पॉलिटॉक्स ब्यूरो. यूरोपीय यूनियन के 28 सांसदों का एक दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजाजत से जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचा हुआ है. ये सभी सांसद जम्मू और कश्मीर के मुख्य सचिव, राज्यपाल सत्यपाल मलिक और घाटी के युवाओं समेत कई लोगों से मुलाकात करेंगे. हाल में कश्मीर पुलिस प्रशासन ने देश के कुछ आला नेताओं को वहां का दौरा करने से रोका था. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद भी इस लिस्ट में थे जिन्हें सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए श्रीनगर एयरपोर्ट से वापिस लौटा दिया गया. अब यूरोपियन डेलिगेशन के वहां जाने और स्थानीय लोगों से मिलने को लेकर विपक्ष ने हमला बोला है.
विपक्षी दल सवाल उठाते हुए पूछ रहे हैं कि अगर यूरोपीय सांसदों को कश्मीर जाने की इजाजत है तो देश की पार्टियों को क्यों नहीं. अब ये चर्चा सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. अंतर्राष्ट्रीय दल के वहां पहुंचने का विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी विरोध जताया है. एक नेता (Asaduddin Owaisi) ने ‘गैरों पे करम अपनो पे सितम, ऐ जान-ए-वफ़ा तु ज़ुल्म न कर. रहने दे अभी थोडा सा धरम…’ गाकर प्रधानमंत्री मोदी से इशारों इशारों में कश्मीर में इस डेलिगेस्ट पर इस मेहरबानी के बारे में पूछा.
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी जम्मू कश्मीर जाने की केंद्र सरकार की दोहरी नीति का मजाक उड़ाते हुए कहा कि यूरोप के सांसदों का जम्मू और कश्मीर के एक निर्देशित दौरे पर जाने के लिए स्वागत है, जबकि भारतीय सांसदों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसमें कुछ तो झोल है.
MPs from Europe are welcome to go on a guided tour of Jammu & #Kashmir while Indian MPs are banned & denied entry.
There is something very wrong with that.https://t.co/rz0jffrMhJ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 28, 2019
इसका जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद से लड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जरूरी बताया. उन्होंने ट्वीट पोस्ट करते हुए कहा, ‘आतंकियों की मदद और फंडिंग करने वालों के खिलाफ तुरंत सख्त कदम उठाने की जरूरत है. हमने भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को बढ़ाने, आतंकवाद और अन्य मुद्दों से लड़ने के लिए एक साथ आने की आवश्यकता पर विचार विमर्श किया. मैंने भारत सरकार द्वारा ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में बात की.’
Fruitful interactions with MPs from the European Parliament. We exchanged views on boosting India-EU ties, the need to come together to fight terrorism and other issues. I spoke about steps being taken by the Government of India to boost ‘Ease of Living.’ https://t.co/7YYocW3AQN pic.twitter.com/9y1ObOvL9e
— Narendra Modi (@narendramodi) October 28, 2019
वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा, ‘मुझे आश्चर्य है कि MEA ने कश्मीर क्षेत्र का दौरा करने के लिए यूरोपीय संघ के सांसदों के लिए व्यवस्था की है. यह हमारी राष्ट्रीय नीति की विकृति है. मैं सरकार से इस यात्रा को रद्द करने का आग्रह करता हूं क्योंकि यह अनैतिक है.’
I am surprised that the MEA has arranged for European Union MPs, in their private capacity [Not EU’s official delegation],to visit Kashmir area of J&K. This is a perversion of our national policy. I urge the Government cancel this visit because it is immoral.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) October 28, 2019
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने यूरोपियन डेलिगेशन के कश्मीर दौरे पर शायराना अंदाज में तंज कसते हुए कहा कि गैरों पे करम अपनो पे सितम, ऐ जान-ए-वफ़ा तु ज़ुल्म न कर. रहने दे अभी थोडा सा धरम… MEPs की शानदार पसंद जो एक बीमारी से पीड़ित हैं-इस्लामोफोबिया (नाज़ी प्रेमी). वे मुस्लिम बहुसंख्यक घाटी में जा रहे हैं. निश्चित रूप से इन सभी का स्वागत है.’ (Asaduddin Owaisi)
Fantastic Choice of MEPs who suffer from a disease -Islamophobia (Nazi lovers)are going to Muslim majority Valley ,sure people will welcome them by “Ware Paeth Khoshh Paeth”
Gairon pe karam apano pe sitam, ai jaan-e-vafaa ye zulm na kar
rahane de abhi thodaa saa dharam https://t.co/e51vfc03bA
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 29, 2019
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार के इस फैसले पर कहा कि कश्मीर में यूरोपियन सांसदों को सैर-सपाटा और हस्तक्षेप की इजाजत लेकिन भारतीय सांसदों और नेताओं को पहुंचते ही हवाई अड्डे से वापस भेजा गया. यह बड़ा अनोखा राष्ट्रवाद है.
कश्मीर में यूरोपियन सांसदों को सैर-सपाटा और हस्तक्षेप की इजाजत लेकिन भारतीय सांसदों और नेताओं को पहुँचते ही हवाई अड्डे से वापस भेजा गया!
बड़ा अनोखा राष्ट्रवाद है यह।https://t.co/hAHVigzGFU
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 29, 2019
इस मसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए पोस्ट किया, ‘जब भारतीय नेताओं को जम्मू-कश्मीर के लोगों से मिलने से रोका जा रहा है तो सीना ठोककर राष्ट्रवाद की बात करने वालों ने क्या सोचकर यूरोपीय नेताओं को जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत दी. यह सीधे-सीधे भारत की अपनी संसद और हमारे लोकतंत्र का अपमान है.’
When Indian political leaders have been prevented from meeting the people of J&K, what possessed the great chest-beating champion of nationalism to allow European politicians to visit J&K. This is an outright insult to India’s own Parliament and our democracy! https://t.co/D48dnctRqE
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 28, 2019
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने यूरोपियन सांसदों (European Delegates in Kashmir) के भारतीय नेताओं से पहले कश्मीर भेजने पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि यूरोपीय सांसदों को कश्मीर भेजने से पहले देश के सांसदों को वहां भेजना चाहिए था. मायावती ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में संविधान की धारा 370 को समाप्त करने के उपरान्त वहां की वर्तमान स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय यूनियन के सांसदों को जम्मू कश्मीर भेजने से पहले भारत सरकार अगर अपने देश के खासकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहां जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता.’
जम्मू-कश्मीर में संविधान की धारा 370 को समाप्त करने के उपरान्त वहाँ की वर्तमान स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय यूनियन के सांसदों को जेके भेजने से पहले भारत सरकार अगर अपने देश के खासकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहाँ जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता।
— Mayawati (@Mayawati) October 29, 2019