पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण की रोकथाम के लिए गहलोत सरकार भले ही लाख जतन कर रही हो लेकिन प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि रही है. सोमवार को प्रदेश में अब तक एक दिन में सर्वाधिक 20 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए, जिसके बाद सरकार और प्रशासन में हड़कंप मच गया. ऐसे में प्रदेश में लगातार बढ रहे संक्रमण को देखते हुए सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक आयोजित हुई, जिमसें प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी मौजूद रहे. आपदा प्रबंधन की इस बैठक में लॉक डाउन के दौरान प्रदेश के मौजूदा हालातों पर विस्तार से चर्चा कर कुछ सख्त निर्णय लिए गए.
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित हुई इस बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने शुरूआती दौर में ही अच्छा प्रबंधन किया है और इसके लिए समुचित आदेश तथा दिशा निर्देश जारी किये हैं. अब संकट काल में इन आदेशों की जमीनी स्तर पर सख्ती से पालना करवाने की बड़ी चुनौती हमारे सामने है. इसमें राज्य सरकार के मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और आमजन सहित सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है.
रोजगार और भोजन-पानी का संकट बड़ी चुनौती
मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि कोविड महामारी के कारण प्रदेश के साथ-साथ पूरी दूनिया में ही हालात चिंताजनक है और लॉकडाउन ही इसका कड़वा, लेकिन उचित इलाज है. संक्रमण के डर के साथ-साथ लॉकडाउन के कारण मजदूरों और गरीब वर्ग के परिवारों को पलायन के दौरान भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित होने से बचाने के लिए सामाजिक दूरी बनाये रखना अति आवश्यक उपाय है. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि लंबे समय तक लॉकडाउन की स्थिति बने रहने के कारण लोगों के रोजगार और भोजन-पानी का संकट बढ़ने के साथ-साथ कानून व्यवस्था के समक्ष कानून व्यवस्था की चुनौतियां भी बढ़ेंगी, जिसे हमें संवेदनशीलता और दूरदर्शिता से निपटना होगा.
बढ़ती बैचेनी के दौर में आमजन को संबल देना होगा
आपदा प्रबंधन की इस बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने स्वास्थ्य सर्वे के लिए ग्राम सेवक, पंचायती राज और शिक्षा विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के सहयोग को आवश्यक बताते हुए लॉकडाउन के दौरान राशन वितरण की बेहतर व्यवस्था के लिए विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करने का सुझाव दिया. पायलट ने आगे कहा कि सूखी भोजन सामग्री के पैकेट का मानक तय करने और लोगों की बढ़ती बैचेनी के दौर में उन्हें संबल और आशा देने के लिए भी हम सभी को मिलकर विशेष प्रयास करने चाहिए.
78 लाख परिवारों के 3 करोड़ से अधिक प्रदेशवासियों का सर्वे पूरा
वहीं बैठक के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण की जमीनी स्तर पर स्थिति की जानकरी हासिल करने के लिए युद्ध स्तर पर घर-घर जाकर स्वास्थ्य सर्वे कराया जा रहा है. प्रदेश में अभी तक 78 लाख परिवारों के 3 करोड़ से अधिक लोगों का सर्वे किया जा चुका है. इस काम में और अधिक तेजी लाने के लिए पंचायती राज और शिक्षा विभाग के कार्मिकों का सहयोग अपेक्षित है, ताकि सर्वे कार्य जल्द से जल्द पूरा हो सके.
चिकित्सकों, पैरा-मेडिकल कार्मिकों की सेवानिवृति बढ़ेगी
ऐसे में बैठक के दौरान राज्य सरकार नेे कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए 31 मार्च से 31 अगस्त 2020 की अवधि के बीच सेवानिवृत होने वाले सभी चिकित्सकों, स्वास्थ्य अधिकारियों और पैरा-मेडिकल कार्मिकों की सेवानिवृति को 30 सितंबर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है. आपदा प्रबंधन एवं राहत के संदर्भ में लिए गए इस निर्णय का बैठक के दौरान अनुमोदन किया गया.
