Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में बाघों के संरक्षण के लिए प्रदेश में विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी देते हुए उसे बाघों के कुनबे को बढ़ाने व उनके संरक्षण के लिए दीर्घकालीन कार्ययोजना बनाने के लिए कहा है.
सीएम गहलोत के निर्देश पर गठित इस विशेषज्ञ समिति में राज्य वन्यजीव बोर्ड के सदस्य विधायक भरतसिंह कंुदनपुर, बोर्ड के सदस्य एवं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के पूर्व सदस्य सचिव डाॅ. राजेश गोपाल, सिमरत कौर संधू, सुनील मेहता, धीरेन्द्र गोधा, जैसल सिंह, वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड इंडिया के महासचिव एवं सीईओ रवि सिंह, निदेशक, भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के प्रतिनिधि तथा सदस्य सचिव, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है. मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजस्थान समिति के संयोजक होंगे.
आपको बता दें, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते दिनों राज्य वन्यजीव मण्डल की बैठक में प्रदेश में बाघों के बढ़ते कुनबे को देखते हुए उनके संरक्षण के लिए दीर्घकालीन कार्ययोजना बनाने हेतु विशेषज्ञ समिति गठित करने के निर्देश दिए थे. सीएम गहलोत ने कहा था कि राज्य में बढ़ती संख्या के अनुरूप बाघों को सुरक्षित आश्रय स्थल उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार नए टाइगर रिजर्व विकसित करने की योजना पर काम कर रही है.
बूंदी क्षेत्र के रामगढ़ वन्यजीव अभयारण्य को हाल ही में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा टाइगर रिजर्व के रूप में स्वीकृति प्रदान की गई है. मुख्यमंत्री गहलोत ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कुंभलगढ़ अभयारण्य सहित अन्य वन क्षेत्रों में भी बाघों एवं दूसरे वन्यजीवों के संरक्षण को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं.