पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. बीजेपी विधायक मदन दिलावर और अशोक लाहोटी को कोरोना की इस लडाई में गहलोत सरकार के खिलाफ बयानबाजी करना भारी पड गया है. दोनों विधायकों के खिलाफ पुलिस ने दो अलग अलग घटनाक्रमों में मुकदमे दर्ज किए है. रामगंज मंडी विधायक मदन दिलावर पर भड़काऊ विडियो वायरल करने का मुकदमा दर्ज किया गया है तो सांगानेर विधायक अशोक लाहौटी पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयानबाजी करने का मुकदमा दर्ज किया गया है. बीजपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने इस पूरे मामले पर कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज़ को दबाना चाहती है, लेकिन सरकार के ड़राने से भाजपा के नेता-कार्यकर्ता डरेंगे नहीं.
सतीश पूनियां ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना संक्रमित क्षेत्रों में लॉकडाउन का पालन करवाने में विफ़ल सरकार, जनता की आवाज उठाने वाले विपक्ष के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं पर बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है. पूरा देश जानता है की तबलिगी जमात के कारण भारत में कोरोना का संक्रमण तेज़ी से फैला है. राजस्थान में जो कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे है उनमें से ज़्यादातर जमात से जुड़े या उनके सम्पर्क में आए लोग हैं.
सतीश पूनियां ने बताया कि विधायक मदन दिलावर ने जमातियों के सच को उजागर किया तो उनके ऊपर मुक़दमा दर्ज कर लिया गया. विधायक अशोक लाहोटी ने एक समुदाय विशेष के संक्रमित लोगों को मिल रहे वीआईपी ट्रीटमेंट के बारे में कहा तो उन पर मुक़दमा दर्ज हो गया. विधायक सुरेश रावत ने अपने विधायक कोष से स्वीकृत राहत सामग्री का वितरण किया तो उनके ऊपर लॉकडाउन के उल्लंघन का आरोप लगा कर नोटिस दे दिया गया. जबकि चित्तोड़गढ में 4 दिन पहले सत्तारूढ़ पार्टी के एक विधायक को लॉक़डाउन का उल्लंघन करने पर रोकने वाली महिला अधिकारी का सरकार ने तबादला कर दिया.
सतीश पूनियां ने आगे कहा कि शुक्रवार को झालावाड़ में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे प्रमोद शर्मा अस्पताल में घुस कर डॉक्टर को धमकाते रहे लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. सरकार के दोहरे चरित्र का यह सबसे बड़ा उदाहरण है. पूनियां ने आगे कहा कि कांग्रेसी विधायकों और मंत्रियों के इशारों पर अजमेर, दौसा, उदयपुर, कोटा, गंगानगर, बाड़मेर और जोधपुर में सरकार के भेदभाव और तबलीगी जमात के ख़िलाफ़ बोलने पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर मुक़दमे दर्ज किए गए है. कुछ जगह तो कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार भी किया गया है.
पूनियां ने आगे कहा की भाजपा विपक्ष की अपनी ज़िम्मेदारी को बखूबी निभा रही है. पूरे प्रदेश में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता बिना किसी की जाती धर्म देखे सेवा और राहत के कामों में लगें हुए है. लेकिन सरकार जनता का धर्म देखकर राशन और भोजन बांट रही है. स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी जो की अपनी ज़िंदगी दांव पर लगा कर इस ख़तरनाक वायरस से हमें बचा रहे है, उनके ऊपर हमले होते हैं और तुष्टिकरण में डूबी सरकार ऐसे अपराधियों पर सख़्त कार्रवाई नहीं करती है. विपक्ष के जनप्रतिनिधि उसकी पोल खोलते है तो उन पर मुक़दमा दर्ज कर लिया जाता है. कोरोना से निपटने में विफल होने पर नाकामी छुपाने और राजनैतिक विद्वेष के जरिए विधायकों और कार्यकर्ताओं पर बेवजह मुकदमें दर्ज करके डराने की नाकाम कोशिश गहलोत सरकार कर रही है.
बता दें, रामगंज मंडी से भाजपा विधायक मदन दिलावर के खिलाफ कोटा की महावीर थाना पुलिस ने आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. कांग्रेस कार्यकर्ता संजय शर्मा की ओर से दर्ज करवाई गई रिपोर्ट में दिलावर पर एक भड़काऊ वीडियो वायरल करने की शिकायत की गई गई. एफआईआर में बताया गया है कि दिलावर ने 9 अप्रैल को एक वीडियो वायरल करवाया जिसमें एक समुदाय विशेष के लोगों पर कोरोना संक्रमण फैलाने की बात सार्वजनिक रूप से कही. वहीँ 15 अप्रैल को लेटर हैड वायरल किया गया जिसमें राज्य सरकार पर कोरोना फैलाने, समुदाय विशेष पर मेहरबान होने और वोट बटोरने का आरोप लगाया गया.
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वहीं जयपुर के सांगानेर से विधायक अशोक लाहोटी के खिलाफ भी भड़काऊ बयानबाजी करने को लेकर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. जयपुर के रजत पथ निवासी रामचंद्र देवेंदा की रिपोर्ट पर जयपुर के मानसरोवर थाने में लाहोटी पर एफ़आईआर हुई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना महामारी के इस संकटकाल में भाजपा विधायक सोशल मीडिया पर भड़काऊ भाषण और अफवाह फैलाने का काम कर रहे हैं. पुलिस ने फिलहाल मामले की जांच शुरू कर दी है.