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आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत निर्णयों का अनुमोदन
बैठक में कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा जारी आदेशों एवं दिशा निर्देशों तथा इनके क्रम में राज्य के आपदा प्राधिकरण की कार्यकारी समिति द्वारा जारी किये गये निर्देशों और आदेशों का अनुमोदन किया गया. इसके साथ ही, राज्य आपदा राहत कोष से कोविड-19 के संक्रमण की जांच एवं इलाज के लिए विभिन्न चिकित्सकीय उपकरणों एवं सुविधाओं की खरीद, लॉकडाउन के कारण बेघर, प्रवासियों एवं श्रमिकों के लिए राहत शिविरों की व्यवस्था, जिला कलक्टरों को अनटाइड फंड के तहत राशि आवंटन सहित आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत लिए गये विभिन्न निर्णयों का अनुमोदन भी किया गया.
बैठक के दौरान खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन और लॉकडाउन की स्थिति में वंचितों के लिए भोजन सामग्री के वितरण के लिए गेंहूं, दाल, तेल आदि की अतिरिक्त खरीद, घर-घर राशन वितरण की स्थिति, मुनाफाखोरी और कालाबाजारी पर नियंत्रण, फसल कटाई, गेंहूं तथा दालों आदि की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद, मंडियों के संचालन, प्रदेश और अन्य राज्यों में प्रवासियों के पलायन से उपजे हालात, लॉकडाउन के दौरान पुलिस व्यवस्था, आवारा पशु पक्षियों एवं गौशाला आदि में चारे की उपलब्धता पर भी गंभीर चर्चा हुई.
राज्य सरकार ने आरक्षित किए जयपुर जिले के 84 निजी अस्पताल
सरकार के निर्देशों के बाद प्रदेश के जिला कलक्टरों ने अपने-अपने जिले में आने वाले निजी अस्पतालों को कोरोना महामारी के बचाव व उपचार के लिए आरक्षित करना शुरू कर दिया है. जयपुर जिला कलक्टर जोगाराम ने एक आदेश जारी कर जिले के 84 निजी अस्पतालों की सूची जारी की है. जिसमें एक हजार से अधिक पलंग क्षमता वाले मेडिकल कॉलेज अस्पतालों सहित अधिकांश निजी अस्पताल शामिल हैं. इन सभी अस्पतालों की कुल पलंग क्षमता 5283 पलंगों की है. इन अस्पतालों का उपयोग आवश्यकता पड़ने पर आइसोलेशेन और क्वारंटइन केन्द्रों के रूप में किया जा सकेगा. जिला प्रशासन की मांग पर उक्त अस्प्तालों को दो घंटे के अंदर जिला प्रशासन के जरिये सीएएमएचओ को सुपुर्द करने के लिए कहा गया है.
एक ही दिन में जयपुर में 10 और पूरे प्रदेश में हुए 20 कोरोना पॉजिटिव
बता दें, प्रदेश में सोमवार को जयपुर से दस और नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आये. जयपुर के रामगंज से गुरुवार को संक्रमित पाए गए व्यक्ति के परिवार के जहां सोमवार सुबह मां और बेटा कोरोना संक्रमित पाए गये वहीं शाम को परिवार के अन्य आठ सदस्य भी कोरोना संक्रमित पाए गये. इसके साथ ही अलवर, भीलवाड़ा और जोधपुर से एक एक कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए. इसके साथ ही रविवार को ईरान से रेस्कयू कर जोधपुर लाए गए लोगों में से भी सात लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए. प्रदेश में सोमवार को पाए गए 20 कोरोना संक्रमित मरीजों को संख्या को मिलाकर अब प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या हुई 79 हो गई है. वहीं इसके साथ ही प्रदेश में अब तक 14 मरीज कोरोना नेगेटिव भी हो गए है जिनमे से चार को डिस्चार्ज कर दिया गया है तो 10 को अभी चिकित्सकों की देख रेख में रखा गया है.
ये रहे बैठक में मौजूद
सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर सीएम गहलोत की अध्यक्षता में हुई आपदा प्रबंधन की इस बैठक में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल, आपदा प्रबंधन मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा, श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली सहित मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह सहित अन्य उच्चाधिकारी मौजूद रहे.