाउन के चलते विभिन्न प्रदेशों में से फंसे प्रवासी राजस्थानियों के लिए बेहद चिंतित हैं. प्रधानमंत्री मोदी को दो बार पत्र लिखने के बाद सीएम गहलोत ने सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात कर प्रस्ताव दिया है कि लॉकडाउन के चलते राजस्थान में अटके प्रवासियों और विभिन्न प्रदेशों में रह रहे राजस्थानियों को एक बार अपने घर जाने का मौका दिया जाए. गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर मंत्रालय के अधिकारियों से बात कर मंगलवार तक सकारात्मक निर्णय लेेने का आश्वासन दिया है. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वार्ता कर कोटा में कोचिंग के लिए रह रहे छात्रों को अपने राज्यों में वापस बुलाने का आग्रह किया है. सीएम गहलोत के आग्रह पर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, आसाम और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने कोटा में रह रहे छात्रों को अपने राज्यों में वापस बुलाने पर सहमति दे दी है. विभिन्न राज्यों के कोटा में रह रहे छात्र जल्द ही अपने घर के लिए रवाना होंगे.
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से फोन पर बात कर प्रस्ताव दिया है कि लॉकडाउन के चलते #Rajasthan में अटके प्रवासियों और विभिन्न प्रदेशों में रह रहे राजस्थानियों को एक बार अपने घर जाने का मौका दिया जाए।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 20, 2020
दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनी ऑनलाइन प्रेसवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को भी अपने निवास से प्रदेश के चुनिंदा पत्रकारों से वार्ता की. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि पूरे देश में लोग फंसे हुए हैं और उनकी घर जाने की मांग पर संवेदशीलता के साथ निर्णय करने की जरूरत है. केन्द्र सरकार से इस विषय पर कई बार चर्चा की गई है और अब सोमवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी फोन पर गंभीर विमर्श हुआ है. वार्ता के दौरान अमित शाह से सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान के प्रवासी अपने गृह राज्य से गहरा लगाव रखते हैं और सुख-दुख में हमेशा आते-जाते रहते हैं. इसीलिए देशभर में जो प्रवासी राजस्थानी हैं, राज्य सरकार उन्हें भी एक बार अपने गांव आने का अवसर देने के लिए प्रयासरत है.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि राजस्थान के विभिन्न जिलों से आकर कोटा में कोचिंग कर रहे 4 हजार बच्चों को भी जल्द ही उनके जिलों में भेजा जाएगा. वहीं विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वार्तालाप कर कोटा में कोचिंग के लिए रह रहे छात्रों को गृह राज्य पहुंचाने के लिए काम किया जा रहा है. मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, आसाम और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने इस पर सहमति दे दी है, जल्द ही इन राज्यों के छात्र अपने घर के लिए रवाना होंगे.
निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया प्रतिनिधियों के साथ वार्ता के दौरान कहा कि पूरे देश में लोग फंसे हुए हैं और उनकी घर जाने की मांग पर संवेदशीलता के साथ निर्णय करने की जरूरत है।
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केन्द्र सरकार गेहूं के भण्डारों से अधिक अनाज आवंटित करे
प्रेसवार्ता के दौरान एक पत्रकार के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि मेें राशन सामग्री की मांग अधिक बढ़ गई है, क्योंकि बड़ी संख्या में परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरित होने वाले गेहूं की मांग कर रहे हैं. राज्य सरकार ने केन्द्र से राशन का अधिक गेहूं जारी करने का प्रस्ताव दिया है, ताकि इस संकट काल में कोई भी व्यक्ति भूख से पीड़ित ना रहे. सीएम गहलोत ने आगे बतायह भी पढ़ें: कर्मचारियों के कार्यालय आने का निर्णय टला, मॉडिफाइड लॉकडाउन में बाहर निकलने की कतई छूट नहींया कि भारतीय खाद्य निगम के भण्डार गेहूं से भरे पड़े हैं और नई फसल भी आने वाली है. ऐसे में केन्द्र सरकार इस मांग पर भी जल्द ही सकारात्मक निर्णय लेकर राज्यों को राशन के लिए अधिक गेहूं जारी करेगी.
एक सवाल के जवाब में कहा कि लॉकडाउन की अवधि मेें राशन सामग्री की मांग अधिक बढ़ गई है, क्योंकि बड़ी संख्या में परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरित होने वाले गेहूं की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार ने केन्द्र से राशन का अधिक गेंहूं जारी करने का प्रस्ताव दिया है
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मुख्यमंत्री गहलोत ने यह भी बताया कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद 16 अप्रैल से शुरू हो चुकी है. इस बार राज्य सरकार ने एफसीआई के खरीद केन्द्रों की संख्या 204 से बढ़ाकर 300 की है, जिनके माध्यम से भारत सरकार 17 लाख टन गेहूं खरीदेगी. राजस्थान सरकार विशेष प्रयास कर रही है कि मण्डियों में किसानों को उनकी फसल का पूरा दाम मिले और एमएसपी से नीचे खरीद नहीं हो.
एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद 16 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। इस बार राज्य सरकार ने एफसीआई के खरीद केन्द्रों की संख्या 204 से बढ़ाकर 300 की है, जिनके माध्यम से भारत सरकार 17 लाख टन गेहूं खरीदेगी।
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रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट पर आईसीएमआर करेगी निर्णय
प्रदेश में पहुंची रैपिड टेस्ट किट की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल पर मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के दिशा-निर्देशों के तहत ही किए जा रहे हैं. इसके लिए टेस्ट किट की खरीद भी आईसीएमआर की स्वीकृति के बाद ही की गई है. अब इस टेस्ट किट की गुणवत्ता के विषय में एसएमएस अस्पताल तथा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में शोध किया जा रहा है. आईसीएमआर को भी इसके बारे में पत्र लिखा गया है. वहां से जो भी दिशा निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार इन टेस्ट किट का इस्तेमाल किया जाएगा.
अब इस टेस्ट किट की गुणवत्ता के विषय में एसएमएस अस्पताल तथा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में शोध किया जा रहा है। आईसीएमआर को भी इसके बारे में पत्र लिखा गया है। वहां से जो भी दिशा निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार इन टेस्ट किट का इस्तेमाल किया जाएगा।
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बेसहारा व्यक्तियों की हर संभव सहायता करेंगे
सीएम गहलोत ने आगे एक सवाल के जवाब में कहा कि जब तक अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर नहीं आएगी तब तक राजस्थान सरकार वंचितों की हर संभव सहायता करेगी. बेसहारा और किसी भी सामाजिक सुरक्षा योजना से वंचित व्यक्ति की मदद करना हमारा संकल्प है. सीएम गहलोत ने कहा कि मध्यम वर्ग की समस्याएं अलग हैं, निम्न मध्यम वर्ग की समस्याएं अलग हैं. राज्य सरकार सभी वर्गों की बेहतरी के प्रयास कर रही है, लेकिन अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में केन्द्र सरकार की भूमिका बड़ी है. विभिन्न राज्यों ने केन्द्र सरकार को मदद के लिए कई पत्र लिखे हैं और राहत पैकेज की मांग की है. मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार इस पर काम कर रही होगी और जल्द ही राज्यों को आर्थिक सहायता के लिए घोषणा की जाएगी.
एक सवाल के जवाब में कहा कि जब तक अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर नहीं आएगी तब तक राजस्थान सरकार वंचितों की हर संभव सहायता करेगी। बेसहारा और किसी भी सामाजिक सुरक्षा योजना से वंचित व्यक्ति हमारा ‘टारगेट ग्रुप‘ है और इनकी मदद करना हमारा संकल्प है।
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स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत ढांचे के विस्तार पर पूरा फोकस
सीएम गहलोत ने आगे बताया कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत ढांचे के विस्तार पर पूरा फोकस कर रही है. हमने पूर्व में भी निशुल्क दवा योजना, निशुल्क जांच और निरोगी राजस्थान जैसे अभियानों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता बढ़ाने पर काम किया है. अब कोरोना संकट के चुनौतीपूर्ण दौर में भी हर जिले में विशेष जांच प्रयोगशाला और आईसीयू बेड की सुविधाएं बढ़ाने पर काम किया जा रहा है. इसके लिए स्थानीय विधायक कोष की क्षेत्रीय विकास निधि का भी उपयोग किया जा सकता है. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि यह संकट कब तक खत्म होगा, इसका कोई अंदाजा इस समय नहीं लगाया जा सकता, लेकिन इससे जूझने के लिए पूरे देश, दुनिया और प्रदेश में आपसी सहयोग की एक भावना विकसित हुई है.
कोरोना महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत ढांचे के विस्तार पर पूरा फोकस कर रही है। हमने पूर्व में भी निशुल्क दवा योजना, निशुल्क जांच और निरोगी राजस्थान जैसे अभियानों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता बढ़ाने पर काम किया है।
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दूरदर्शन पर स्कूली पाठ्यक्रम के कार्यक्रम प्रसारण की मांग
सीएम गहलोत ने यह भी बताया कि शिक्षा मंत्री गोंविद सिंह डोटासरा द्वारा केंद्रीय प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर को लिखे गये पत्र के सवाल पर कहा कि राजस्थान ने दूरदर्शन के माध्यम से राज्य में स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम से जुड़े कार्यक्रमों का प्रसारण करने की मांग की है. दूरदर्शन के नेटवर्क की दूरदराज तक पहुंच होने के कारण लॉकडाउन की स्थिति में विद्यार्थियों के लिए उपयोगी कार्यक्रमों का प्रसारण एक अभिनव पहल होगी. सीएम गहलोत ने कहा कि निजी स्कूलों को जून माह तक अभिभावकों से फीस वसूली स्थगित करने का निर्णय किया गया है और इस अवधि में विद्यार्थियों को स्कूल से नहीं निकालने के लिए निर्देशित किया है. फीस माफ करने के विषय में अभी कोई प्रस्ताव नहीं किया गया है आगे की योजना पर फिर विचार करेंगे, क्योंकि सरकार को यह भी सुनिश्चित करना है कि फीस की कमी के चलते निजी स्कूलों के बंद होने की नौबत नहीं आए.
राजस्थान ने दूरदर्शन के माध्यम से राज्य में स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम से जुड़े कार्यक्रमों का प्रसारण करने की मांग की है। दूरदर्शन के नेटवर्क की दूरदराज तक पहुंच होने के कारण लॉकडाउन की स्थिति में विद्यार्थियों के लिए उपयोगी कार्यक्रमों का प्रसारण एक अभिनव पहल होगी।
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